भारत का सफलतम पैरालंपिक: आखिरी दिन पांचवां स्वर्ण, आठवां रजत

टोक्यो पैरालिंपिक:बैडमिंटन में आखिरी दिन दो मेडल; कृष्णा नागर ने भारत को 5वां गोल्ड दिलाया, नोएडा के डीएम सुहास ने सिल्वर जीता
टोक्यो 05 सितंबर।भारत ने टाेक्यो पैरालिंपिक में 19 मेडल जीते। रविवार को आखिरी दिन बैडमिंटन में दो मेडल और मिले। कृष्णा नागर ने भारत को 5वां गोल्ड दिलाया। वहीं नोएडा के डीएम सुहास यथिराज ने सिल्वर मेडल जीता। बैडमिंटन के मिक्स्ड डबल्स में पलक कोहली और प्रमोद भगत की जोड़ी को फुजिहारा और सुगीनो की जोड़ी से हार का सामना करना पड़ा। इसके अलावा व्हीलचेयर के 50 मीटर मिस्क्ड एयर राइफल में अवनि लेखरा, दीपक और सिद्धार्थ बाबू भी मेडल की दौड़ से बाहर हो गए।

कृष्णा ने फाइनल में हांगकांग के चू मान कई को हराया

कृष्णा नागर ने फाइनल में हांगकांग के चू मान केई को हराया। पहला गेम कृष्णा ने 21-17 से जीता। दूसरे गेम में केई ने वापसी की और 16-21 से जीते। वहीं तीसरे और निर्णायक गेम को कृष्णा ने 21-17 से जीत कर गोल्ड पर कब्जा जमा लिया।

उन्होंने यह मेडल SH-6 कैटेगरी में जीता। SH-6 कैटेगरी में वैसे खिलाड़ी हिस्सा लेते हैं, जिनकी लंबाई नहीं बढ़ती।

13 किमी ट्रेनिंग के लिए जाते थे कृष्णा

कृष्णा ट्रेनिंग करने के लिए रोजाना 13 किमी की दूरी तय कर स्टेडियम जाते थे। कृष्णा की उम्र 2 साल थी, तब उनकी बीमारी के बारे में परिवार वालों को पता चला।

सुहास को फाइनल में लुकास ने हराया

नोएडा के डीएम सुहास यथिराज को फाइनल मुकाबले में फ्रांस के खिलाड़ी लुकास मजूर ने हराया। यह मुकाबला 3 गेम तक चला। सुहास ने पहला गेम 21-15 से जीता और इसके बाद दोनों गेम वो कड़े मुकाबले में हार गए। लुकास मजूर ने आखिरी दोनों गेम 21-15, 17-21 से जीता।

सुहास ने यह मेडल एसएल-4 कैटगरी में जीता। एसएल-4 में वे पैरा एथलीट शामिल होते हैं, जिन्हें चलने-दौड़ने में थोड़ी परेशानी होती है।

पीएम ने दी बधाई

प्रधानमंत्री ने डीएम सुहास की जीत को खेल और प्रशासन का बेहतर मेल बताया। उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट पर लिखा। आपने अपने खेल से सबका दिल जीत लिया। सिल्वर मेडल जीतने पर बधाई।

2007 में बने IAS अधिकारी

सुहास ने भले ही बेंगलुरू में नौकरी शुरू की थी, लेकिन बार-बार उनके दिल में यही मलाल रहा कि उन्होंने अपने जीवन में समाज के लिए कुछ नहीं किया तो क्या फायदा। साल 2007 में सुहास UP कैडर से IAS अधिकारी बने।

ड्यूटी के बाद समय निकालकर खेला बैडमिंटन

UPSC परीक्षा पास करने के बाद उनकी पोस्टिंग आगरा में हुई। अपनी ड्यूटी खत्म होने के बाद सुहास टाइम निकालकर बैडमिंडन खेलने जाया करते थे। धीरे-धीरे उन्होंने प्रोफेशनल तरीके से बैडमिंटन खेलना शुरू किया।

भारत ने 19 मेडल किए अपने नाम

अब भारत के टोक्यो में 19 मेडल हो चुके हैं। अब तक 53 साल में 11 पैरालिंपिक्स में 12 मेडल आए। 1960 से पैरालिंपिक हो रहा है। भारत 1968 से पैरालिंपिक में भाग ले रहा है। वहीं 1976 और 1980 में भारत ने भाग नहीं लिया था। टोक्यो में अब तक 5 गोल्ड, 8 सिल्वर और 6 ब्रॉन्ज मेडल मिले हैं।

बैडमिंटन में 7 खिलाड़ी गए, 4 ने जीता मेडल

बैडमिंटन को पहली बार ओलिंपिक में शामिल किया गया था। भारत से 7 खिलाड़ियों ने विभिन्न कैटेगरी में भाग लिया। इनमें से चार खिलाड़ी मेडल जीते। प्रमोद भगत और कृष्णा नागर ने गोल्ड जीता, जबकि सुहास यथिराज ने सिल्वर और मनोज सरकार ने ब्रॉन्ज जीता है।

बैडमिंटन में गोल्ड मेडल जीतने वाले कृष्णा नागर

भारत ने टोक्यो पैरालंपिक में कुल 19 मेडल जीतते हुए अब तक का अपना सबसे शानदार प्रदर्शन किया है.

भारतीय खिलाड़ियों ने पैरालंपिक में कुल पाँच गोल्ड मेडल, आठ सिल्वर और छह ब्रॉन्ज़ मेडल जीता.

बैंडमिंटन में सिल्वर मेडल जीतने वाले सुहास यतिरात. सुहास आईएएस अधिकारी भी हैं

खेल के आख़िरी दिन भारत के बैडमिंटन खिलाड़ी कृष्णा नागर ने बैडमिंटन में गोल्ड और सुहास यतिराज ने बैडमिंटन में ही सिल्वर मेडल जीता.

इससे एक दिन पहले भारत के प्रमोद भगत ने शनिवार को पैरालंपिक खेलों गोल्ड मेडल जीत कर इतिहास रच दिया. पैरालंपिक खेलों के बैडमिंटन मुक़ाबले में गोल्ड जीतने वाले वो पहले भारतीय बन गए हैं.

उनके अलावा, बैंडमिंटन में ही मनोज सरकार ने भी मेडल हासिल किया. उन्होंने ब्रॉन्ज़ मेडल अपने नाम किया है.
अपने इस प्रदर्शन के साथ पदक तालिका में भारत 26वें स्थान पर पहुंच गया है. 93 गोल्ड मेडल के साथ कुल 199 मेडलों के साथ चीन पहले जबकि 41 गोल्ड के साथ कुल 122 मेडल लेकर ब्रिटेन दूसरे स्थान पर बना हुआ है

गोल्ड मेडल विजेता

इस पैरालंपिक खेलों में भारत ने जो पाँच गोल्ड मेडल हासिल किए हैं, उनमें से दो शूटिंग, दो बैडमिंटन और एक जैवलिन थ्रो में मिला है.

इस बार देश के लिए सबसे पहला गोल्ड मेडल अवनि लेखारा ने महिलाओं के 10 मीटर एयर राइफ़ल शूटिंग मुक़ाबले में हासिल किया था.

दूसरा गोल्ड मेडल सुमित एंटिल ने भाला फेंकने में प्राप्त किया.

इसके बाद मनीष नरवाल ने 50 मीटर पिस्टल की शूटिंग प्रतियोगिता में तीसरा, प्रमोद भगत ने बैडमिंटन में देश के लिए चौथा और कृष्णा नागर ने बैडमिंटन में ही देश को पाँचवा गोल्ड मेडल दिलाया.

गोल्ड मेडल के लिहाज से भारत का इससे पहले का सबसे बढ़िया प्रदर्शन 2016 के रियो पैरालंपिक में था.

उस समय, भारत को दो गोल्ड मेडल और कुल चार मेडल मिले थे. वहीं 2016 के पहले देश को कुल मिलाकर केवल दो ही गोल्ड मेडल हासिल हुए थे.

इसका मतलब यह हुआ कि 2020 के पहले तक भारत ने पैरालंपिक खेलों के इतिहास में कुल चार गोल्ड मेडल प्राप्त किए थे.

टोक्यो पैरालंपिक खेलों में अब तक प्राप्त हुए पाँच गोल्ड मेडल को इस लिहाज से भारत का सबसे बढ़िया प्रदर्शन कहा जाएगा.

रजत पदक

टोक्यो पैरालंपिक खेलों में भारत ने अब तक कुल आठ सिल्वर मेडल प्राप्त किए हैं. इनमें से एथेलेटिक्स में सबसे ज्यादा पाँच सिल्वर मेडल मिले हैं.

हालांकि भारत ने 2020 खेलों के पहले तक जितने भी पैरालंपिक मेडल हासिल किए थे, उनमें सिल्वर मेडल की कुल संख्या केवल चार ही थी. इनमें से दो 1984 के खेलों में मिले थे, जबकि एक-एक 2012 और 2016 के पैरालंपिक खेलों में प्राप्त हुए थे.

इस बार देश के लिए सबसे पहला सिल्वर मेडल टेबल टेनिस के एकल मुक़ाबले में भाविना पटेल ने जीता था. उनके बाद निषाद कुमार ने हाई जंप में, तो योगेश कथुनिया ने चक्का फेंक प्रतियोगिता में सिल्वर हासिल किया.

देंवेद्र झाझरिया ने भाला फेंकने में सिल्वर प्राप्त किया. इसके बाद, मरियप्पन थंगावेलू और प्रवीण कुमार दोनों ने हाई जंप में सिल्वर मेडल अपने और देश के नाम किए.

शूटिंग के 50 मीटर पिस्टल मुक़ाबले में सिंहराज अढ़ाना ने भी एक सिल्वर मेडल प्राप्त किया है. नोएडा के डीएम और बैडमिंटन खिलाड़ी सुहास यतिराज ने खेल के आख़िरी दिन रविवार को सिल्वर मेडल अपने नाम किया

कांस्य पदक

2020 के पैरालंपिक खेलों में देश की झोली में अब तक 6 ब्रॉन्ज़ मेडल आए. इनमें से एथेलेटिक्स और शूटिंग में दो-दो, आर्चरी और बैडमिंटन में एक-एक ब्रॉन्ज़ हासिल हुए हैं.

सबसे पहले सुंदर सिंह गुर्जर ने भाला फेंकने में ब्रॉन्ज़ मेडल प्राप्त किया, तो सिंहराज अढ़ाना ने शूटिंग के 10 मीटर एयर पिस्टल मुक़ाबले में ब्रॉन्ज़ अपने नाम किया. सिंहराज ने उसके बाद शूटिंग के 50 मीटर पिस्टल मुक़ाबले में भी सिल्वर मेडल हासिल किया.

उसके बाद शरद कुमार ने हाई जंप में तो अवनि लेखारा ने शूटिंग के 50 मीटर राइफ़ल मुक़ाबले में ब्रॉन्ज़ मेडल प्राप्त किया.

इस तरह इस बार के पैरालंपिक खेलों में अवनि लेखारा और सिंहराज अढ़ाना दो ऐसे खिलाड़ी हैं, जिन्होंने अपने-अपने नाम दो मेडल किए हैं.

आर्चरी में हर​विंदर सिंह ने तो बैडमिंटन में मनोज सरकार ने भी इस बार ब्रॉन्ज़ मेडल हासिल किया है.

भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पर भारतीय खिलाड़ियों को पैरालंपिक में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए ख़ूब बधाई दी है.

उन्होंने मेडल जीतने वाले सभी खिलाड़ियों से फ़ोन पर बात करते हुए व्यक्तिगत रूप से शुभकामनाएं भी दी हैं.

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