मृतकों के परिजनों को 45-45 लाख,नौकरी भी,आठ दिन में गिरफ्तारियां

लखीमपुर खीरी LIVE:सरकार और किसानों में समझौता; मृतकों के परिवार को 45 लाख, एक सदस्य को सरकारी नौकरी का वादा, 8 दिन में दोषी गिरफ्तार होंगे
लखनऊ/लखीमपुर-खीरी 04 अक्टूबर।लखीमपुर में सरकार और किसानों के बीच समझौता हो गया है। सरकार ने मृतकों के परिवार को 45 लाख रुपए का मुआवजा देने का ऐलान किया है। मरने वालों के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी। साथ ही घटना की न्यायिक जांच और 8 दिन में आरोपितों को अरेस्ट करने का वादा भी किया गया है।

UP के ADG प्रशांत कुमार ने कहा, ‘मारे गए 4 किसानों के परिवारों को सरकार 45 लाख रुपए और एक सदस्य को सरकारी नौकरी देगी। घायलों को 10 लाख रुपए दिए जाएंगे। किसानों की शिकायत पर FIR दर्ज होगी। हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज मामले की जांच करेंगें। उन्होंने कहा कि CRPC की धारा 144 लागू होने से राजनीतिक दलों के नेताओं को जिले का दौरा नहीं करने दिया गया है। हालांकि, किसान संघों के सदस्यों को यहां आने की इजाजत है।’

सुप्रीम कोर्ट ने कहा- जब ऐसी घटनाएं होती हैं तो कोई भी जिम्मेदारी नहीं लेता

सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर खीरी हिंसा पर बड़ी टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा है कि जब ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं होती हैं,तो कोई भी जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं होता है। प्रदर्शनकारी दावा तो करते हैं कि उनका प्रदर्शन शांतिपूर्ण है,लेकिन जब वहां हिंसा होती है तो कोई जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं होते हैं।

वहीं केंद्र की तरफ से पेश अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि लखीमपुर खीरी जैसी घटनाओं को रोकने को किसानों के विरोध प्रदर्शन पर तुरंत रोक लगाने की जरूरत है।

सुप्रीम कोर्ट में किसान महापंचायत की उस याचिका पर सुनवाई हो रही थी जिसमें जंतर-मंतर पर सत्याग्रह करने की अनुमति मांगी गई थी। इस पर कोर्ट ने कहा कि वह इस बात की जांच करेगा कि क्या विरोध करने का अधिकार एक पूर्ण अधिकार है।

लखनऊ में भीड़ ने पुलिस की गाड़ी जलाई

इधर, अखिलेश के धरने से कुछ दूरी पर भीड़ ने पुलिस की एक जीप को आग के हवाले कर दिया। पुलिस ने विपक्ष के कई नेताओं को लखीमपुर खीरी पहुंचने से रोकने को उन्हें हाउस अरेस्ट कर लिया । इनमें बसपा महासचिव सतीश मिश्र, कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी, सलमान खुर्शीद, आराधना मिश्रा और शिवपाल यादव शामिल रहे। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को पुलिस सुबह ही हिरासत में ले चुकी है। नेताओं पर पुलिस की कार्रवाई के बारे में यहां पढ़े..


लखनऊ में पुलिस की गाड़ी में लगी आग बुझाते पुलिसकर्मी।

मंत्री अजय मिश्र के बेटे पर हत्या का केस

लखीमपुर में हुई हिंसा मामले में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्र समेत 14 लोगों पर हत्या, आपराधिक साजिश और बलवे का केस दर्ज हुआ है। यह केस बहराइच के नानपारा के रहने वाले जगजीत सिंह की तहरीर पर तिकुनिया थाने में लिखा गया है। इधर, मंत्री अजय मिश्र के ड्राइवर की लिखित शिकायत पर तिकुनिया थाने में ही अज्ञात किसानों पर हत्या, जानलेवा हमला, बलवा और मारपीट की धाराओं में केस दर्ज कर लिया है।

मंत्री अजय मिश्र का बेटा आशीष मिश्र उर्फ मोनू।

ऐसे बनी बात

लखनऊ से स्थिति संभालने के लिए भेजे गए अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी और एडीजी (कानून एवं व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने अधिकारियों की मदद से वार्ता का क्रम शुरू किया। उन्होंने कई चक्रों में वार्ता की। सोमवार सुबह भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के पहुंचने के बाद वार्ता के क्रम में तेजी आई। इस बीच किसानों की ओर से तिकुनियां के थाने में तहरीर दी, जिस पर आशीष मिश्रा समेत 14 लोगों के खिलाफ 302,120 बी और 147 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। तहरीर में आरोप है कि किसानों को गाड़ी से कुचल कर मारा गया है और आशीष मिश्रा गाड़ी चला रहे थे।

स्थिति अब नियंत्रण में

मुकदमा दर्ज होने के बाद प्रशासन और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच भी दोपहर बाद सहमति बन गई और शवों को पोस्टमार्टम के लिए जिला मुख्यालय भेजा गया। चारों किसानों के शवों को लेकर भाकियू नेता राकेश टिकैत मुख्यालय पहुंचे। डाक्टरों के पैनल ने सभी का पोस्टमार्टम किया। स्थानीय पत्रकार व तीन भाजपा समर्थकों के शवों को रविवार रात ही पोस्टमार्टम हाउस भेज दिया गया था। एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि अब स्थिति नियंत्रण में है।
घायलों को मिलेंगे 10-10 लाख रुपये : लखीमपुर की घटना में मारे गए सभी लोगों के स्वजन को उत्तर प्रदेश सरकार 45-45 लाख रुपये व एक सदस्य को सरकारी नौकरी देगी। किसानों से समझौता हो जाने के बाद भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत की मौजूदगी में एडीजी (कानून एवं व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने पत्रकारों को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि घटना में घायल हुए किसानों को दस-दस लाख रुपये दिए जाएंगे। इस दौरान अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी भी उपस्थित रहे। यह पूछे जाने पर कि क्या दूसरे पक्ष की ओर से भी मुकदमा दर्ज कराया गया है, जिलाधिकारी डाक्टर अरविंद चौरसिया ने बताया कि अभी कोई तहरीर नहीं मिली है।

लखनऊ में अखिलेश यादव हिरासत में

लखीमपुर खीरी में रविवार को हुई हिंसा में मरने वालों की संख्या 9 हो गई है। इधर, लखीमपुर जाने से रोकने पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव सड़क पर ही धरने पर बैठ गए। अखिलेश ने कहा कि किसानों पर अंग्रेजों के शासन से भी ज्यादा जुल्म भाजपा सरकार कर रही है। उन्होंने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के इस्तीफे और किसानों को 2-2 करोड़ का आर्थिक सहायता देने की भी मांग की। इसके बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया।

प्रियंका ने हिरासत में झाड़ू लगाकर जताया विरोध

इधर, लखीमपुर जाते समय कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को भी पुलिस ने हिरासत में ले लिया। उन्हें सीतापुर के गेस्ट हाउस में रखा गया है। यहां प्रियंका गांधी ने गेस्ट हाउस के कमरे में झाड़ू लगाकर विरोध जताया। उनका यह वीडियो वायरल हो रहा है।

गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र के खास शिवपुरी के सभासद सुमित जायसवाल की लिखित शिकायत पर पुलिस ने 30 उपद्रवियों पर मुकदमा दर्ज किया है। तिकुनिया कोतवाली में धारा 302, 147 और 336 आईपीसी में मामला दर्ज किया गया है।
सभी छह मृतकों के पोस्टमार्टम हो चुके हैं जिसमें किसी को भी गोली लगने की बात सामने नहीं आई है। सिर्फ चोटें लगने से ही मौत हुई है।
अखिलेश यादव को ईको गार्डन से उनके घर ले जाया गया। ईको गार्डन में उन्हें हिरासत में ले जाया गया था।
आज सुबह 10 बजे के करीब किसानों ने घटनास्थल पर पहुंचे मीडियाकर्मियों को खदेड़ दिया। एक कैमरामैन का कैमरा तोड़ दिया गया और उसकी एक अंगुली भी तलवार के हमले में कट गई। इस दौरान पत्थरबाजी भी हुई। न्यूज चैनलों ने अपनी ओबी वैन भी 4 से 5 किमी दूर खड़ी की हैं।
पुलिस ने अखिलेश यादव को लखीमपुर खीरी जाने से रोक दिया। इसके बाद अखिलेश समर्थकों के साथ लखनऊ में अपने आवास के बाहर ही धरने पर बैठ गए। इसके बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया।
मृतकों के परिवारों से मिलने के लिए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी देर रात दिल्ली से लखनऊ पहुंची थीं। लखीमपुर जाते समय सुबह 5:30 बजे पुलिस ने उन्हें सीतापुर जिले में हरगांव बॉर्डर पर हिरासत में ले लिया। इस दौरान प्रियंका की पुलिस अफसरों से तीखी बहस भी हुई।
प्रियंका गांधी को हिरासत में लिए जाने पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट किया- उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार की ओर से छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री और पंजाब के उप मुख्यमंत्री को राज्य में आने से रोका जा रहा है जोकि निंदनीय है। ऐसा केवल एक तानाशाह सरकार ही कर सकती है।
पीलीभीत से भाजपा सांसद वरुण गांधी ने लखीमपुर हिंसा की जांच सीबीआई से कराए जाने की मांग की है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी को एक पत्र लिखा है। उन्होंने किसानों की मौत को अक्षम्य करार दिया है।
अपर मुख्य सचिव गृह ने एयरपोर्ट अथॉरिटी को पत्र लिखकर अमौसी एयरपोर्ट पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री और पंजाब के उपमुख्यमंत्री का विमान लैंड ना कराए जाए जाने को कहा है। आज बघेल और चन्नी लखीमपुर जाने वाले थे।
बसपा महासचिव सतीश मिश्रा, कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी, सलमान खुर्शीद और आराधना मिश्रा, शिवपाल यादव को उत्तर प्रदेश पुलिस ने हाउस अरेस्ट किया गया था। प्रशासन को इन सभी नेताओं के लखीमपुर खीरी पहुंचने की आशंका थी।

मृत किसानों के शव अंतिम दर्शन के लिए रखे गए

लखीमपुर में रविवार को मारे गए किसानों के शव अग्रसेन इंटर कॉलेज के बाहर अंतिम दर्शन के लिए रखे गए। मौके पर सुबह से ही 700 से ज्यादा किसान जुट गए थे। इस बीच राकेश टिकैत ने मृतक किसानों के परिवार को मुआवजा, नौकरी और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की थी।

घटनास्थल पर किसानों के शव अंतिम दर्शन के लिए रखे गए थे। यहां बड़ी संख्या में किसान मौजूद थे।
उधर, रविवार रात को मंत्री अजय मिश्र ने कहा था कि घटनास्थल पर उनका बेटा मौजूद ही नहीं था। प्रदर्शन कर रहे किसानों के बीच घुसे कुछ शरारती तत्वों ने BJP के 3 कार्यकर्ताओं और उनके काफिले की एक गाड़ी के ड्राइवर को पीट-पीटकर मार डाला।

राकेश टिकैत ने मुआवजे और नौकरी की मांग की थी

राकेश टिकैत सुबह 5:30 बजे तिकुनिया पहुंचे थे। उन्होंने किसानों के शवों के अंतिम दर्शन किए। इसके बाद अपनी 5 मांगे गिनाईं। इसके बाद 7:15 बजे प्रशासन के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर राकेश टिकैत से बात की। लेकिन राकेश टिकैत अपनी मांगों पर अड़े रहे।

राकेश टिकैत की 5 बड़ी मांगें

हिंसा की न्यायिक जांच हो
मृतकों के परिवार को एक करोड़ का मुआवजा
मृतकों के परिवार के एक सदस्य को नौकरी
सांसद के बेटे समेत 14 आरोपितों की गिरफ्तारी
अजय मिश्र की मंत्री पद से बर्खास्तगी
राकेश टिकैत ने ऐलान किया था कि जब तक मांगें पूरी नहीं होती हैं, किसान वहां से नहीं हटेंगे।

पीएसी की 3 कंपनियां और 3 जिलों से फोर्स पहुंची

हिंसा के बाद लखीमपुर के तिकुनिया में तीन कंपनी पीएसी, हरदोई, बाराबंकी, लखनऊ ग्रामीण और लखीमपुर की फोर्स को तैनात किया गया है। कुल मिलाकर करीब एक हजार जवान मौके पर मुस्तैद हैं। एडीजी लॉ एंड ऑर्डर, एडीजी जोन लखनऊ एसएन साबत, अतिरिक्त आईपीएस अजय पाल शर्मा को लगाया गया है। अजय पाल लुधियाना के रहने वाले हैं। इसलिए डेमैज कंट्रोल के लिए उनको यहां भेजा गया है।

लखीमपुर जिले में कल तक के लिए इंटरनेट बंद

लखीमपुर में तनाव को देखते हुए प्रशासन ने मंगलवार तक के लिए जिले में इंटरनेट बंद कर दिया है। सोमवार को सिर्फ घटनास्थल के 20 किलोमीटर के दायरे में इंटरनेट बंद किया गया था। जिले में धारा 144 लगा दी गई है.

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