आईआईटी मद्रास चैलेंज पराली जलाने के समाधान वाले इनोवेटरों को मदद

‘आईआईटी मद्रास चैलेंज’उत्तर भारत में पराली जलाने जैसे पर्यावरण संकट के समाधान देने में इनोवेटरों को मदद देगा
अखिल भारतीय इको-इनोवेशन और उद्यमिता प्रतियोगिता कार्बन जीरो चैलेंज (सीजेडसी 2022 में प्रोटोटाइप बनाने के लिए 25 टीमों को 5 लाख रुपये तक और 5 टीमों को 10 लाख रुपये तक स्टार्टअप ग्रांट दिए जाएंगे

देहरादून, 14 अक्टूबर:-उत्तर भारत में पराली जलाने जैसे पर्यावरण संकट के समाधान विकसित करने के दृष्टिकोण से भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास का कार्बन जीरो चैलेंज 2022 (सीजैडसी 2022 संस्थान के छात्रों शोधकर्ताओं इनोवेटरों और उद्यमियों सभी के लिए अभूतपूर्व अवसर है। प्रतियोगिता का मकसद शिक्षा और अनुसंधान प्रयोगशालाओं में जहां प्रौद्योगिकी का विकास होता है सस्टेनेबलिटी और उद्यमी सोच को बढ़ावा देना है।
ऊर्जा जल कचरा निपटान मिट्टी और हवा की गुणवत्ता आदि क्षेत्रों में कार्य करने के लिए आवेदक टीमों के पास पर्यावरण संरक्षण संसाधन संरक्षण सस्टेनेबलिटी के जांचे-परखे आइडिया का होना अनिवार्य है।
सीजैडसी 2022 में प्रोटोटाइप तैयार करने के लिए सर्वोपरि 25 टीमों को 5 लाख रुपये तक और 5 टीमों को 10 लाख रुपये तक का स्टार्टअप अनुदान दिया जाएगा। इसके अलावा सर्वोपरि टीमों को उद्यमिता प्रौद्योगिकी और व्यावसायिक सलाह सस्टेनेबलिटी और ईएसजी (पर्यावरण सामाजिक और प्रशासन मैट्रिक्स में भी प्रशिक्षण दिया जाएगा।
प्रतियोगिता को आवेदन 30 अक्टूबर 2022 तक कर सकते हैं। अधिक जानकारी वेबसाइट पर आयोजक से प्राप्त कर सकते हैं।
सीजैडसी 2022 चैलेंज से कई अवसर सामने आए हैं जिनके बारे में प्रिंसिपल कार्डिनेटर प्रोफेसर इंदुमति एम नांबी फैकल्टी सिविल इंजीनियरिंग विभाग आईआईटी मद्रास विभाग ने कहा कि हमारे देश की सबसे बड़ी चुनौतियों में शामिल हैं 2070 तक नेट जीरो का लक्ष्य पूरा करना , अपशिष्ट से सामग्री और ऊर्जा निकालने का सर्कुलर समाधान, सस्टेनबल पर्यावरण ,हवा, मिट्टी और जल संसाधन प्रदूषण की रोकथाम और निदान करना। सीजैडसी 2022 स्वदेशी नवाचारों के बल पर इन बड़ी चुनौतियों का हल देने की दिशा में एक बड़ा कदम है।”
सीजेडसी 2022 का थीम ‘सर्कुलरिटी इन रिसोर्सेज़ कंजर्वेशन’ है और यह हवा जल मिट्टी मटीरियल्स और ऊर्जा जैसे संसाधनों के प्रबंधन और संरक्षण में सर्कुलरिटी और सस्टेनेबलिटी का समावेश करते हुए इनोवेटिव साॅल्यूशन को बढ़ावा देगा।
कौन आवेदन कर सकते हैं
उद्यमिता को करियर बनाने के इच्छुक विद्यार्थी
खुद उद्यमी बनने के इच्छुक या विद्यार्थी के स्टार्टअप बनाने में मदद और मार्गदर्शन करने के इच्छुक फैकल्टी
प्रारंभिक चरण के रजिस्टर्ड स्टार्टअप
पर्यावरण संरक्षण कार्य करने का इच्छुक कोई भी व्यक्ति जिसके पास कसौटी पर खरा समाधान हो
सीजैडसी 2022 में आवेदन करने में मदद के इच्छुक आवेदकों के लिए लाइव प्रश्नोत्तर सत्र का आयोजन भी किया जाएगा। प्रश्नोत्तर में शामिल होने के इच्छुक उम्मीदवार नीचे दिए गए लिंक के जरिये पंजीकरण कर सकते हैं। तिथि और समय की सूचना बाद में दी जाएगी https://forms.gle/pTaxkEaBtACA8Kx5A

सीजैडसी 2022 में मिलने वाले लाभ

प्रोटोटाइप और प्रशिक्षण के लिए वित्तीय सहायता के साथ-साथ स्टार्टअप सीड ग्रांट ताकि बाजार के लिए तैयार उद्यमों का विकास करना आसान हो।
बड़े बदलाव के शोध को बढ़ावा दिया जाएगा ताकि सस्टेनेबलिटी की अपेक्षाकृत कम प्राथमिकता वाली चुनौतियों जैसे संसाधनों के गलत या बेतहासा उपयोग के चलते मात्रा में गिरावट और प्रदूषण का समाधान किया जाए।
ये संसाधन हैं जल, मिट्टी, हवा, ऊर्जा और मटीरियल्स अर्थात् ‘पंचभूतम’
प्रतिभागी टीमों को बाजार का रुझान करने और उद्यमशीलता का लाभ लेने को प्रशिक्षित किया जाएगा। साथ ही उनके उत्पाद की सस्टेनेबलिटी रिपोर्ट तैयार करने कहा जाएगा ताकि वे क्लीन-टेक कंपनी के रूप में बाजार में पहचान बनाएं। इन टीमों को उद्योग और शिक्षा जगत के विशेषज्ञों से संपर्क करने का अवसर दिया जाएगा जिनकी मदद से वे अपनी प्रौद्योगिकी और व्यावसायिक कौशल में निखार ला सकेंगे।
सन् 2035 तक एशिया के शहरों में 1 अरब से अधिक वाहन होंगे और परिवहन क्षेत्र ही 80 प्रतिशत तक वायु प्रदूषण का कारण होगा। यह तथ्य एशियाई विकास बैंक (एडीबी की एक रिपोर्ट से सामने आया है। भारत सरकार के कृषि मंत्रालय ने भी यह तथ्य सामने रखा है कि पर्यावरण की क्षति से भारत सालाना लगभग 80 अरब डॉलर का नुकसान झेल रहा है।

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