होली खेली प्राकृतिक रंगों से,सहकार भारती ने दिखाया रास्ता

🌹होली में हर्बल रंगों का धमाल,
🌹सहकार भारती द्वारा प्रशिक्षण प्राप्त करके ब्रह्म वेलफेयर ट्रस्ट की महिलाओं ने बनाए वानस्पतिक ( हर्बल रंग),
लक्सर 30मार्च/ गत माह सहकार भारती द्वारा गोवर्धनपुर ग्राम में महिलाओं को वानस्पतिक ( हर्बल ) रंग बनाने का प्रशिक्षण दिया गया था जिसमें महिलाओं को प्राकृतिक रंगों की ओर प्रोत्साहित करते हुए फूलों से रंग बनाने का प्रशिक्षण दिया गया था। साथ ही रासायनिक रंगों के दुष्प्रभाव की जानकारी दी गई थी। प्रशिक्षण से प्रेरित होकर ब्रह्म वेलफेयर ट्रस्ट की महिलाओं ने स्वावलंबन की ओर कदम बढ़ाते हुए रंगों के त्यौहार होली के लिए हर्बल रंग बनाये। ट्रस्ट की महिलाओं ने ये वानस्पतिक रंग आसपास के स्कूलों में वितरित भी किये । साथ ही सामान्य जन को भी होली में हर्बल रंगों का प्रयोग करने के लिए प्रेरित किया ।
केमिकल युक्त रंगों से होने वाले दुष्प्रभाव से अवगत कराते हुए हर्बल रंगों के लाभ बताये गये जिससे प्रेरित होकर महिलाओं, पुरुषों, वृद्धों, नौजवानों तथा बच्चों ने हर्बल रंगों से खूब होली खेली। हर्बल (वानस्पतिक) रंगों से जिस उत्साह के साथ बच्चे, बूढ़े, जवान , महिलाएं और पुरुष सराबोर हुए ,इसे देखकर तो यही कहना पड़ेगा कि हर्बल रंगों ने रंगों के इस त्यौहार में धमाल मचा दिया है ।
बताते चलें कि सहकार भारती द्वारा गत माह महिलाओं को हर्बल गुलाल बनाने का प्रशिक्षण दिया गया था जिसे ब्रह्म वेलफेयर ट्रस्ट के स्वावलंबन कार्यक्रम में महिलाओं ने ये रंग बनाकर वितरित किया। कुछ संकोच के बाद ही सही ,लोगों ने इन रंगों को इस्तेमाल किया तो प्रत्येक व्यक्ति ने कहा कि हमारी त्वचा पर इन रंगों का कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ा है। इससे उत्साहित होकर महिलाओं, पुरुषों, बच्चों, वृद्धों और नौजवानों ने जी भर के हर्बल रंगों का इस्तेमाल किया।
इन रंगों को लेकर भविष्य में प्रयोग करने की इच्छा व्यक्त करते हुए कहा कि हम आगे से कभी भी केमिकल युक्त रंगों का प्रयोग नहीं करेंगें। हर्बल (वानस्पतिक) रंगों का प्रयोग न सिर्फ स्वास्थ्यप्रद है बल्कि स्वावलंबन के लक्ष्य की ओर भी सार्थक पग है। इसे प्रयोग के बाद लोगों की प्रतिक्रिया सकारात्मक और उत्साहजनक था।
लक्सर से पवन भारतीय

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