वन भूमि से हटाये अवैध मदरसा और मस्जिद,13 हेक्टेयर जमीन कराई खाली

अवैध मदरसों पर चला धामी सरकार का बुलडोजर, जंगल में हो रहा था संचालन
हल्द्वानी 17 अक्टूबर । अधिकारियों ने अवैध मदरसे समेत एक एकड़ में फैले धार्मिक अतिक्रमण को बुलडोजर से ध्वस्त कराया। बूढ़ाखत्ता मदरसे में पिछले एक साल से मुरादाबाद के ठाकुरद्वारा निवासी सलीम नाम का मौलवी दीनी तालीम के नाम उर्दू-फारसी पढ़ा रहा था। हमने जंगल में अवैध मदरसे और मस्जिद निर्माण की सच्चाई उजागर की थी।

अवैध मदरसों पर चला धामी सरकार का बुलडोजर, जंगल में हो रहा था संचालन
अवैध मदरसों पर चला धामी सरकार का बुलडोजर, एक एकड़ में फैले अतिक्रमण को भी किया ध्वस्त
मुख्य बिंदु
मदरसे के साथ ही एक एकड़ में फैले अतिक्रमण को भी किया ध्वस्त
सच्चाई सामने आने के बाद मुख्यमंत्री कार्यालय और गृह विभाग ने संज्ञान लिया
धकाते बोले मुख्यमंत्री के कठोर निर्देश,लापरवाह अधिकारियों को भी नहीं छोड़ेंगे

हल्द्वानी 18 अक्टूबर। हमारी पड़ताल में बीच जंगल बने अवैध मदरसों और मस्जिद की सच्चाई सामने आने के बाद मुख्यमंत्री कार्यालय और गृह विभाग ने संज्ञान लिया। इसके बाद अधिकारियों की नींद टूटी और बुधवार शाम वन विभाग के साथ ही प्रशासनिक अमला टांडा जंगल पहुंच गया। अवैध मदरसे समेत एक एकड़ में फैले धार्मिक अतिक्रमण को बुलडोजर से ध्वस्त कराया। जल्द दो अन्य रेंजों में भी कार्रवाई की तैयारी है।

मस्जिद और मदरसे दोनों का संचालन हो रहा था

हमने मंगलवार को हल्द्वानी-रुद्रपुर हाईवे पर टांडा से सटे जंगल में अवैध मदरसे और मस्जिद निर्माण की सच्चाई उजागर की थी। पड़ताल में पता चला था कि तराई के इस जंगल में अवैध रूप से मस्जिद और मदरसे दोनों का संचालन हो रहा है। नहरखत्ता के मदरसे में स्थानीय व्यक्ति ही पढ़ाने आता है, जबकि बूढ़ाखत्ता मदरसे में पिछले एक साल से मुरादाबाद के ठाकुरद्वारा निवासी सलीम नाम का मौलवी दीनी तालीम के नाम उर्दू-फारसी पढ़ा रहा है।

अतिक्रमण हटाओ अभियान के नोडल अधिकारी डाक्टर पराग मधुकर धकाते ने बताया कि अतिक्रमण व अवैध धार्मिक संरचना के मामले को मुख्यमंत्री कार्यालय और गृह विभाग ने गंभीरता से लेकर तराई केंद्रीय डिवीजन व ऊधम सिंह नगर प्रशासन को संयुक्त कार्रवाई के निर्देश दिए। इसके बाद बुधवार शाम टीम ने एक एकड़ वनभूमि पर बने धार्मिक अतिक्रमण को ध्वस्त कर दिया, जिसमें एक मदरसा भी शामिल था। उसके निर्माण की प्रशासन व वन विभाग से अनुमति नहीं ली गई थी।

तराई केन्द्रीय फॉरेस्ट डिविजन टांडा रेंज में वन विभाग के बुलडोजरों ने गुज्जरों के अवैध कब्जे कर दिये ध्वस्त

वन विभाग को सूचना मिली थी कि जंगलों में बाहरी प्रदेशों से आए गुज्जर अवैध रूप से बस गए है और वहां उन्होंने अवैध रूप से मदरसे भी बना लिए है।

उत्तराखंड फॉरेस्ट के अतिक्रमण हटाओ अभियान के नोडल अधिकारी डाक्टर पराग मधुकर धकाते ने बताया कि तराई क्षेत्र के टांडा रेंज में अतिक्रमण को लेकर मीडिया में आई खबरों को मुख्यमंत्री कार्यालय और गृह विभाग ने गंभीरता से लिया और जिला प्रशासन उधमसिंह नगर और तराई सेंट्रल फॉरेस्ट डिविज़न के अधिकारियों की संयुक्त कारवाई में उक्त अतिक्रमण ध्वस्त कर दिया है और एक एकड़ वनभूमि पर बने धार्मिक अतिक्रमण को भी हटा दिया ,यहां अवैध रूप से मदरसा बनाया गया था और इसके लिए प्रशासन से अनुमति नही ली गई थी।

अवैध मस्जिद-मदरसों पर चला धामी का बुलडोजर, 13 हेक्टेयर जमीन करवाई खाली

टांडा से जुड़े जंगल में गुरुवार को तराई केंद्रीय डिवीजन की दो अलग-अलग रेंज में अधिकारी व वनकर्मी बुलडोजर लेकर पहुंचे। विरोध की आशंका के चलते पूरी तैयारी की गई थी।

इसके बाद पीपलपड़ाव रेंज में अवैध मस्जिद व मदरसे को तोड़ा गया। भाखड़ा रेंज में भी 13 हेक्टेयर जमीन अतिक्रमणकारियों से मुक्त कराई गई। मंगलवार को टांडा से जुड़े जंगल में पीपलपड़ाव रेंज के भूढ़ाखत्ता और भाखड़ा रेंज के नहरखत्ता में अवैध मस्जिद व मदरसे के अलावा घेरी गई जमीन का पता चला।

अवैध मस्जिद-मदरसों को हटाया गया

बुधवार को मुख्यमंत्री कार्यालय और गृह विभाग ने मामले को गंभीरता से लेकर तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए, जिसके बाद पहले टांडा रेंज में एक एकड़ जमीन को मुक्त कराने के साथ मदरसा भी गिराया गया। वहीं, गुरुवार को रेंजर नवीन रौतेला के नेतृत्व में टीम भूढ़ाखत्ता पहुंची। यहां बुलडोजर से एक मस्जिद व मदरसे को तोड़ा गया। दोनों अवैध तौर पर संचालित किए जा रहे थे।
दूसरी तरफ रेंजर भाखड़ा हरीश पांडे संग वनकर्मी प्लाट संख्या 95 में कार्रवाई को पहुंचे, जहां कुछ लोग पहले विरोध की कोशिश करने लगे, लेकिन विभागीय कठोरता से कुछ देर बाद शांत हुए। यहां 13 हेक्टेयर भूमि अवैध कब्जे से मुक्त कराई गई है। खेती व निर्माण से अतिक्रमण के प्रयास को विफल कर दिया गया। डीएफओ हिमांशु बागड़ी के निर्देश पर यह कार्रवाई हुई। कार्रवाई से पूर्व पूरी रणनीति तय की गई। ताकि बगैर अनुमति चल रही धार्मिक गतिविधियों को छुपाया न जा सके।

लोगों ने बताया सच

मुरादाबाद का मौलवी शकील यहां आता था। पीपलपड़ाव में मस्जिद व मदरसा अगल-बगल में था।लोगों ने स्वीकार किया है कि एक साल से मुरादाबाद के ठाकुरद्वारा निवासी शकील नाम का मौलवी यहां पढ़ाने आता था। इससे पूर्व बिलासपुर के एक मौलवी पर यह जिम्मेदारी थी।

वहीं, डीएफओ ने एसडीओ शशि देव को पूरी डिवीजन की जांच के निर्देश दिए है। रिपोर्ट तैयार हो रही है। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूल बच्चों को भेजिए सरकार ने खत्तों में रहने वाले लोगों के लिए स्कूल खोल रखे हैं।
भूढ़ाखत्ता व नहरखत्ता के बीच में एक प्राइमरी स्कूल है, जहां कई किलोमीटर दूर से दो शिक्षक रोजाना पढ़ाने के लिए आते हैं। ऐसे में गुज्जरों को अपने बच्चे इन स्कूल में भेजने चाहिए। जहां पढ़ने से असल शिक्षा हासिल हो सकेगी।

वन विभाग संग खुफिया एजेंसी की अब बड़ी भूमिका
पिछले दो दिन में टांडा से जुड़े जंगल में तीन अवैध धार्मिक संरचना तोड़े गए हैं। लोगों में आक्रोश तो है। लेकिन सख्ती के आगे कुछ नहीं कर पाए। ऐसे में वन विभाग संग खुफिया एजेंसी को आगे अहम जिम्मेदारी निभानी होगी। आशंका है कि कुछ अराजकतत्व लोगों को भड़काने की भी कोशिश करेंगे। ऐसे में निगरानी तंत्र को और मजबूत करना होगा।

नोडल अधिकारी डाक्टर पराग मधुकर धकाते ने बताया कि पूर्व में भी यहां से अतिक्रमण हटाने के लिए नोटिस दिए गए थे परंतु इन्होंने नियमानुसार जंगल की जमीन खाली नहीं की थी इस लिए आज सख्त कार्रवाई की आवश्यकता पड़ी।

नोडल अधिकारी डाक्टर पराग मधुकर धकाते ने बताया कि जंगल में किसी भी प्रकार की धार्मिक स्थल बनाए जाने की अनुमति नहीं है और यदि कोई बनाएगा तो उसके खिलाफ कठोर कानूनी कार्यवाही होगी । साथ ही विभागीय अधिकारियों पर भी कार्यवाही की जाएगी।

नोडल अधिकारी डाक्टर पराग मधुकर धकाते ने बताया कि हाई कोर्ट के निर्देश पर राष्ट्रीय राज मार्गो के किनारे फॉरेस्ट लैंड से अतिक्रमण हटाने को जिला प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित करके ही अतिक्रमण हटाया जाएगा। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्पष्ट कहा है कि अतिक्रमण हटाओ अभियान जारी रहेगा और कोई भी धार्मिक चिन्ह जंगल में नही बनने दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री के कठोर निर्देश, लापरवाह अधिकारियों को भी नहीं छोड़ेंगे : धकाते

अतिक्रमण हटाओ अभियान के नोडल अधिकारी डाक्टर पराग मधुकर धकाते ने बताया कि जंगल में किसी भी तरह के धार्मिक अतिक्रमण की अनुमति नहीं है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का सख्त निर्देश है कि कब्जों को लेकर मिलीभगत मिलने पर विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों के विरुद्ध भी कार्रवाई होगी। इस मामले में लापरवाह अधिकारी नहीं बचेंगे। अतिक्रमण हटाने के बाद उनपर भी कड़ी कार्रवाई होगी।

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