‘वसीम औरों जैसा नहीं’, ‘मेरी मर्जी’ वाली कीर्ति जैन ने तीन साल में ही जहर खा दी जान

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वसीम दूसरों जैसा नहीं… कह कर परिवार को ठुकराया, 3 साल बाद जहर खाकर मरी कीर्ति

कीर्ति और वसीम (तस्वीर साभार: स्वाति गोयल शर्मा का ट्विटर अकॉउंट)

मध्य प्रदेश के गुना जिले में एक जैन लड़की ने दूसरे समुदाय के युवक से निकाह करने के कुछ साल बाद आत्महत्या करके अपनी जान दे दी। मृतिका के परिजनों ने आरोप लगाया कि ये सब कुछ उससे जबरदस्ती करवाया गया। 11 जुलाई 2021 को परिजनों ने इस बाबत युवक और उसके परिवार के ख़िलाफ़ दहेज प्रताड़ना का मुकदमा दर्ज करवाया है।

स्वराज्य मैग्जीन की पत्रकार स्वाति गोयल शर्मा ने अपने ट्विटर अकॉउंट पर कीर्ति जैन नाम की लड़की की पूरी कहानी शेयर की है। उनके ट्वीट के मुताबिक, कीर्ति 3 साल पहले (2018 में) वसीम कुरैशी नाम के लड़के के साथ भाग गई थी और अब तीन दिन पहले खबर आई कि उसने सलफास खाकर आत्महत्या कर ली।

लड़की, गुना जिले के एक मध्यम वर्गीय परिवार से संबंध रखती थी, लेकिन वसीम के परिवार की आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं थी। वह कीर्ति के घर से कुछ किलोमीटर की दूरी पर रहता था और तबसे उसका पीछा करता था, जब वह एक नाबालिग थी और बस स्कूल जाया करती थी।

3 साल पहले कीर्ति जब 18 साल की पूरी हुई तो वसीम उसे अपने साथ भगा ले गया। उसके भाई कुलदीप ने बताया कि वसीम उन लोगों से कभी नहीं मिला था। मगर, जब उन्हें कीर्ति के साथ उसके संबंधों का मालूम हुआ तो उन्होंने उसका पता लगाया और मामला कोर्ट पहुँचने से पहले बाहर सुलझा लिया गया।

 

कुलदीप बताते हैं कि उन्होंने अपनी बहन को समझाने की बहुत कोशिश की थी। उनके समुदाय की साध्वियों ने भी उससे मुलाकात करके उसे समझाया। लेकिन कीर्ति यही दोहराती रही कि वह अब बालिग है और अपनी इच्छा से कुछ भी करने के लिए आजाद है। कुलदीप ने उसे समझाने के लिए ‘लव जिहाद’ के बारे में भी बताया, मगर उस पर वसीम का भूत सवार था।


अपने परिवार की बातों को नजरअंदाज करके उसने कहा कि वह लोग (परिवार वाले) वसीम को जानते ही नहीं हैं। वो तो मीट माँस भी छोड़ने को तैयार था। कीर्ति ने अपने घरवालों को आश्वस्त करते हुए कहा कि भले ही वसीम मुस्लिम है लेकिन इस वजह से उसका नाम या जीवनशैली पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

घटना के कुछ माह बाद कीर्ति फिर घर से भाग गई। दूसरी बार घरवालों ने पुलिस में शिकायत दी, लेकिन आखिर में उन्हें अपने हाथ बाँधने पड़े क्योंकि कोर्ट में लड़की ने ये कह दिया था कि वह अपनी मर्जी से भागी है। इसके बाद सोशल मीडिया पर उसकी एक वीडियो सामने आई जिसमें उसे कहते सुना गया कि उसने वसीम से निकाह कर लिया है।

स्वाति गोयल के ट्विट्स के अनुसार, कीर्ति ने जैनब बनने के बाद वसीम से निकाह किया था और फिर वह गुना से दूर रहने लगी। कुछ माह बाद उसने अपने घरवालों से संपर्क किया और बेहद परेशान हालत में बताया कि वसीम का परिवार तो बहुत ज्यादा गरीब है और वह खुद भी कुछ नहीं कमाता।

जब कीर्ति ने अपने परिजनों को संपर्क किया था उस समय वह गर्भ से थी। उसकी स्थिति जानकर घरवालों ने उसे 2 लाख रुपए डिलिवरी और उसकी तबीयत का ध्यान रखने के लिए दिए। लेकिन बाद में कीर्ति को परिजनों से मिलने से मना कर दिया गया। परिजनों ने दोबारा कहा कि अगर वह वसीम को छोड़कर लौटना चाहती है तो आ जाए। वह सब उसके साथ हैं।

हालाँकि, कीर्ति ने यह कदम नहीं उठाया। निकाह के एक साल में उसने बेटी को जन्म दिया और बाद में पैसों के लिए अपने मायके फोन करती रही। परिजनों से बात करते हुए उसने कहा कि उसे समझ नहीं आता कि जब वसीम कुछ कमाता ही नहीं है तो आखिर वह शादी से पहले उसे महंगी बाइक पर कैसे जगह-जगह घुमाता था।

कोरोना की दूसरी लहर में कीर्ति का अपने परिवार वालों से बातचीत बिलकुल बंद हो गई और इस हफ्ते उन्हें आत्महत्या का तब पता चला जब पुलिस ने कुलदीप से अस्पताल आने को कहा। वह वहाँ पहुँचे लेकिन कीर्ति तब तक दम तोड़ चुकी थी।

कुलदीप व उनके घरवालों ने उसका दाह संस्कार जैन रिवाजों से किया, जिसमें वसीम व उसके परिजन बीच में आ गए और कहने लगे कि कीर्ति मुसलमान बन गई थी, इसलिए उसे दफनाया जाना चाहिए। उनकी बात सुनकर पुलिस ने सबूत माँगा लेकिन वह ये सब साबित नहीं कर पाए।

 

अब वसीम और उसके परिवार के ख़िलाफ़ गुना पुलिस में मृतिका के परिजनों ने दहेज प्रताड़ना (498ए) व दहेज के लिए हत्या (304बी) का मामला दर्ज करवाया है। इस संबंध में पुलिस ने भी 11 जुलाई को बयान जारी किया है। वसीम की गिरफ्तारी हो चुकी है। इस बीच कीर्ति की एक वीडियो सामने आई है। इसमें वह सलफास खाने के बाद अस्पताल में है। बयान में वह कह रही है कि उसने गलती से जहर खाया जबकि कुलदीप का कहना है कि शायद उसे जहर पीने को मजबूर किया गया हो और ऐसा बयान देने के लिए दबाव बनाया गया हो

 

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