विवेक रघुवंशी की गिरफ्तारी प्रेस पर हमला हो गया?

भारत के खिलाफ जासूसी करते
पत्रकार एवं अन्य –
चीन पाकिस्तान की सेवा
कर रहे गद्दार –
उन्हें बचाने खड़े राहुल जैसे नेता –

पिछले महीने 17 मई को पाकिस्तान समेत कई देशों के लिए जासूसी करता और DRDO के गोपनीय दस्तावेज़ भेजते Freelance पत्रकार विवेक रघुवंशी और पूर्व नेवी कमांडर आशीष पाठक को CBI ने गिरफ्तार किया था –

रघुवंशी के लिए राहुल गांधी के दिल में दर्द पैदा हुआ है अमेरिका में और उसकी गिरफ़्तारी को प्रेस की आज़ादी पर हमला कहा है – अभी 3 दिन पहले ही चीन ने भारत पर पत्रकारों को प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए कहा था कि भारत हमारे पत्रकारों को वीसा नहीं दे रहा और देता भी है तो केवल एक महीने के लिए – ऐसा कहते हैं वर्तमान में चीन का केवल एक पत्रकार भारत में काम कर रहा है जिसका वीसा भी ख़त्म होने वाला है जिसे आगे बढ़ाने के लिए सरकार ने मना कर दिया है –
विवेक रघुवंशी का मामला कोई पहला केस नहीं है, मोदी सरकार के खिलाफ पाकिस्तान और चीन की सेवा कर रहे कई लोग हैं जिनमे कुछ को कोर्ट से राहत मिल जाती है – कुछ केस बताता हूं –

   -Freelance पत्रकार राजीव शर्मा को पुलिस ने 14 सितंबर, 2020 को भारत की Army deployment और border strategy की सूचना चीन को देने के आरोप में गिरफ्तार किया था जिसे दिल्ली हाई कोर्ट ने दिसम्बर, 2020 में यानी 3 महीने बाद जमानत दे दी;

-राजीव शर्मा को ED ने Money Laundering केस में 1 जुलाई, 2021 को गिरफ्तार किया लेकिन दिल्ली हाई कोर्ट की जस्टिस मुक्ता गुप्ता ने 7 जनवरी, 2022 को जमानत पर छोड़ दिया;

-जुलाई, 2021 में ED ने Newsclick पोर्टल के editor in chief Prabir Purkayastha और उसकी partner Gita Hariharan के खिलाफ चीन से कथित तौर पर मिले 38 करोड़ के आरोप में केस दर्ज किया था परंतु कपिल सिब्बल ने दिल्ली हाई कोर्ट से उसकी गिरफ़्तारी पर रोक लगवा दी जो अभी तक चल रही है –

-DRDO के वैज्ञानिक (निदेशक) एवं पुरस्कार विजेता प्रदीप एम कुरुलकर को महाराष्ट्र की ATS टीम ने 5 मई, 2023 को अपने ही कुछ प्रोजेक्ट्स की जानकारी पाकिस्तानी एजेंटों को देने का आरोप में गिरफ्तार किया था;

-याद होगा जब राणा अय्यूब को दिल्ली हाई कोर्ट ने विदेश जाने की अनुमति देते हुए कहा था 8 -10 करोड़ का केस कोई बहुत बड़ा केस नहीं है;

इसलिए चीन बिलबिलाया है कि उसके लिए काम करने वाले पत्रकारों पर कार्रवाई हो रही है और उसके अपने पत्रकार आने नहीं दिए जा रहे – हमें मीडिया के लिए पाठ पढ़ाने वाला चीन जिस मर्जी पत्रकार को गायब कर देता है और विदेशी पत्रकारों को भी गिरफ्तार करने में पीछे नहीं है -फरवरी, 2021 में चीन ने ऑस्ट्रेलियाई पत्रकार Cheng Lei को secret documents leak करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था –

हमारे यहां भारत में Secrets Leak करने वाले को सजा देने में वर्षो लग जाते हैं क्योंकि अदालतें उन्हें बेगुनाह ही मान कर चलती है जो उन्हें गिरफ्तार भी नहीं होने देती – दूसरी तरफ पाकिस्तान में नामी पत्रकार इमरान रियाज खान 23 मई से गायब है – कुछ लोगों के कहना है, मार दिया गया है – उधर चीन ने 2021 में 50 पत्रकारों को जेल में डाला – Zhang Zhan जैसे Covid Reporter को भी जेल में डाल दिया था -और Gao Yu जैसी महिला पत्रकार को देश के Secrets Leak करने के आरोप में 7 साल जेल में रहना पड़ा –

हमारे देश में पत्रकार जितनी मौज ले रहे हैं, उतनी किसी देश में नहीं ले सकते क्योंकि यहां अधिकांश के पीछे सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट खड़े रहते हैं – कितना पैसा लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ के लोगों के पास है, ये वे ही जानते हैं –

सुभाष चन्द्र की वाट्सअप पोस्ट

खुफिया जानकारी बेचने के आरोप में CBI की कार्रवाई, रक्षा मामलों के पत्रकार और नौसेना का पूर्व कमांडर गिरफ्तार

Vivek Raghuvanshi Arrested सेना से जुड़ी संवेदनशील जानकारी साझा करने के मामले में 17 मई को केंद्रीय जांच ब्यूरो ने बड़ी कार्रवाई की है। सीबीआई ने जासूसी मामले में फ्रीलांस ड‍िफेंस जर्नल‍िस्‍ट विवेक रघुवंशी और नौसेना के पूर्व कमांडर को गिरफ्तार किया है।

खुफिया जानकारी बेचने के आरोप में CBI की कार्रवाई, रक्षा मामलों के पत्रकार और नौसेना का पूर्व कमांडर गिरफ्तार

सेना से जुड़ी संवेदनशील जानकारी साझा करने के मामले में 17 मई को केंद्रीय जांच ब्यूरो ने बड़ी कार्रवाई की है। सीबीआई ने जासूसी मामले में फ्रीलांस ड‍िफेंस जर्नल‍िस्‍ट विवेक रघुवंशी और नौसेना के पूर्व कमांडर को गिरफ्तार किया है।

जर्नल‍िस्‍ट पर केंद्रीय जांच ब्यूरो ने सरकारी गोपनीयता अधिनियम में मामला दर्ज किया है। सीबीआई ने विवेक रघुवंशी और उसके करीबी लोगों से जुड़े दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और जयपुर समेत 12 जगहों पर छापेमारी की। इस कार्रवाई में एजेंसी ने कई संवेदनशील प्रपत्र बरामद किए थे।

विवेक रघुवंशी पर गंभीर आरोप

सीबीआई ने आरोप लगाया कि विवेक रघुवंशी ने डीआरडीओ और सेना की परियोजनाओं का संवेदनशील और ब्योरेवार विवरण एकत्र कर उन्हें विदेशी खुफिया एजेंसियों के साथ साझा किया। उन पर इसके लिए अपने सहयोगियों के साथ तीन करोड़ रुपए प्राप्त करने का आरोप है।

एजेंसी ने यह भी कहा कि वह भारतीय सशस्त्र बलों की भविष्य की खरीद योजनाओं के बारे में भी विवरण जुटा रहा था जो देश की रणनीतिक तैयारियों पर विपरीत प्रभाव डाल सकती हैं। उन्होंने कहा कि अगर ये सूचनाएं सामने आतीं तो इन देशों के साथ भारत के द्विपक्षीय संबंध खराब हो सकते थे.

कौन हैं पूर्व नेवी कमांडर से पत्रकार बने विवेक रघुवंशी पर जासूसी का आरोप

विवेक रघुवंशी फोटोग्राफ:(ट्विटर)

विवेक रघुवंशी पर भारतीय सशस्त्र बलों की भविष्य की खरीद के बारे में संवेदनशील विवरण एकत्र करने का आरोप है जो देश के वर्गीकृत संचार की सामरिक तैयारियों को प्रकट करता है।

भारत के केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने विवेक रघुवंशी, एक स्वतंत्र पत्रकार और पूर्व नौसेना कमांडर को जासूसी मामले में देश के सरकारी गोपनीयता अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया। रघुवंशी पर रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (DRDO) और सेना के बारे में संवेदनशील जानकारी के अवैध संग्रह और उन्हें अन्य देशों की खुफिया एजेंसियों के साथ साझा करने का आरोप लगाया गया है।

रघुवंशी की गिरफ्तारी मंगलवार को मामले के सिलसिले में दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और जयपुर में 12 स्थानों पर सीबीआई की तलाशी के बाद हुई है।

“During the investigation, certain documents containing sensitive information were recovered from the possession of the accused. Today, the CBI has conducted searches at 12 locations at the premises of the accused and others in an ongoing investigation of a case registered under Section 3 of the Official Secret Act and Section 120-B of the Indian Penal Code,” a CBI spokesperson had said on Tuesday.

Raghuvanshi is accused of collecting “sensitive” and “minute” details of DRDO and army projects.

The CBI had registered a case on December 9 last year against Raghuvanshi after he was accused of being involved in the illegal collection of sensitive information including the minute details of the DRDO defence projects and their progress

He is also accused of collecting sensitive details about the future procurement of Indian armed forces which reveal the strategic preparedness of country’s classified communications and information relating to national security, details of the strategic and diplomatic talks of India with its friendly countries and sharing such classified information with intelligence agencies of foreign countries, it was revealed.

Vivek Raghuvanshi and journalism
Raghuvanshi writes for Defense News, a Tysons, Virginia-headquartered American news website, which also covers politics, business, and technology.

Defense News mentions Raghuvanshi’s name as its India correspondent for defence news.

On LinkedIn, Raghuvanshi writes he is the India Bureau Chief at Defense News with a reporting experience of over 32 years

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *