मुस्लिम से हिंदू बन प्रेम विवाह करने वाली लड़की को हाको से पुलिस सुरक्षा

मुस्लिम से हिन्दू बनी, आर्य समाज मंदिर में शादी; अब्बा और समुदाय के लोग दे रहे धमकी: महिला को सुरक्षा देने का HC का ​निर्देश
इलाहाबाद हाई कोर्ट
हिंदू धर्म स्वीकार करने वाली महिला को सुरक्षा मुहैया कराने के निर्देश
देहरादून 27 म ई । इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मुस्लिम से हिन्दू बनी महिला को सुरक्षा मुहैया कराने का निर्देश पुलिस को दिया है। महिला ने हिन्दू रीति-रिवाज से शादी की थी और उसके बाद से उसका अब्बा उसे लगातार धमकी दे रहा था। इसको लेकर महिला ने हाई कोर्ट से गुहार लगाई थी। उसकी याचिका पर गौर करने के बाद अदालतने ने बुधवार (26 मई 2021) को यह निर्देश दिया।

इलाहाबाद हाई कोर्ट के जस्टिस जेजे मुनीर ने मेरठ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) को आदेश देते हुए कहा कि याचिककर्ता (महिला) की पूरी सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। आदेश में कहा गया है कि पुलिस को सुनिश्चित करना होगा कि महिला और उसके पति को, महिला के घर के सदस्य, उसके समुदाय के लोग और स्थानीय पुलिस द्वारा कोई नुकसान न पहुँचाया जाए। कोर्ट ने कहा कि मेरठ SSP को यह देखना होगा कि महिला के पिता के कहने पर स्थानीय पुलिस महिला के शादीशुदा जीवन में कोई समस्या उत्पन्न न करे।

इसके साथ ही कोर्ट ने पुलिस को यह भी सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि महिला के परिवार या समुदाय के सदस्य इलेक्ट्रॉनिक माध्यम या शारीरिक माध्यम से महिला या उसके पति को नुकसान न पहुँचाए। साथ ही कोर्ट ने राज्य को इस मामले में जवाब देने के लिए 4 हफ्तों का समय भी दिया है। मामले में अगली सुनवाई 23 जून को होगी।

कोर्ट को दी गई सूचना के अनुसार मेरठ की रहने वाली 19 वर्षीय मुस्लिम महिला ने अपनी मर्जी से हिन्दू धर्म स्वीकार किया और मेरठ के आर्य समाज मंदिर में 16 अप्रैल 2021 को हिन्दू रीति-रिवाजों के अनुसार शादी की। महिला का कहना है कि वह जन्म से मुस्लिम थी, किन्तु हिन्दू धर्म में आस्था होने के कारण उसने अपनी मर्जी से हिन्दू धर्म अपनाया और अपना हिन्दू नाम रखा है। महिला ने कोर्ट को बताया कि वह अपने पति के साथ अपनी मर्जी से रह रही है।
इसके बाद से ही महिला के धर्म परिवर्तन और हिन्दू रीति-रिवाजों के अनुसार शादी करने के कारण उसके पिता, परिवार और समुदाय के लोगों से जान से मारने की धमकी मिल रही है। महिला ने बताया कि उसने इचौली थाना क्षेत्र में सुरक्षा की माँग की, लेकिन उसे सुरक्षा नहीं मिली। इसके बाद ही उसने इलाहाबाद हाई कोर्ट में अपनी और अपने पति की सुरक्षा के लिए आवेदन दिया।

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