महाराष्ट्र में उलटफेर: अजीत पवार उपमुख्यमंत्री,आठ NCP विधायक बने मंत्री

अजित पवार पांचवीं बार महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री बने:31 महीने में तीसरी बार शपथ ली; NCP के 8 विधायक भी मंत्री बने

राजभवन में उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद अजित पवार।
मुंबई 02 जुलाई। महाराष्ट्र में रविवार को बड़ा राजनीतिक उलटफेर हुआ। NCP के अजित पवार ने दोपहर ढाई बजे शिवसेना के एकनाथ शिंदे की सरकार में उपमुख्यमंत्री  पद की शपथ ली। शपथ के तुरंत बाद ट्विटर प्रोफाइल बदला और लिखा- Dypty CM of MAHARASHTRA

अजित पवार 8 विधायकों छगन भुजबल, धनंजय मुंडे, अनिल पाटिल, दिलीप वलसे पाटिल, धर्मराव अत्राम, सुनील वलसाड, अदिति तटकरे और हसन मुश्रीफ के साथ दोपहर करीब 2 बजे राजभवन पहुंचे थे। 3 बजते-बजते मुख्यमंत्री शिंदे और उपमुख्यमंत्री  देवेंद्र फडवणीस की मौजूदगी में सभी को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई।

अजित पवार ने पांचवीं बार महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री की शपथ ली। 1999-2014 के दौरान महाराष्ट्र में कांग्रेस-NCP गठबंधन की सरकार में वह दो बार उप मुख्यमंत्री रहे। नवंबर 2019 में अजित पवार ने विद्रोह कर देवेंद्र फडणवीस के साथ सरकार बनाई और उप मुख्यमंत्री बने।

दो दिन बाद सरकार गिर गई। इसके 2 दिन बाद उद्धव ठाकरे की सरकार बनी जिसमें वह उपमुख्यमंत्री बनाये गये। अब पांचवीं बार शिंदे की सरकार में उपमुख्यमंत्री बने हैं।

शरद पवार का राहुल को समर्थन देना नाराजगी का कारण
न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, अजित समेत बाकी विधायक शरद पवार के पटना में विपक्षी एकता बैठक में मंच साझा कर राहुल गांधी के साथ सहयोग करने के एकतरफा फैसले से नाराज थे।

महाराष्ट्र में अगले साल अक्टूबर में विधानसभा चुनाव होंगें । इसके छह महीने पहले लोकसभा सामान्य चुनाव होंगे। अजित के शामिल होने के बाद एकनाथ शिंदे ने कहा कि हम विधानसभा और लोकसभा में पहले से ज्यादा सीटें जीतेंगे। महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि हमारी सरकार को 40 NCP विधायकों का समर्थन है।

ऐसे में अब महाराष्ट्र में नेता विपक्ष का पद कांग्रेस को मिल सकता है। विपक्ष में सबसे ज्यादा 44 सीटें कांग्रेस के पास हैं।

 

अजित बोले- उद्धव के साथ सरकार बनाई थी, तो शिंदे के साथ आने में क्या गलत

शपथ समारोह के बाद अजित पवार ने कहा- मंत्रिमंडल का और विस्तार होगा। कुछ और मंत्री सरकार में शामिल हो सकते हैं। कई दिनों से इस पर बातचीत चल रही थी। प्रधानमंत्री मोदी देश के विकास को पिछले 9 साल से अच्छे काम कर रहे हैं। मुझे लगा कि हमें भी उनका साथ देना चाहिए। इसलिए मैं NDA में शामिल हुआ।महाराष्ट्र को विकास करने वाला नेतृत्व चाहिए। भुजबल और मैंने विकास को वरीयता दी। केंद्र का सहयोग और पैसा महाराष्ट्र को मिलता रहे। इसलिए हमने यह फैसला लिया। पार्टी भी हमारे साथ है। आगे भी सभी चुनाव हम पार्टी के नाम और सिंबल पर ही लड़ेंगें।नगालैंड में भी ऐसा हुआ था। वहां भी हमारी पार्टी के 7 विधायकों ने ‌BJP के साथ जाने का फैसला लिया था। हमने उद्धव के साथ भी सरकार बनाई थी, तो शिंदे के साथ जाने में क्या गलत है? हमारे पास सरकार चलाने का अनुभव है।

भुजबल बोले- शरद पवार ने कहा था मोदी सरकार फिर से आने वाली है
छगन भुजबल बोले– शरद पवार ने भी कहा था कि देश में मोदी सरकार ही फिर से आने वाली है। कई लोग कहेंगे कि हमारे खिलाफ जांच एजेंसियों के केस हैं, इसलिए हम साथ आए लेकिन कई विधायक हैं जिनके खिलाफ कोई केस नहीं है, वे भी शिंदे सरकार के साथ आए हैं।

अजित के उपमुख्यमंत्री बनने के बाद 3 बड़े बयान…

1. शरद पवार बोले- मुझे लोगों का समर्थन, मैं मजबूत हूं
शिवसेना (उद्धव गुट) के नेता संजय राउत ने कहा- मेरी अभी शरद पवार जी से बात हुई है। उन्होंने कहा कि वो मजबूत हैं और उन्हें जन समर्थन प्राप्त है। हम उद्धव ठाकरे के साथ फिर से सब कुछ ठीक करेंगें। लोग इस गेम को ज्यादा दिन सहन नहीं करेंगें।

2. एकनाथ शिंदे बोले- अब ट्रिपल इंजन की सरकार
एकनाथ शिंदे ने कहा- अजित पवार के आने से सरकार को फायदा होगा। प्रदेश तेजी से विकास करेगा। अब ट्रिपल इंजन की सरकार हो गई है।

3. जो हुआ वह महाराष्ट्र के हित में है: फडणवीस
फडणवीस ने कहा- आज जो कुछ हुआ, वह महाराष्ट्र के हित में है। भाजपा, शिंदे और अजित पवार… तीनों मिलकर महाराष्ट्र के विकास को गति देंगे।

अजित ने सुबह विधायकों की मीटिंग ली, सुप्रिया मौजूद पर शरद पवार को जानकारी नहीं थी

अजित पवार ने रविवार को मुंबई में अपने आधिकारिक आवास पर पार्टी के कुछ नेताओं और विधायकों के साथ मीटिंग की। इसमें राकांपा कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले थीं। अजित पवार के राजभवन पहुंचने के समय NCP चीफ शरद पवार पुणे में थे। उन्हें विधायकों की मीटिंग की जानकारी नहीं थी। बाद में उन्हें इसका पता लगा तो बोले- अजित पवार  नेता विपक्ष हैं तो उन्हें विधायकों की बैठक बुलाने का अधिकार है।

अजित पवार की नाराजगी के दो कारण…

पहला कारण: शरद पवार का इस्तीफा और फिर पलटना

रिपोर्ट्स के मुताबिक, अजित पवार शरद पवार से नाराज चल रहे थे। पहली बार 2 मई को जब शरद पवार ने NCP अध्यक्ष पद छोड़ा था तो इस बात की संभावना थी कि अजित पवार को पार्टी की कमान मिलेगी। जब पार्टी नेताओं और समर्थकों ने शरद पवार के फैसले का विरोध किया तो अजित ने खुलेआम कहा था कि इस विरोध से कुछ नहीं होगा।

पवार साहब अपना फैसला नहीं बदलेंगे। हालांकि 4 दिन में ही पवार ने अपना त्यागपत्र वापस ले लिया। उन्होंने जब इस बात की जानकारी मीडिया को दी तो अजित पवार वहां नहीं थे। तब चर्चा थी कि अजित शरद पवार के फैसले से नाराज हैं।

दूसरा कारण: संगठन में दो कार्यकारी अध्यक्ष बनाया जाना

दूसरी घटना हाल ही में पार्टी संगठन में हुआ फेरबदल है। शरद पवार ने 10 जून यानी पार्टी के 25वें स्थापना दिवस पर बेटी सुप्रिया सुले और प्रफुल्ल पटेल को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष समेत विभिन्न राज्यों का प्रभार दे दिया। इसके बाद अजित पवार की नाराजगी की खबरें आईं। हालांकि, उन्होंने इससे इनकार किया। शरद पवार ने भी कहा कि अजित पहले से ही विपक्ष के नेता की बड़ी जिम्मेदारी पर हैं। वे राज्य देखेंगें।

रोचक तथ्य- राजभवन में 4 साल में 4 शपथ ग्रहण…

महाराष्ट्र में 2019 से अब तक 4 बार शपथ ग्रहण हो चुका है। नवंबर 2019 में अजित पवार ने भाजपा सरकार में उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। सरकार केवल 80 घंटे चली थी। इसके बाद 2019 में ही अजित ने महाराष्ट्र विकास अघाड़ी गठबंधन सरकार में उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। यह सरकार जून 2022 में गिर गई। इसके बाद 30 जून 2022 को एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। चौथा शपथग्रहण एक बार फिर अजित पवार का हुआ। उन्होंने आज 2 जुलाई 2023 को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली।

 

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