लखीमपुर-खीरी हिंसा है षड्यंत्र: भिंडरावाले शर्ट पहने लोगों की शुरूआत, नौवां मृतक पत्रकार

भिंडरावाला की टीशर्ट में किसान, कहीं ये साजिश तो नहीं:अलगाववादी टी शर्ट पहने लोगों ने गाड़ियों पर हमला किया, उनके पास लाठी-डंडे भी थे; इसी के चलते उग्र हुआ आंदोलन

किसानों की भीड़ में कुछ लोग भिंडरावाला की टीशर्ट पहनकर आए थे।

लखीमपुर-खीरी 04 अक्टूबर। लखीमपुर खीरी में किसानों और भाजपा नेताओं के बीच झड़प में 9 लोगों की मौत हो चुकी है। इस घटना के कई वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया मे वायरल हैं, जहां किसानों की भीड़ में कुछ लोग भिंडरावाला की टीशर्ट पहने हुए हैं। कुछ लोग जरनैल सिंह भिंडरावाला की तस्वीर वाली टी-शर्ट पहनकर गाड़ियों पर हमला करते दिखाई दे रहे हैं। वे हाथों में लाठी-डंडे भी लिए हुए हैं।

भिंडरावाला का किसानों से कोई संबंध नहीं है। आंदोलन के बीच उसकी टी शर्ट पहले लोग वहां क्या कर रहे थे, इसको लेकर काेई अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। ऐसे में यह घटना किसी साजिश की तरफ भी इशारा कर रही है।

रविवार को किसानों के प्रदर्शन के दौरान भिंडरावाला की टी शर्ट पहने हुए लोग।

मरनेवालों में एक पत्रकार भी शामिल

लखीमपुर में हिंसा में मारे गए 9 लोगों में 4 किसान, 4 भाजपा कार्यकर्ता और 1 पत्रकार है। किसान संगठनों ने केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र के बेटे आशीष मिश्र पर गाड़ी से कुचलकर मारने का आरोप लगाया है। मंत्री और सांसद मिश्रा ने इसे नकारते हुए आंदोलनकरियों पर भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या करने का आरोप लगाया है।

घटना को लेकर राज्यमंत्री के बेटे आशीष मिश्र का कहना है कि वह तो वहां पर उपस्थित ही नहीं थे। वे तो दंगल के आयोजन में व्यस्त थे और वह उस गाड़ी में थे ही नहीं, जिस गाड़ी के साथ यह हादसा हुआ। उसमें उनके कार्यकर्ता थे।

कौन है भिंडरावाला?

जरनैल सिंह भिंडरांवाला का असली नाम जरनैल सिंह बराड़ है। वह पंजाब में सिखों के धार्मिक समूह दमदमी टकसाल का प्रमुख लीडर था। उसने आनंदपुर साहिब प्रस्ताव का समर्थन किया। अगस्त 1982 में भिंडरांवाला और अकाली दल ने ‘धर्म युद्ध मोर्चा’ शुरू किया। इसका उद्देश्य आनंदपुर प्रस्ताव में व्यक्त किए गए उद्देश्यों को पाना था। भारतीय सेना के साथ हुए मुकाबले में वह मारा गया था।

‘उपद्रवियों ने पीट-पीट कर मार डाला’: लखीमपुर खीरी हिंसा में पत्रकार रमन कश्यप की मौत, राकेश टिकैत ने मीडिया को दी थी धमकी

लखीमपुर खीरी में पत्रकार रमन कश्यप (बाएँ) की हत्या, राकेश टिकैत (दाएँ)

लखीमपुर खीरी हिंसा में ABP न्यूज़ के पत्रकार रमन कश्यप की भी मौत हो गई है। आरोप है कि ‘किसान प्रदर्शनकारियों’ ने उन्हें पीट-पीट कर मार डाला। इसके बाद से लोग ‘भारतीय किसा यूनियन (BKU)’ के प्रवक्ता राकेश टिकैत से गुस्से में हैं, जिन पर मीडिया को धमकी देने के आरोप लगे थे। आरोप है कि राकेश टिकैत ने छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में मीडिया से बात करते हुए धमकाया था।

‘ABP News’ के संपादक पंकज झा ने ट्विटर के माध्यम से जानकारी दी, “लखीमपुर में रिपोर्टिंग कर रहे हमारे एक साथी रमन की मौत हो गई है। भगवान उनकी आत्मा को शांति दें।” रमन कश्यप निघासन क्षेत्र के रहने वाले थे और इस घटना की कवरेज के लिए पहुँचे थे। परिजनों ने पोस्टमॉर्टम हाउस में उनकी मौत की पुष्टि की। लोगों ने इस घटना की निंदा करते हुए ‘किसान उपद्रवियों’ के खिलाफ विरोध दर्ज कराया।

बता दें कि रायपुर में राकेश टिकैत ने मीडिया को धमकाते हुए कहा था, “सरकार का अगला टारगेट मीडिया है, आपको बचना है तो साथ दे दो नहीं तो आप भी गए।” राकेश टिकैत के भाई नरेश टिकैत, ज़ी न्यूज़ द्वारा किए गए एक स्टिंग ऑपरेशन में अपनी दोहरी नीतियों के कारण पकड़े गए थे। इस घटना को ही मीडिया से उनके गुस्से का कारण बताया जा रहा था। लोगों ने कहा था कि टिकैत इस बयान को मीडिया को धमका कर अपने पक्ष में करना चाहते हैं।

जहाँ तक लखीमपुर खीरी में ताज़ा घटनाक्रम की बात है, ‘संयुक्त किसान मोर्चा’ ने राष्ट्रपति को पत्र लिख कर केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय कुमार मिश्रा को बर्खास्त करने की मॉंग की है। यूपी सरकार ने पंजाब सरकार को पत्र लिख कर किसी को फ़िलहाल लखीमपुर न आने देने को कहा है। अंबाला में भी किसानों ने विरोध प्रदर्शन किया। सपा कार्यकर्ता सड़क पर लेट गए और अखिलेश यादव को रोके जाने का विरोध किया।

उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को एक कुश्ती कार्यक्रम के लिए वहाँ आना था, जिसके पहले ये घटनाएँ हुई हैं। गुस्साए किसानों ने 2 SUV गाड़ियों को फूँक दिया। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव एयर बसपा के सतीश चंद्र मिश्रा का आरोप है कि उन्हें घर में नजरबंद कर दया गया है। प्रियंका गाँधी ने पुलिस के साथ झड़प की। इटावा में उनके काफिले को रोका गया। सीतापुर में भी उन्हें रोका गया। वो लगातार पुलिस को चकमा देने में लगी रहीं।

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