अनुच्छेद 370: याचिकाकर्ता लोन को देशविरोधी नारे पर सुको में मांगनी होगी माफी

जब सुप्रीम कोर्ट में बोला केंद्र- विधानसभा में ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ का नारा लगाने के लिए माफी मांगे NC नेता अकबर लोन

Supreme Court Hearing on Article 370: केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि वह चाहती है कि नेशनल कांफ्रेंस के नेता मोहम्मद अकबर लोन साल 2018 में जम्मू-कश्मीर विधानसभा में ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ का नारा लगाने के लिए माफी मांगें. लोन पहले राज्य रहे जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को खत्म किए जाने को चुनौती देने वाले प्रमुख याचिकाकर्ता हैं. सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा कि जब लोन के जवाब की बारी आएगी तो वह उनसे एक बयान देने को कहेगी.

सुप्रीम कोर्ट में अनुच्छेद 370 को खत्म किए जाने के मामले पर सुनवाई में नेशनल कांफ्रेंस के विधायक के देश विरोधी नारे का मुद्दा उठा. (Image:AFP)
मुख्य बिंदु
केंद्र ने कहा- नेकां के मोहम्मद अकबर लोन ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ का नारा लगाने के लिए माफी मांगें.
लोन अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने को चुनौती देने वाले प्रमुख याचिकाकर्ता हैं.
केंद्र कहा कि उन्हें बताना होगा कि वह संविधान के प्रति निष्ठा रखते हैं.
नई दिल्ली 04 सितंबर. केंद्र सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में कहा कि वह चाहती है कि नेशनल कांफ्रेंस (National Conference) के नेता मोहम्मद अकबर लोन साल 2018 में जम्मू-कश्मीर विधानसभा में ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ का नारा लगाने के लिए माफी मांगें. लोन पहले राज्य रहे जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 (Article 370) को निरस्त किए जाने को चुनौती देने वाले प्रमुख याचिकाकर्ता हैं. केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ (DY Chandrachud) के नेतृत्व वाली पांच जजों पीठ से कहा कि लोन धारा 370 को खत्म करने को चुनौती देने वाले प्रमुख याचिकाकर्ता हैं लेकिन उन्हें सिद्ध करना होगा कि वह संविधान के प्रति निष्ठा रखते हैं. साथ ही उनको सदन में देशविरोधी नारा लगाने को माफी मांगी होगी.

सुप्रीम कोर्ट की इस पीठ में जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस सूर्यकांत भी शामिल रहे. पीठ ने कहा कि जब लोन के जवाब की बारी आएगी तो वह उनसे एक बयान देने को कहेगी. कोर्ट ने कहा कि उसने अखबार में प्रकाशित खबर पढ़ी है और अदालत में दिये गये तर्कों पर संज्ञान लिया है. वहीं मेहता ने कहा कि ‘वरिष्ठ नेताओं के इन बयानों का अपना काफी असर होता है.अगर इसमें माफी नहीं मांगी जाती तो दूसरे लोगों का भी दुस्साहस बढेगा. इससे जम्मू कश्मीर में सामान्य स्थिति वापस लाने के उठाए कदमों पर असर पड़ेगा.’

लोन से माफी मांगने की मांग
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि लोन को शपथपत्र में यह भी कहना चाहिए कि वह जम्मू कश्मीर मे आतंकवाद और पृथकतावाद का विरोध करते हैं. हस्तक्षेपकर्ताओं की ओर से पेश और अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने का समर्थन कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश द्विवेदी और वी गिरी ने मेहता का समर्थन किया कि लोन को नारे लगाने के लिए माफी मांगते हुए एक शपथपत्र देना चाहिए. कश्मीरी पंडितों के एक समूह ने एक सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में नेकां नेता लोन की साख पर सवाल उठाते हुए दावा किया था कि वह पृथकतावादी ताकतों के समर्थक हैं.

लोन पर पृथकतावाद के समर्थन का आरोप
कश्मीरी पंडित युवाओं का समूह होने का दावा करने वाले ‘रूट्स इन कश्मीर’ ने सप्रीम कोर्ट में एक हस्तक्षेप अर्जी दायर कर मामले में कुछ अतिरिक्त दस्तावेजों और तथ्यों को रिकॉर्ड पर लाने का आग्रह किया था.अर्जी में आरोप लगाया गया कि जम्मू कश्मीर नेशनल कांफ्रेंस के नेता मोहम्मद अकबर लोन को ‘जम्मू कश्मीर में सक्रिय अलगाववादी ताकतों का समर्थक जाना जाता है,जो पाकिस्तान का समर्थन करते हैं.’

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Tags: Article 370, Jammu and kashmir, Justice DY Chandrachud, Supreme Court

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