तिगडमें फेल:शरद यादव को खाली करना ही होगा सरकारी बंगला

शरद यादव को खाली ही करना होगा सरकारी बंगला, सुप्रीम कोर्ट ने दी 31 मई तक की मोहलत

दिल्ली हाई कोर्ट ने 15 मार्च को दिेए आदेश में शरद यादव से कहा था कि वह तुगलक रोड स्थित सरकारी बंगला 15 दिनों में खाली करें। इस फैसले के खिलाफ शरद यादव ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दाखिल की थी।
नई दिल्ली 31 मार्च: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अयोग्य ठहराए गए राज्यसभा सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव (Sharad Yadav) को 31 मई तक सरकारी घर खाली करने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच के सामने शरद यादव के स्वास्थ्य का हवाला दिया गया। सुप्रीम कोर्ट ने यादव के खराब स्वास्थ्य के मद्देजनर उन्हें मानवीय आधार पर समय दिया है और कहा है कि 31 मई तक वह सरकारी घर खाली करें।

इस आदेश से पहले शरद यादव से कहा गया है कि उन्हें इस बारे में एक एफिडेविट देना होगा कि वह 31 मई तक सरकारी घर खाली करेंगे। दिल्ली हाई कोर्ट ने 15 मार्च को दिेए आदेश में शरद यादव से कहा था कि वह तुगलक रोड स्थित सरकारी बंगला 15 दिनों में खाली करें। इस फैसले के खिलाफ शरद यादव ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दाखिल की थी। शरद यादव का कहना था कि उन्हें कई बीमारियां हैं और मानवीय आधार पर उनकी अपील पर विचार किया जाए।

कभी NDA के संयोजक थे शरद यादव, अब दिल्ली में रहना भी मुश्किल; SC बोला खाली करो घर

सुप्रीम कोर्ट ने शरद यादव को एक सप्ताह के भीतर एक हलफनामा देने को कहा कि वह कब तक बंगला खाली कर देंगे। एक सप्ताह के भीतर अंडरटेकिंग जमा नहीं करने की स्थिति में यादव को दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश के अनुरूप बंगला खाली करना होगा।
supreme court directs sharad yadav to vacate his bungalow by may 31 furnish undertaking

राष्ट्रीय जनता दल के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव को 31 मई 2022 तक बंगला खाली करना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को शरद यादव को मानवीय आधार पर संसद सदस्य के रूप में आवंटित सरकारी बंगले को खाली करने के लिए 31 मई तक समय दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने शरद यादव को एक सप्ताह के भीतर एक हलफनामा देने को कहा कि वह कब तक बंगला खाली कर देंगे। एक सप्ताह के भीतर अंडरटेकिंग जमा नहीं करने की स्थिति में यादव को दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश के अनुपालन में बंगले को तत्काल खाली करना होगा।

जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, संजीव खन्ना और सूर्यकांत की पीठ ने कहा, ‘वकील को सुनने के बाद, हमारा विचार है कि न्याय का अंत विशुद्ध रूप से मानवीय आधार पर होगा, याचिकाकर्ता को 31 मई, 2022 के भीतर बंगले को खाली करने का समय दिया जाता है, बशर्ते कि वह उक्त तारीख को या उससे पहले खाली हो जाए।’ शरद यादव को साल 2008 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) का कार्यकारी संयोजक बनाया गया था। बाद में उनकी पार्टी के एनडीए से अलग हो जाने के बाद उन्होंने संयोजक पद से इस्तीफा दे दिया था।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इसके लिए आज से एक सप्ताह की अवधि के भीतर अंडरटेकिंग दायर की जाएगी। अगर इसे दायर करने में याचिकाकर्ता विफल रहता है तो वो 31 मई तक बंगाल खाली करने का लाभ खो देगा और उसे हाई कोर्ट के आदेश के अनुसार बंगले को तुरंत खाली करना होगा।

असल में शरद यादव को मौजूदा बंगला एनडीए संयोजक के नाते मिला था जिस पर उन्होंने केवल राज्यसभा सदस्य रहने पर भी कब्जा बनाए रखा। सब जगह से बेदखल हो जाने पर बंगला कब्जाये रखने को उनकी  राज्यसभा में दोबारा आना सुनिश्चित करने को उन्होंने इसी माह अपना पाकेट राजनीतिक दल लालू के राजद में विलीन किया लेकिन बात बनी नहीं।

लालू की RJD में लोकतांत्रिक जनता दल का विलय, शरद यादव बोले- बिहार का भविष्य हैं तेजस्वी

शरद यादव ने एलजेडी का गठन मई 2018 में किया था. लेकिन स्थापना के बाद भी इस दल ने कोई चुनाव नहीं लड़ा है. 2019 का लोकसभा चुनाव में शदर यादव आरजेडी के टिकट पर ही मधेपुरा क्षेत्र से लड़े थे.

लोकतांत्रिक जनता दल का राष्ट्रीय जनता दल में विलय. (फाइल फोटो)

वरिष्ठ समाजवादी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव (Sharad Yadav) की पार्टी लोकतांत्रिक जनता दल (एलजेडी) का राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) में विलय हो गया. इस दौरान शरद यादव ने कहा कि ये विलय व्यापक एकता के लिए पहला कदम है. इसमें हमने अपनी पहल कर दी है, पूरे देश के विपक्ष के एक होने के बाद ही बीजेपी को हरा सकते हैं. उन्होंने कहा कि बिहार का आने वाला भविष्य तेजस्वी यादव (Tejasvi Yadav) हैं. यह विलय शरद यादव के दिल्ली आवास पर राष्ट्रीय जनता दल के नेता और बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के मौजूदगी में हुआ. जनता दल यूनाइडेट से हटने के बाद शरद यादव ने लोकतांत्रिक जनता दल नाम से अपनी अलग पार्टी बनाई थी.

भाजपा को हटाने के लिए विपक्षी एकता जरुरी

दरअसल अपने पूर्व सूचना के आधार पर शरद यादव ने दिल्ली में लालू प्रसाद यादव की राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के साथ अपनी पार्टी लोकतांत्रिक जनता दल (LJD) का विलय कर दिया है. इस दौरान उन्होंने कहा कि यह विलय विपक्षी एकता की दिशा में पहला कदम है. भाजपा को हराने के लिए विपक्ष को एकजुट हो जाना चाहिए. फिलहाल एकजुटता हमारी प्राथमिकता है, विपक्ष के नेतृत्व पर बाद में विचार किया जाएगा.

लोकतांत्रिक जनता दल की स्थापना

शरद यादव (Sharad Yadav) ने लोकतांत्रिक जनता दल का गठन मई 2018 में किया था. स्थापना के बाद से इस दल ने कोई चुनाव नहीं लड़ा. 2019 का लोकसभा चुनाव शदर यादव ने खुद आरजेडी के टिकट पर मधेपुरा से लड़ा था. इस चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था. वहीं 2020 का विधानसभा चुनाव उनकी बेटी सुहासिनी यादव ने बिहारीगंज सीट से कांग्रेस के टिकट पर लड़ा. उन्हें भी हार का सामना करना पड़ा था.

तेजस्वी यादव की तारीफ

आरजेडी की कमान फिलहाल तेजस्वी यादव (Tejasvi Yadav) संभाल रहे हैं. शरद यादव ने विलय के बाद तेजस्वी की तारीफ करते हुए कहा था कि वह बिहार का भविष्य हैं.

 

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