आईआईटी रुड़की के’किसान’ मोबाइल एप और वीडियो का लोकार्पण

आईआईटी रुड़की ने कृषि-मौसम परामर्श सेवाओं के लिए ‘किसान’ मोबाइल एप का किया लोकार्पण
(आईआईटी रुड़की, 19 फ़रवरी, 2022)। ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ कार्यक्रम श्रृंखला अंतर्गत आईआईटी रुड़की के जल संसाधन विकास एवं प्रबन्धन विभाग में संचालित “ग्रामीण कृषि-मौसम सेवा परियोजना” में क्षेत्रीय किसान जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में कृषि मौसम प्रक्षेत्र इकाई रुड़की के कार्यक्षेत्र में आने वाले जनपद हरिद्वार, देहरादून तथा पौड़ी गढ़वाल के किसानों ने भाग लिया। कार्यक्रम में भारत मौसम विभाग के सहयोग से रुड़की केन्द्र से उपलब्ध कराई जा रही कृषि मौसम परामर्श सेवाओं के बारे में किसानों को जागरूक किया गया। इन सेवाओं को तकनीक का इस्तेमाल करते हुए आसानी से किसानों तक समय पर पहुंचाने के उद्देश्य से आईआईटी रुड़की ने राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केन्द्र-इसरो के सहयोग से विकसित मोबाइल एप “किसान” का लोकार्पण किया।
भारत मौसम विभाग, नई दिल्ली के अपर महानिदेशक डॉक्टर के के सिंह ने बताया कि रुड़की केन्द्र हरिद्वार जनपद के सभी छः ब्लॉक के लिए ब्लॉक स्तरीय मौसम पूर्वानुमान तथा कृषि-मौसम परामर्श बुलेटिन प्रत्येक मंगलवार तथा शुक्रवार को जारी करता है। किसान अब इन बुलेटिनों को आज लांच किये गए “किसान” एप की सहायता से अपने मोबाइल फोन पर आसानी से प्राप्त कर सकते हैं। इस एप की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसमें किसानों को सिर्फ उनके चयनित ब्लॉक का ही मौसम पूर्वानुमान तथा एडवाइजरी बुलेटिन प्रदर्शित होगी। इसके अतिरिक्त उपयोगकर्ता इन बुलेटिनों के बारे में अपने सुझाव भी एप पर ही दे सकते हैं। इससे किसानों के सुझाव बुलेटिन में शामिल करके कृषि-मौसम परामर्श सेवाओं को अधिक से अधिक किसान उपयोगी बनाया जा सकेगा।
रीजनल रिमोट सेंसिंग सेंटर, नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर, इसरो, हैदराबाद में आउटस्टैंडिंग साइंटिस्ट तथा चीफ जनरल मैनेजर डॉक्टर सी एस झा के निर्देशन में “किसान” एप विकसित करने वाली वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉक्टर खुशबू मिर्ज़ा ने बताया कि इस एप में किसानों की आवश्यकतानुसार समय-समय पर आवश्यक बदलाव भी किये जायेंगे, जिससे यह एप किसानों की अधिक से अधिक आवश्यकताओं को पूरा कर सके।
कार्यक्रम उद्घाटन सत्र को सम्बोधित करते हुए आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रोफेसर ए के चतुर्वेदी ने कहा कि आधुनिक तकनीक का प्रयोग कर बेहतर कृषि पद्धतियों से किसानों को लाभान्वित करने को आईटी रुड़की सक्रिय रूप से प्रयासरत है। यह प्रयास कृषि क्षेत्र में जोखिम कम करने को नवीनतम तकनीक से किसानों की मदद में बढ़ाया गया एक छोटा सा कदम है।
रीजनल रिमोट सेंसिंग सेंटर, नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर, इसरो, हैदराबाद में आउटस्टैंडिंग साइंटिस्ट तथा चीफ जनरल मैनेजर डॉक्टर सी एस झा ने कहा कि चूँकि आज अधिकतर किसान स्मार्ट फ़ोन उपयोग करते हैं, इसलिए त्वरित गति से किसानों को कृषि-मौसम सूचनाओं का आदान-प्रदान करने को मोबाइल ऍप्लिकेशन्स एक बेहतर विकल्प है। इस लिहाज से “किसान” मोबाइल एप किसानों की मौसम सम्बन्धी आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम है।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए राष्ट्रीय फसल पूर्वानुमान केन्द्र, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली के निदेशक डॉक्टर वी एम चौधरी ने कहा कि वर्तमान समय में मौसम पूर्वानुमान के अतिरिक्त फसल उपज पूर्वानुमान भी व्यक्त किया जा रहा है,जो सरकार की विभिन्न एजेंसियों को नीतिगत निर्णय लेने में सहायक होता है। डॉक्टर चौधरी ने रिमोट सेंसिंग तकनीक के कृषि क्षेत्र में किये जा रहे व्यापक प्रयोग के बारे में किसानों को विस्तारपूर्वक जानकारी दी।
कार्यक्रम में कृषि मौसम प्रक्षेत्र इकाई, आईआईटी रुड़की के ग्रामीण कृषि मौसम सेवा परियोजना के बारे में हिन्दी व अंग्रेजी भाषा में तैयार वीडियो का भी लोकार्पण किया गया। इस वीडियो के माध्यम से “ग्रामीण कृषि मौसम सेवा परियोजना” के बारे में सरल तरीके से विस्तारपूर्वक जानकारी प्राप्त की जा सकती है। इसके अतिरिक्त किसानों को इन सेवाओं के बारे में आसान भाषा में जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से “फसल, बागवानी तथा पशुधन प्रबन्धन हेतु कृषि-मौसम परामर्श सेवाएं” नामक पुस्तिका का विमोचन भी किया गया।
इससे पूर्व जल संसाधन विकास एवं प्रबन्धन विभागाध्यक्ष प्रोफेसर आशीष पाण्डेय ने अतिथियों व प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए ग्रामीण कृषि मौसम सेवा परियोजना में कृषि मौसम प्रक्षेत्र इकाई, आईआईटी रुड़की से किसानों को उपलब्ध कराई जा रही विभिन्न मौसम सेवाओं के बारे में जानकारी दी।

कार्यक्रम में प्रगतिशील कृषक तथा भू-अमृत किसान उत्पादक संघ के चेयरमैन रवि किरन सैनी, वरिष्ठ कृषक जयपाल सिंह, देहरादून जनपद के कृषक ओम प्रकाश कम्बोज, पूर्व प्रधान कालू राम, प्रगतिशील युवा कृषक मोनू सैनी, पौड़ी गढ़वाल के प्रगतिशील कृषक आशीष डबराल ने भी अपने विचार साझा किये।
इस अवसर पर स्वेच्छा से विभिन्न गाँवों में किसानों का व्हाट्सएप्प ग्रुप बनाकर नियमित रूप से बुलेटिन प्रसारित करने वाले प्रमुख युवा किसानों गुरविंदर सिंह, नवीन कुमार, अभिषेक पवार, मनोज गिरी और विनय कांम्बोज को सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केन्द्र धनौरी के हेड डॉक्टर पुरुषोत्तम कुमार, वैज्ञानिक डॉक्टर वाई पी सैनी, मुख्य कृषि अधिकारी हरिद्वार डॉक्टर विजय देवरारी, मौसम केन्द्र देहरादून के वैज्ञानिक रोहित थपलियाल, जल संसाधन विकास एवं प्रबन्धन विभाग से प्रोफेसर एम एल कंसल, प्रोफेसर बसंत यादव, प्रोफेसर एस के मिश्रा, प्रोफेसर दीपक खरे, मौसम प्रेक्षक रोहित गिरी सहित किसान व मीडिया कर्मी उपस्थित रहे। कार्यक्रम में कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए अत्यन्त सीमित संख्या में किसानों तथा मीडिया प्रतिनिधि आमंत्रित किये गये थे।
कार्यक्रम का सञ्चालन ग्रामीण कृषि-मौसम सेवा परियोजना के तकनीकी अधिकारी डॉक्टर अरविन्द कुमार तथा धन्यवाद ज्ञापन परियोजना के नोडल अधिकारी प्रोफेसर आशीष पाण्डेय ने प्रस्तुत किया।

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