मऊ: भाजपा में आते ही क्यों पिटे दारा सिंह,कारण पांच

Lucknow Politics Dara Singh Chouhan Defeated In Ghosi Byelection Know The Reason Of Sudhakar Singh Win
भाजपा का दारा, घोसी में क्यों हारा? हार-जीत के कारणों को पांच पाइंट में समझिए

घोसी उपचुनाव में भाजपा को बड़ा झटका लगा है। इंडिया बनाम एनडीए की पहली लड़ाई में भाजपा को हार मिली है। अभी लोकसभा चुनाव बाकी है। चुनाव में दारा सिंह की हार के कई फैक्टर हैं। सबसे बड़ा नुकसान उनके दलबदलू छवि की है। इसके अलावा भाजपा कार्यकर्ताओं की नाराजगी भी भारी पड़ गई।

दारा सिंह चौहान घोसी में हारे, भाजपा को हुआ नुकसान
लखनऊ : उत्तरप्रदेश के घोसी उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी दारा सिंह चौहान बड़े अंतर से हार गए।

लखनऊ 08 सितंबर। समाजवादी पार्टी के सुधाकर सिंह ने दारा सिंह चौहान को बड़े अंतर से हरा दिया। 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में दारा सिंह चौहान 20 हजार के अधिक वोटों से जीते थे। मगर उपचुनाव में घोसी की जनता ने उनका साथ नहीं दिया। उत्तर प्रदेश की राजनीति में दारा सिंह चौहान को मौसम वैज्ञानिक माना जाता है। वह अभी तक पांच बार पार्टी बदल चुके हैं। पिछले दो चुनाव से उनका आकलन गलत साबित हुआ। 2022 में दारा सिंह को उम्मीद थी कि भाजपा उत्तर प्रदेश की सत्ता में दोबारा नहीं लौटेगी मगर उनका अनुमान गलत साबित हुआ। दारा सिंह खुद को घोसी से जीत गए मगर उत्तर में योगी आदित्यनाथ की सरकार दूसरी बार बन गई।
दलबदलू की छवि पड़ गई भारी
दारा सिंह चौहान ने कांग्रेस से अपनी राजनीति शुरू की। इसके बाद उन्होंने मुलायम सिंह के दौर में समाजवादी पार्टी में शामिल हुए। सपा से बसपा में चले गए और फिर समाजवादी पार्टी में लौटे। 2017 में भाजपा से चुनाव लड़े और मधुबन सीट के विधायक बने। विधानसभा चुनाव से पहले दारा सिंह चौहान भाजपा छोड़कर समाजवादी पार्टी में शामिल हुए। जब भाजपा की सरकार बनी तो फिर से भाजपा का दामन थाम लिया। उपचुनाव में दारा सिंह का दलबदल जनता को रास नहीं आया। जुलाई में उन्होंने दोबारा भाजपा जॉइन की थी। दो महीने में उन्हें मौका नहीं मिला कि खुद को भाजपा कार्यकर्ता के तौर पर स्थापित कर सके। घोसी के वोटर उन्हें समाजवादी पार्टी के नेता ही समझ बैठे।

भाजपा कार्यकर्ताओं की नाराजगी

दारा सिंह के भाजपा में वापसी से स्थानीय भाजपा कार्यकर्ता भी नाराज बताए जा रहे थे। पिछले चुनावों में दारा सिंह चौहान ने समाजवादी पार्टी का कैंडिडेट बन भाजपा के स्थानीय कार्यकर्ताओं को काफी भला-बुरा कहा था। कई इलाकों में दारा समर्थक सपा कार्यकर्ताओं से भाजपा कार्यकर्ताओं की झड़प भी हुई थी। उपचुनाव में पार्टी के बड़े नेताओं ने दारा सिंह का खुलकर साथ दिया मगर कार्यकर्ताओं का दिल नहीं जीत पाए। भाजपा कार्यकर्ताओं ने भी उनमें दलबदलू की छवि देखी। साथ देने वाले राजभर भी दलबदलू का टैग लेकर ही समर्थन करते रहे, जिसे जनता ने पसंद नहीं किया।

बसपा ने भी कर दिया गेम

बहुजन समाज पार्टी ने इस चुनाव में अपने प्रत्याशी नहीं उतारे थे। इससे उलट समाजवादी पार्टी को कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों का समर्थन हासिल था। बसपा ने खुले तौर पर अपने कार्यकर्ताओं को नोटा पर वोट देने की अपील कर दी। साथ ही मायावती ने केंद्र सरकार की आलोचना कर यह संदेश दिया कि भाजपा को वोट देना जरूरी नहीं है। घोसी में दस प्रतिशत वोटर दलित बिरादरी के हैं। दलित वोटरों ने नोटा के बजाय सपा को वोट दिया। इस कारण दारा सिंह के हार का मार्जिन काफी बड़ा रहा। दारा सिंह मधुबन विधानसभा के रहने वाले हैं। इस कारण उन पर बाहरी होने का ठप्पा भी लगा।

ठाकुर-भूमिहार वोटर की नाराजगी

दारा सिंह चौहान को सवर्ण वोटर विशेषकर ठाकुर और भूमिहार वोटरों की नाराजगी की कीमत चुकानी पड़ी। योगी आदित्यनाथ भी प्रचार के लिए आखिरी चरण में उतरे। 2022 में भाजपा का साथ देने वाले ठाकुर और भूमिहार वोटर और कार्यकर्ता दारा सिंह चौहान के भाजपा में आने से खुश नहीं थे। उत्तर प्रदेश के बिजली मंत्री अरविंद शर्मा के समर्थक भी दारा सिंह चौहान से नाराज थे। अफसर से नेता बने अरविंद शर्मा मऊ के रहने वाले हैं। इसके अलावा किसानों ने भी भाजपा का विरोध किया। भाजपा को उम्मीद थी कि दारा सिंह चौहान को जाति का वोट बैंक ट्रांसफर हो जाएगा, मगर ऐसा नहीं हो सका और दारा सिंह चौहान हार गए।

घोसी में सपा की बड़ी जीत:सुधाकर ने 42672 वोटों से दारा सिंह को हराया; अखिलेश बोले-जीते तो एक विधायक, पर हारे कई दलों के भावी मंत्री

घोसी के घमासान में सपा ने बड़ी जीत दर्ज की है। सपा प्रत्याशी सुधाकर सिंह ने भाजपा के दारा सिंह को 42672 वोटों से हराया है। 2022 विधानसभा चुनाव में सपा से चुनाव लड़ रहे दारा सिंह ने 22000 वोटों से जीत दर्ज की थी। जीत को लेकर अखिलेश यादव ने कहा कि ये झूठे प्रचार और जुमला जीवियों की पराजय है। ये दलबदल-घरबदल की राजनीति वालों की हार है।

उन्होंने कहा कि ये नतीजा भाजपा का अहंकार और घमंड को चकनाचूर करने वाला है। ये एक ऐसा चुनाव है, जिसमें जीते तो एक विधायक हैं। पर हारे कई दलों के भावी मंत्री हैं। इंडिया टीम है और PDA रणनीति। जीत का हमारा ये नया फॉर्मूला सफल साबित हुआ है। घोसी की जनता को धन्यवाद। सुधाकर सिंह को जीत की बधाई।

भाजपा की हार पर ओपी राजभर ने कहा कि जो रिजल्ट आ रहा है, हम उसका स्वागत करते हैं। विपक्ष जब हारता है तो EVM पर सवाल उठाता है। अब तो ये प्रमाण हो गया कि EVM सही है।  राजभर से पूछा कि क्या आप इस परिणाम से सीख लेंगे? जवाब में उन्होंने कहा कि बिल्कुल सीख लेंगे। जो कमी रहेगी, उसे आने वाले चुनाव में सुधारा जाएगा।

वहीं RLD प्रमुख जयंत चौधरी ने कहा कि बड़ी जीत दर्ज करा कर INDIA का हौसला बढ़ाने के लिए घोसी, उत्तर प्रदेश के मतदाताओं को धन्यवाद। घोसी से प्रत्याशी सुधाकर सिंह और अखिलेश यादव को बधाई।

अब टेबल के जरिए जानिए किसे किस राउंड में कितने वोट मिले…

राउंड- सुधाकर सिंह- दारा सिंह चौहान -अंतर

1- 3281                 3203              78
2- 6844                 5472            1372
3- 10334               8342            1992
4- 14286               10219          4067
5- 18946               11927          7019
6- 22785               14228         8557
7- 25496                18311        7185
8- 29030                 22147       6883
9- 34117               24885         9113
10- 38635              26496        12139
11 -43832               28100       15732

12- 48202                29987       18215
13 -51844                32400       19444
14- 54963                 35935       19028
15 -58771                 38056        20715
16 – 63050                 40918       22132
17-  66707                 43784       22923
18 – 71136                 46537       24599
19 -74946                  49813      25133

20- 77994                   53722     24272
21-81274                    56472     24802
22 -84417                   58684      25733
23 -88701                   60712       27989
24 -93196                   62570       30626
25- 97544                  63762        33782
26- 101012                65979        35033
27 -105237                 68158        37079

स्वामी प्रसाद मौर्या ने कहा- हम तो पहले से ही बोल रहे थे, इस चुनाव में सपा की बड़ी जीत होगी। जिस तरह से लोगों ने दल बदल कर घोसी की जनता का अपमान किया है, ये उसी का बदला है।
योगी सरकार में मंत्री संजय निषाद ने कहा- अगर एरिया पाकिस्तान वाला है, तो बक्से जब खुलते हैं, लगता है कि पाकिस्तान जीत रहा है। जब एरिया हमारे लोगों का आता है, तो पता चला वह गायब हो जाते हैं। ​​
संजय निषाद के बयान पर शिवपाल यादव ने पटलवार किया। ​​​​​उन्होंने कहा-कोई इन्हें बताए कि ये ‘इंडिया दैट इज भारत’ है, जहां हर भारतीय भारत माता की संतान है और एक सम्मानित नागरिक है।
योगी-अखिलेश की प्रतिष्ठा दांव पर थी
भाजपा ने उपचुनाव में मंत्रियों की फौज उतार दी थी। भाजपा के लिए 26 मंत्री और 60 से ज्यादा विधायक ने प्रचार किया। मुख्यमंत्री योगी ने भी चुनावी जनसभा की। ​​​​​

भाजपा ने पिछड़ी जाति के वोटरों को साधने के लिए ओपी राजभर को, निषाद वोटरों को साधने के लिए संजय निषाद, कुर्मी वोटरों को साधने के लिए एके शर्मा और स्वतंत्र देव सिंह, ब्राह्मण वोटरों को साधने के लिए उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, मुस्लिम समाज के पसमांदा वोटरों को साधने के लिए दानिश आजाद अंसारी को घोसी के रण में उतरा गया।
इधर, सपा की तरफ से अखिलेश यादव, शिवपाल यादव समेत कई नेता चुनावी मैदान में उतर चुके हैं।​ शिवपाल तो नामांकन के बाद से ही घोसी में डटे रहें। अपने प्रत्याशी के लिए शिवपाल यादव ने डोर-टू-डोर कैंपेन किया।

6 साल में चौथी बार हुए चुनाव
घोसी विधानसभा सीट पर 6 साल के भीतर चौथी बार चुनाव हुए हैं। दिलचस्प है कि PDA (पिछड़ा, दलित अल्पसंख्यक) का नारा बुलंद करने वाली समाजवादी पार्टी ने क्षत्रिय बिरादरी के उम्मीदवार पर दांव लगाया है, जबकि बीजेपी की ओर से दलबदल के लिए चर्चित रहे दारा सिंह चौहान की प्रतिष्ठा दांव पर है।

क्यों हुआ उपचुनाव?
सपा छोड़कर भाजपा में शामिल हुए दारा सिंह ने विधायकी से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद यह सीट खाली हो गई। फिर 8 अगस्त को उपचुनाव का ऐलान हुआ। 10 अगस्त से नामांकन से शुरू हुआ, जिसके लिए अंतिम तिथि 17 अगस्त रखी गई थी। वहीं, चुनाव प्रचार 3 सितंबर तक चला। 5 सितंबर को वोटिंग हुई थी।

एक नजर प्रबल उम्मीदवारों के राजनीतिक करियर पर

अब बात 2022 के चुनावी नतीजे
2022 के विधानसभा चुनाव में घोसी से 11 उम्मीदवार चुनाव लड़े थे, तब BJP से बागी होने वाले दारा सिंह चौहान को सपा ने टिकट दिया था। चौहान ने 108,430 वोट हासिल कर BJP के विजय कुमार राजभर को 22 हजार से ज्यादा वोटों से मात दी। राजभर को 86,214 वोट मिले। वहीं, तीसरे पायदान पर रहे BSP उम्मीदवार वसीम इकबाल को 54,248 वोट मिले थे।

घोसी सीट का दिलचस्प चुनावी इतिहास
घोसी विधानसभा सीट 1951 में आजमगढ़ जिले का हिस्सा थी। तब घोसी पूर्व से सोशलिस्ट पार्टी के राम कुमार और पश्चिम घोसी से यूपी रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के झारखंड राय चुनाव जीते थे। 1957 में अस्तित्व में आई घोसी सीट से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के टिकट से झारखंड राय को कामयाबी मिली।

राय ने इसी सीट से 1962 और 1967 में भी भाकपा उम्मीदवार के तौर पर जीत दर्ज की। साल 1968 में घोसी लोकसभा सीट से लोकसभा का चुनाव जीतकर सांसद बने। 1971 और 1980 में भी इसी संसदीय सीट से जीते, लेकिन 1977 में चुनाव हार गए।

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