फव्वारा है तो वाटर सप्लाई सिस्टम को हो नीचे तहखाने का सर्वे: हिंदू पक्ष

ज्ञानवापी पर सुनवाई टली:हिंदू पक्ष की 2 मांगें; जहां शिवलिंग मिला, उसके नीचे तहखाने का सर्वे हो, फव्‍वारा है तो वाटर सप्लाई दिखाएं

वाराणसी18 मई। ज्ञानवापी मस्जिद मामले में वाराणसी कोर्ट में बुधवार को होने वाली सुनवाई टल गई। वकीलों की हड़ताल के चलते अब केस पर कल यानी गुरुवार को सुनवाई होगी। कोर्ट ने गुरुवार को ज्ञानवापी परिसर की सर्वे रिपोर्ट भी दाखिल करने के आदेश दिए हैं।

हिंदू पक्ष की दो मांग

इससे पहले, हिंदू पक्ष के दो वकील हरिशंकर जैन और विष्णु जैन मीडिया के सामने आए। उन्होंने दो नई मांगों का जिक्र किया। हरिशंकर जैन ने कहा, “जहां शिवलिंग मिला है, उसके नीचे तहखाने का सर्वे कराया जाना चाहिए। सामने की दीवार को साफ करके अच्छे तरीके से वीडियोग्राफी होनी चाहिए। हमें उम्मीद है कि कोर्ट हमारे इस प्रार्थना पत्र पर तथ्यों और साक्ष्य के आधार पर फैसला सुनाएगा।”

विष्‍णु जैन ने कहा, “ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में मिले शिवलिंग को दूसरा पक्ष फव्‍वारा कह रहा है। अगर ऐसा है तो वह फव्‍वारा चलाकर दिखा दें। फव्‍वारा है तो वहां वाटर सप्लाई का पूरा सिस्टम भी होगा। ऐसे में प्रतिवादी पक्ष को जांच पर ऐतराज क्यों है?” उन्होंने यह भी दावा किया कि नंदी महाराज के सामने से व्यासजी के कक्ष से शिवलिंग तक रास्ता जाता है। कोर्ट से वहां खुदाई कराने की मांग की गई है।

हिंदू पक्ष के वकील- विष्णु जैन (दाएं) और हरिशंकर जैन ने मीडिया से बातचीत में अपनी दो नई मांगों का जिक्र किया है।

पूर्व एडवोकेट कमिश्नर अजय मिश्रा से ही तैयार कराई जाए सर्वे रिपोर्ट

हिंदू पक्ष के एक वादी ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर कोर्ट द्वारा कार्यमुक्त किए गए एडवोकेट कमिश्नर अजय मिश्रा से सर्वे रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहा है। वादी ने कहा, “6 और 7 मई को ज्ञानवापी के सर्वे की कार्रवाई उन्हीं के द्वारा सम्पन्न की गई थी। अजय कुमार मिश्रा का सहयोग लिए बगैर रिपोर्ट अधूरी रहेगी।”

बता दें कि अजय मिश्रा पर मुस्लिम पक्ष ने ऐतराज जताते हुए उनको हटाने की मांग की थी। हालांकि तब कोर्ट ने उनको नहीं हटाया था। बाद में सर्वे की जानकारी लीक करने के मामले में कोर्ट ने उनको हटा दिया था।

इन दो प्रार्थना-पत्र में आज कोर्ट में होनी थी सुनवाई

1-पहली एप्लिकेशन

कुछ दीवारें गिराकर वीडियोग्राफी हो

हिंदू पक्ष यानी मां शृंगार गौरी मामले की वादिनी सीता साहू, मंजू व्यास और रेखा पाठक की ओर से एक बार फिर ज्ञानवापी में सर्वे की मांग की गई है। ज्ञानवापी परिसर की कुछ दीवारों को गिराने सहित 4 पॉइंट्स पर एप्लिकेशन दी गई है।

1-ज्ञानवापी में जहां शिवलिंग मिला है, वहां और उसके आसपास कोई वजू न करे।

2-शिवलिंग के पूर्व और उत्तर दिशा की दीवार के साथ ही नंदी के उत्तर दिशा की दीवार तोड़ कर मलबा हटाया जाए।
3-शिवलिंग की लंबाई-चौड़ाई और ऊंचाई का पता लगाने के लिए कमीशन की कार्रवाई हो।

4-बैरिकेडिंग के अंदर पश्चिम दिशा की दीवार को तोड़ कर मंडपम् की भी वीडियोग्राफी करवाई जाए।

दूसरी एप्लिकेशन: सील होने के बाद की समस्या दूर की जाएं

ज्ञानवापी मामले में UP सरकार की ओर से वाराणसी कोर्ट में अर्जी दाखिल की गई है। DGC सिविल महेंद्र प्रसाद पांडेय ने सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर की अदालत में एप्लिकेशन दी है। इसमें तीन मांगें की गई हैं।

1-ज्ञानवापी मस्जिद स्थित जिस 3 फीट गहरे मानव निर्मित तालाब को सीज किया गया है। उसके चारों तरफ पाइप लाइन और नल हैं। उस नल का उपयोग नमाजी वजू के लिए करते हैं। तालाब परिसर सील होने के कारण नमाजियों के वजू के लिए बाहर व्यवस्था की जाए।
2-ज्ञानवापी के सील हुए क्षेत्र में शौचालय भी हैं। उनका उपयोग नमाजी करते हैं। अब उन्हें वहां नहीं जाने दिया जा रहा है। ऐसे में उनकी व्यवस्था की जाए।
3-सील किए गए तालाब में कुछ मछलियां भी हैं। ऐसे में उन्हें खाने की चीजें नहीं मिल पा रही हैं। उन मछलियों को अब कहीं और पानी में छोड़ा जाए।

वकीलों की हड़ताल के चलते ज्ञानवापी केस की बुधवार को सुनवाई नहीं हो पाई है। अब यह सुनवाई कल यानी 19 मई को होगी।

सुबह वकील हड़ताल पर चले गए, विरोध प्रदर्शन किया

दरअसल, प्रदेश सरकार के विशेष सचिव प्रफुल्ल कमल की ओर से राज्य के सभी DM को एक पत्र भेजा गया है। वकीलों का आरोप है- पत्र में विशेष सचिव ने जैसा लिखा है, उससे लगता है कि उनकी मंशा वकीलों को अराजक संबोधित करने की है। वकीलों ने विशेष सचिव का लेटर जलाकर नारेबाजी की। वकीलों के विरोध के बाद विशेष सचिव प्रफुल्ल कमल ने प्रदेश के सभी डीएम को एक नया लेटर जारी किया है। इसमें उन्होंने अपने 14 मई के पत्र को निरस्त करने की बात कही है।

ज्ञानवापी मामले में अब तक क्या-क्या हुआ है

हिंदू पक्ष का कहना है कि यह तस्वीर ज्ञानवापी मस्जिद में स्थित वजूखाने में शिवलिंग की है। वहीं, मस्जिद पक्ष के लोगों का कहना है कि यह फव्वारा है।

कोर्ट ने मंगलवार को एडवोकेट कमिश्नर अजय मिश्रा को हटाया

ज्ञानवापी परिसर के सर्वे मामले को लेकर मंगलवार को कोर्ट में तीन प्रार्थना पत्र दिए गए थे। इस क्रम में कोर्ट ने स्पेशल एडवोकेट कमिश्नर विशाल सिंह के प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए एडवोकेट कमिश्नर अजय कुमार मिश्रा को कमीशन की कार्रवाई से हटाने का आदेश दिया था। साथ ही, ज्ञानवापी परिसर से संबंधित कमीशन की सर्वे रिपोर्ट तैयार करने के लिए दो दिन का समय देने के अनुरोध को स्वीकार किया था।

ये तस्वीर ज्ञानवापी के पिछले हिस्से की है। इन दीवारों की भी वीडियोग्राफी की गई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *