विस्फोटक: सत्तालोलुप केजरीवाल खालिस्तान तक को थे तैयार, आरोप है कुमार विश्वास का

Punjab Election: खालिस्तानी लिंक पर पीएम मोदी और राहुल ने पूछे सवाल, चड्ढा का पलटवार मगर केजरीवाल की चुप्पी

प्रधानमन्त्री मोदी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी के किसी मुद्दे पर सुर मिलें, यह मुश्किल से होता है। लेकिन, केजरीवाल के खिलाफ कुमार विश्‍वास के आरोपों के बाद दोनों ने एक सुर में दिल्‍ली के मुख्यमंत्री पर हमला किया। पंजाब चुनाव से ठीक पहले केजरीवाल पर लगे आरोपों के बाद राज्‍य की राजनीति गरमा गई है।

हाइलाइट्स
प्रधानमन्त्री मोदी ने कहा- पाकिस्‍तान से मिलती है केजरीवाल की सोच
सत्‍ता पाने के लिए देश तोड़ने की बात तक कह सकते हैं: प्रधानमंत्री
राहुल बोले- कुमार विश्‍वास के आरोपों पर क्‍यों नहीं बोल रहे केजरीवाल

Punjab Election 2022: पंजाब चुनाव से ठीक पहले हंगामा मच गया है। टीम अन्‍ना का हिस्‍सा रहे कुमार विश्‍वास (Kumar Vishwas) के एक बयान के बाद सूबे की सियासत गरमा गई है। कुमार विश्वास ने बुधवार को कहा था कि अरविंद केजरीवाल खालिस्तान समर्थक हैं। वह सत्ता के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। इसके बाद गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दिल्‍ली के मुख्यमंत्री का नाम लिए बगैर उन पर जमकर निशाना (PM Modi attacks Delhi CM Arvind Kejriwal) साधा। उन्‍होंने कुमार विश्‍वास के बयान का हवाला देते हुए इशारों-इशारों में केजरीवाल को देशद्रोहियों की मदद लेने वाला बताया। केजरीवाल की सोच पाकिस्‍तान से मिलने की बात कही। सिर्फ पीएम मोदी ने ही नहीं, कांग्रेस के पूर्व अध्‍यक्ष राहुल गांधी ने भी दिल्‍ली के मुख्यमंत्री (Rahul Gandhi attacks Arvind Kejriwal) पर हमला किया। उन्‍होंने केजरीवाल से कुमार विश्‍वास के आरोपों पर सफाई देने को कहा है।

आम आदमी पार्टी (AAP) के पूर्व नेता डॉक्टर कुमार विश्वास के आरोपों के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल घिर गए हैं। खास बात यह है कि कुमार विश्‍वास का बयान 20 फरवरी को पंजाब में वोटिंग से ठीक पहले आया है। इसी कड़ी में गुरुवार को प्रधानमंत्री मोदी ने एक चुनावी रैली में केजरीवाल पर हमला बोला। उन्‍होंने कहा, ‘उनके (केजरीवाल) विश्‍वस्‍त साथी जो पिछली बार यहां के पंजाब चुनाव में उनके इंचार्ज थे और उनके खास दोस्‍त थे। अन्ना हजारे के साथ ये आंदोलन में झंडा लेकर खड़े रहते थे और कवि होने के नाते, चिंतक होने के नाते देशभर में उनके कवि सम्‍मेलनों को सुनने के लिए देश की युवा पीढ़ी घंटों तक इंतजार करती है। मां सरस्‍वती की पूजा में लगे हुए ऐसे इंसान ने कल बहुत दर्द के बाद अपना मुंह खोल दिया। जो आरोप उन्‍होंने लगाया है वो बहुत खतरनाक है। उनकी बातों को बड़ी गंभीरता से लेने की जरूरत है।’

केजरीवाल की ओर इशारा करते हुए प्रधानमंत्री बोले कि ये लोग पंजाब को तोड़ने का सपना पाले हुए हैं। ये लोग सत्‍ता के लिए अलगाववादियों से भी हाथ मिलाने को तैयार हैं। इन लोगों को सत्‍ता पाने के लिए देश भी तोड़ना पड़े तो ये उसके लिए भी तैयार हैं। इनका एजेंडा और देश के दुश्‍मनों का एजेंडा अलग है ही नहीं। यही कारण है कि ये सर्जिकल स्‍ट्राइक पर पाकिस्‍तान के सुर में सुर मिलाते हैं। इसलिए ही ये पंजाब में ड्रग्‍स के नेटवर्क को बढ़ाना चाहते हैं। इसलिए ही ये बॉर्डर पर बीएसएफ के बढ़ते अधिकारों के खिलाफ आवाज उठाते हैं। यही इन लोगों का मंसूबा है। यही इनकी सोच है।

प्रधानमन्त्री के साथ राहुल गांधी ने भी केजरीवाल पर हमला किया। उन्‍होंने कहा कि आप के संस्थापक सदस्य रहे डॉक्टर कुमार विश्‍वास ने केजरीवाल पर आरोप लगाया है। वीडियो वायरल है, लेकिन केजरीवाल उस पर क्यों नहीं बोल रहे? केजरीवाल सीधा जवाब दें कि कुमार विश्वास सच बोल रहे हैं कि झूठ? केजरीवाल जवाब नहीं दे रहे क्योंकि आप के संस्‍थापक सदस्‍य सच बोल रहे हैं।

वहीं, आप नेता राघव चड्ढा ने कुमार विश्‍वास पर सवाल खड़े किए हैं। एक ट्वीट कर उन्‍होंने पूछा, चुनाव के 2 दिन पहले अज्ञातवास से बाहर निकले कुमार विश्वास ये बताएं कि अगर यह सच था तो सुरक्षा एजेंसियों को क्यों नहीं बताया? 2016 में ही पार्टी क्यों नहीं छोड़ दी? क्या आप भी इसमें शामिल थे? जब आपको राज्यसभा की कुर्सी नहीं मिली तो आपने ये प्रोपगेंडा शुरू किया।

फ‍िलहाल इस मामले में अब तक केजरीवाल का कोई औपचारिक बयान नहीं आया है।

 

खालिस्तानी आतंकवादियों से केजरीवाल के संबंधों पर बहुत बड़ा खुलासा

रिपब्लिक टीवी ने अपने चैनल पर चार अक्टूबर 2018 में एक स्टिंग ऑपरेशन दिखाया जिसमें खालसा दल के लीडर ने दावा किया था कि उनके ग्रुप ने आम आदमी पार्टी के लिए पंजाब में कैम्पेनिंग और फंडिंग की थी। जाहिर है ये बहुत बड़ा खुलासा है क्योंकि इससे देश के राजनीतिक दलों का देश तोड़ने वालों से संबंध जगजाहिर हो गया है।

रिपब्लिक टीवी के इस स्टिंग ऑपरेशन में खालिस्तानी आतंकवादी संगठन एक सदस्य बता रहा है कि कैसे आम आदमी पार्टी से उसकी डील हुई थी और आम आदमी पार्टी को खालिस्तानी आतंकवादी संगठन ने इस्तेमाल किया जाने वाला एक मोहरा बता दिया।

इन बिंदुओं से समझिए स्टिंग के खुलासे को

1-पंजाब के चुनाव में खालिस्तानी आतंकवादी संगठन ने केजरीवाल को फंडिंग की।
2-दिल्ली में खालिस्तानी आतंकवादियों को उच्च सरकारी पदों पर स्थान दिलाने का केजरीवाल ने वादा किया।
3-पंजाब में खालिस्तानी आतंकवादी संगठन को केजरीवाल ने राजनीतिक और कानूनी सहायता प्रदान करने का वादा किया।
4-खालिस्तान के रूप में एक अलग देश स्थापित करने के लिए केजरीवाल के साथ समझौता हुआ।
5-हालांकि केजरीवाल की पंजाब चुनावों मिली हार के बाद खालिस्तानी आतंकवादी संगठन केजरीवाल से नाराज हो गया।
जाहिर है केजरीवाल की कारिस्तानी पहले दबी हुई थी लेकिन  सामने आ गई ।

AAP & Saint Kejriwal got Funds n supports from break India Separatists of Khalistan.His leaders visited abroad to meet these terror groups who r working with ISI n supported referendum 2020.That’s why he questioned Surgical Strikes
For power,he will SELL India

🇮🇳 !#AntiIndiaAAP pic.twitter.com/GusDgD13W0

— Maj Surendra Poonia,VSM (@MajorPoonia) October 4, 2018

याद करें कि ऑपरेशन ब्लू स्टार की बरसी 6 जून से दो दिन पहले 4 जून, 2018 को पंजाब पुलिस के हाथ बड़ी सफलता लगी थी। पुलिस ने नवांशहर में तीन आतंकियों को गिरफ्तार कर उनसे हथियार भी बरामद किए थे। इन आतंकियों का प्रतिबंधित आंतकवादी संगठन इंटरनेशनल सिख यूथ फैडरेशन (ISYF)से सीधा संबंध था। पुलिस सूत्रों के मुताबिक आतंकी संगठन को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI से समर्थन हासिल था। गिरफ्तार आतंकी जगरूप, गुरमेल और गुरदयाल सिंह से पूछताछ में खुलासा हुआ था कि देश की संप्रभुता और शांति को नुकसान पहुंचाने की उनकी बड़ी साजिश थी, लेकिन सबसे हैरत करने वाली बात इस नेटवर्क का मुखिया गुरदयाल सिंह का आम आदमी पार्टी से कनेक्शन होना निकला। जी हां, इस आतंकी गुट के मुखिया गुरदयाल सिंह नाम के आतंकी का आम आदमी पार्टी से कनेक्शन कई सवाल खड़े कर दिए थे।

 

खालिस्तान समर्थक है गुरदयाल

गिरफ्तार तीनों आतंकी पाकिस्तान के कनेक्शन में था और तीनों को आईएसआई ने प्रशिक्षण देकर पंजाब में आतंकवादी हमले करने तथा ‘पंथ विरोधी व्यक्तियों’ को निशाना बनाने का कार्य सौंपा गया था। इतना ही नहीं पाकिस्तान में मौजूद ISYF का मुखिया लखबीर रोडे ने पंजाब से लगे प्रांतों में भी तबाही का संदेश दिया था। ISYF खालिस्तान समर्थक संगठन है और इसे पाकिस्तानी ISI समर्थन देती है।

 

गुरदयाल सिंह के ISI लिंक का खुलासा

भारत में गुरदयाल सिंह इस आंतकवादी गिरोह का मुखिया था और जर्मनी के बलबीर सिंह संघू ने लखबीर सिंह रोडे से उसकी मुलाकात करवाई थी। रोडे इस समय लाहौर के छावनी क्षेत्र में आई एस आई के उपलब्ध करवाये  सुरक्षित घर में रहता है। गुरदयाल 6-7 वर्षो से धार्मिक जत्थों के साथ पाकिस्तान की यात्रा करते समय कई बार रोडे को मिला था। गुरदयाल सिंह ने नवंबर, 2016 के अपने अंतिम पाकिस्तानी दौरे में जगरूप सिंह के लिए वीजे का प्रबंध किया था और वह एक जत्थे के साथ लाहौर गया था। 12 से 21 नवंबर, 2016 तक लाहौर में ठहरने के दौरान बलबीर सिंह के माध्यम से जगरूप ने रोडे एवं हरमीत से मुलाकात की थी।

 

गुरदयाल का ‘आप’ से ये है कनेक्शन

आतंकी गुरदयाल सिंह ने पिछले चुनाव में गढ़शंकर के गांव रोडमाजरा में ‘आप’ नेताओं के साथ प्रचार और स्टेज साझा किया था। जब गुरदयाल सिंह को पकड़ा गया तो ‘आप’ के स्थानीय नेता उसकी पैरवी करने उसके समर्थन में पहुंचे थे। जाहिर है आम आदमी पार्टी की कथनी करनी में साफ फर्क है। यानि आप कह सकते हैं ‘आप’ को देश तोडऩे वाली ताकतों से किसी प्रकार का कोई परहेज नहीं है और ‘आप’ आतंकी संगठनों के साथ मिलकर पंजाब और देश का माहौल खराब करने में लगी है।

 

पंजाब में ‘आग’ लगाने की कोशिश

अक्टूबर 2015 में पंजाब में एक हफ्ते में गुरु ग्रंथ साहिब को अपवित्र करने की  जालंधर, लुधियाना, अमृतसर के तरन तारन, कोट कपूरा और बठिंडा में घटनाएं घटी थीं। पंजाब में धार्मिक भावनाएं भड़क उठीं थीं और पंजाब में गुस्से की चिंगारी सुलग रही थी। आम आदमी पार्टी इस आग को और भड़काने में लगी थी।

 

मामले की जांच के लिए गठित SIT ने खुलासा किया कि विदेश में बैठी पंजाब विरोधी ताकतें धार्मिक भावना भड़का कर माहौल खराब करने की साजिश रच रही है। जाहिर है अब जब आम आदमी पार्टी से ताल्लुक रखने वाला गुरदयाल पकड़ा जा चुका है तो क्या ये सवाल नहीं उठने चाहिए कि क्या पंजाब में आग लगाने की कोशिश में आम आदमी पार्टी का हाथ था?

 

बादल ने भी उठाए थे सवाल

तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने कहा था कि वह ”कुछ ऐसी शक्तिशाली ताकतों द्वारा की जा रही गहरी साजिश देख रहे हैं जिनकी कोशिश राज्य में फिर से आतंकवाद को जिंदा करने की है।” जाहिर है 2016 में पंजाब में चुनाव थे और आम आदमी पार्टी चुनाव जीतने की जद्दोजहद में जोर-शोर से लगी हुई थी। पंजाब सरकार के तत्कालीन मंत्री सुखबीर सिंह बादल ने भी आम आदमी पार्टी के चरित्र पर सवाल खड़े किये थे कि केजरीवाल विदेशों में खालिस्तान समर्थकों से फंड ले रहे हैं । जाहिर है सवाल फिर वही कि क्या पंजाब में ‘आग’ भड़काने की साजिश में आम आदमी पार्टी भी शामिल थी?

 

बहरहाल राज्य में उस वक्त विघटनकारी ताकतों के मंसूबे नाकाम हो ग्रे थे। लेकिन ये अब भी जांच का विषय है कि आखिर पंजाब को सुलगाने की किसने कोशिश की थी।ये सवाल इसलिए भी कि आम आदमी पार्टी को पंजाब चुनाव के लिए फंडिंग पर सवाल उठाए जा रहे थे। कपिल मिश्रा, कैलाश विजय वर्गीय और पंजाब के दिवंगत डीजीपी केपीएस गिल ने भी आम आदमी पार्टी के खालिस्तान प्रेम और ISI कनेक्शन को लेकर सवाल उठाए थे।

 

AAP ने गिल को नहीं दी श्रद्धांजलि

26 मई 2018 को पंजाब में आतंकवाद का खात्मा करने वाले पूर्व डीजीपी ‘सुपरकॉप’ केपीएस गिल का निधन हो गया। उनके निधन बाद सभी पार्टियों के नेताओं ने उनको श्रद्धांजलि दी, लेकिन जिस एक पार्टी ने केपीएस गिल को याद करने तक की जरूरत नहीं समझी वो थी आम आदमी पार्टी। केजरीवाल समेत आम आदमी पार्टी के किसी भी नेता ने न तो ट्विटर न ही किसी और जरिए से केपीएस गिल को श्रद्धांजलि दी।

 

शेखर गुप्ता ने उठाए थे सवाल

वरिष्ठ पत्रकार शेखर गुप्ता ने इसे लेकर सवाल भी उठाया है और इसका कारण पूछा था। उन्होंने लिखा था कि- ”बीजेपी और कांग्रेस ने केपीएस गिल को श्रद्धांजलि देने में कोई कसर नहीं छोड़ी। अकाली दल चुप रहा यह बात समझ में आती है, लेकिन आम आदमी पार्टी के नेताओं ने अपने मुंह बंद क्यों कर रखे हैं?”

BJP & Cong have paid fulsome tributes to #KPSGill Can understand Akali silence as old hypocrisy. But why is AAP leadership so tongue-tied

— Shekhar Gupta (@ShekharGupta) May 26, 2017

क्यों चुप रहे केजरीवाल?

ये आरोप लगातार लगते रहे हैं कि पंजाब चुनाव में आम आदमी पार्टी खालिस्तान समर्थक आतंकवादियों से पैसे लेकर मैदान में उतरी थी। यहां तक कि पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा ने भी पंजाब चुनाव के लिए पार्टी की फंडिंग पर सवाल उठाए थे। उन्होंने पूछा था कि पंजाब में चुनाव लड़ने के लिए करोड़ों रुपये आम आदमी पार्टी के पास कहां से आए इस बात की जांच होनी चाहिए।

 

गिल ने खोली थी पोल

पंजाब चुनाव से ठीक पहले केपीएस गिल ने ही आम आदमी पार्टी और केजरीवाल की पोल खोली थी। उन्होंने कहा था कि अगर पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी तो राज्य में आतंकवाद की वापसी से कोई नहीं रोक पाएगा। उन्होंने राज्य में अपने सूत्रों के हवाले से दावा किया था कि आम आदमी पार्टी और खालिस्तानी आतंकी संगठनों के बीच बेहद करीबी रिश्ते हैं। पंजाब में दोबारा मजबूत होने के लिए ये संगठन मौके की तलाश में हैं और आम आदमी पार्टी इसके लिए उनकी मददगार बनने को राजी हुई है।

 

आतंकवादी के घर पर रुके थे केजरीवाल!

एक और वाकया इसी से जुड़ा हुआ है। पंजाब चुनाव प्रचार के वक्त भी केजरीवाल हथियार डाल चुके एक आतंकवादी के घर पर रुके थे, जिसके बाद इसे लेकर काफी विवाद खड़ा हुआ था। चुनाव प्रचार से पहले फंड जुटाने के लिए आम आदमी पार्टी के कई नेता यूरोपीय देशों के दौरे पर गए थे। इनमें से कुछ की तस्वीरें सामने भी आई थीं। माना जा रहा है कि केजरीवाल की चुप्पी इसी कारण से थी।

 

कैलाश विजय वर्गीय ने भी उठाए थे सवाल

भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय ने भी पंजाब में आम आदमी पार्टी पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा कहा था कि पंजाब से ही जानकारी मिली है कि विदेश में खालिस्तान के कई समर्थक हैं, जोकि आम आदमी पार्टी का समर्थन फंडिग के तौर पर कर रहे हैं। कहीं न कहीं आम आदमी पार्टी को मिल रहे चंदे में गड़बड़ी है। लिहाजा इसकी जांच होनी चाहिए।

बहरहाल केजरीवाल की चुप्पी और केपीएस गिल को श्रद्धांजलि नहीं देने पर तो सवाल थे ही अब आम आदमी पार्टी से कनेक्टेड आतंकी गुरदयाल का पकड़ा जाना आम आदमी पार्टी के लिए नई मुश्किलें खड़ी कर सकता है।

 

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