फैक्ट चैक:योगी को खाट से रोकने का कांगी-वामियों का दावा झूठा, पुलिस ने दी कार्रवाई की चेतावनी

मिनी कंटेनमैंट ज़ोन रहवासी से बात करते योगी आदित्यनाथ

क्या CM योगी आदित्यनाथ को ग्रामीणों ने गाँव में घुसने से रोका? कॉन्ग्रेस नेताओं, वामपंथी पत्रकारों के फर्जी दावे का फैक्ट चेक
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार (मई 16, 2021) कोविड -19 की स्थिति का जायजा लेने के लिए कई शहरों का दौरा किया। कोविड मरीजों को समय पर इलाज मिल सके, ये सुनिश्चित करने के लिए वह उनके परिवार के सदस्यों से मिलने के लिए गए। इस दौरान उन्होंने लोगों से मास्क पहनने और खुद को संक्रमण से बचाने के लिए सावधानी बरतने का आग्रह किया।

पश्चिमी यूपी युवा कॉन्ग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ओमवीर यादव, अभिनेत्री नगमा और सेवानिवृत्त सरकारी अधिकारी कंवल चड्ढा सहित कुछ उपद्रवियों और विपक्षी दलों के नेताओं ने इस दौरे का एक वीडियो पोस्ट किया जिसमें सीएम योगी लोगों को सावधानी बरतने की सलाह देने के बाद अपनी कार में वापस जाते हुए दिखाई दे रहे थे।

विपक्षियों ने इस वीडियो को शेयर करते हुए यह दिखाने की कोशिश की कि क्षेत्र के निवासियों ने सीएम योगी का रास्ता रोक दिया और उन्हें गाँव में प्रवेश नहीं करने दिया। ओमवीर यादव ने लिखा, “बस करो अब हमें आपकी ज़रूरत नहीं है। जनपद मेरठ के बिजौली गाँव में एक बुजुर्ग ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अपनी एक गली में खाट खड़ी कर जाने से रोक दिया। मुख्यमंत्री के लाख कहने पर भी बुजुर्ग ने रास्ता नहीं खोला और सीएम योगी को वापस जाना पड़ा।”

अभिनेत्री नगमा ने लिखा, “यह घटना रविवार (मई 16, 2021) की है। UP जनपद मेरठ के बिजौली गाँव में एक बीजेपी विरोधी बुजुर्ग ने मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी को अपनी एक गली में जाने से रोक दिया। मुख्यमंत्री के लाख इसरार करने पर भी बुजुर्ग ने रास्ता नहीं खोला और योगी को वापस जाना पड़ा।”

इस वीडियो में सुनाई दे रहा था कि सीएम योगी सभी से सावधानी बरतने और मास्क पहनने की अपील कर रहे हैं। हालाँकि ओमवीर यादव द्वारा पोस्ट किए गए वीडियो से उस हिस्से को हटा दिया गया था। इस वीडियो में ग्रामीणों द्वारा सीएम योगी के पक्ष में लगाए गए नारे भी सुने जा सकते हैं।

कंवल चड्ढा ने लिखा, “बिजौली गाँव में मेरठ में एक बूढ़े व्यक्ति ने अपनी खाट को सड़क के प्रवेश द्वार पर रखा और बहुत मजबूती से यूपी के सीएम आदित्यनाथ से कहा, “बस बहुत हो गया, हमें यहाँ आपकी जरूरत नहीं है।” उन्होंने आदित्यनाथ को अपने गाँव में प्रवेश करने से मना कर दिया। आखिर में सीएम को वापस जाना पड़ा।”

मेरठ पुलिस ने गुमराह करने वाले ट्वीट का किया खंडन
मेरठ पुलिस ने सोशल मीडिया पर किए गए भ्रामक दावों का खंडन किया। उन्होंने कहा, “आपने सोशल मीडिया पर जो पोस्ट किया है वह निराधार और भ्रामक है। यह फेक न्यूज फैलाने के दायरे में आता है। माननीय मुख्यमंत्री ने मेरठ जिले के बिजौली गाँव में कंटेनमेंट जोन में एक परिवार से मुलाकात की और स्थिति का जायजा लिया।”

उन्होंने आगे कहा कि परिवार ने उनका आभार व्यक्त किया जब उन्होंने पूछा कि क्या उन्हें समय पर दवा और इलाज मिल रहा है। ग्रामीणों ने सीएम के समर्थन में नारे भी लगाए। उन्होंने कहा, ”उसके बाद उन्होंने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में ग्राम प्रधान व आरआरटी से बातचीत की और बिजौली ऑक्सीजन प्लांट का दौरा किया। खाट को इसलिए रखा गया क्योंकि क्षेत्र एक कंटेनमेंट जोन था।” पुलिस ने उन्हें चेतावनी दी कि सोशल मीडिया पर कोई भी भ्रामक पोस्ट न करें, अन्यथा वे उनके खिलाफ कानून के अनुसार उचित कार्रवाई करेंगे।

मेरठ में बुजुर्ग ने खाट लगाकर नहीं रोका सीएम योगी का रास्ता, झूठे दावे के साथ वायरल हुआ वीडियो

सीएम योगी के इसी दौरे का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि बिजौली में नाराजगी जताते हुए एक बुजुर्ग ने अपनी गली में खाट लगाकर योगी को अंदर आने से रोक दिया।

वीडियो को छत पर से बनाया गया है जिसमें एक गली में रास्ता रोकने के लिए खाट बांध दी गई है. खाट के एक तरफ योगी आदित्यनाथ कई अन्य लोगों के साथ खड़े हैं और दूसरी तरफ खड़े एक बुजुर्ग व्यक्ति से कुछ बात कर रहे हैं. वीडियो के आखिर में योगी बाकी लोगों के साथ वापस लौटते नजर आ रहे हैं.

एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि वीडियो के साथ किया जा रहा दावा भ्रामक है. बिजौली में कोरोना मरीज होने के कारण गली में खाट बंधी गई थी जिससे कोई अंदर- बाहर ना जा सके. वीडियो में दिख रहे बुजुर्ग ने खुद ये बात कही है कि उन्होंने योगी आदित्यनाथ को नहीं रोका था. मेरठ पुलिस की तरफ से भी इसे अफवाह बताया गया है.

इस वीडियो को भ्रामक दावे के साथ उत्तर प्रदेश यूथ कांग्रेस के एक नेता ओमवीर यादव ने ट्विटर पर पोस्ट किया. एक्ट्रेस और कांग्रेस नेता नगमा ने भी ट्विटर पर इसे पोस्ट किया है. वीडियो के साथ कैप्शन में लिखा है “ब्रेकिंग न्यूज़- बस करो अब हमें आपकी ज़रूरत नहीं है- जनपद मेरठ के बिजौली गांव में एक बुजुर्ग ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अपनी एक गली में खाट खड़ी कर जाने से रोक दिया मुख्यमंत्री जी के लाख कहने पर भी बुजुर्ग ने रास्ता नहीं खोला और योगी जी को वापस जाना पड़ा !!” सोशल मीडिया पर ये वीडियो हजारों में शेयर हो चुका है. वायरल पोस्ट का आर्काइव यहां देखा जा सकता है.

कैसे पता की सच्चाई?

पड़ताल की शुरुआत में हमें मेरठ पुलिस का एक ट्वीट मिला जिसमें इस दावे का खंडन किया गया था. पुलिस का कहना है कि मुख्यमंत्री बिजौली के एक कंटेनमेंट जोन में एक कोविड पीड़ित परिवार के सदस्य से मिले और उनकी कुशलता पूछी. साथ ही, पुलिस ने लिखा है कि कंटेनमेंट जोन होने के कारण गली में खाट और रस्सी बंधी है.

इस संबंध में हमें ‘हिंदुस्तान’ की एक खबर भी मिली. खबर में बताया गया है कि योगी आदित्यनाथ गांव में निरंजन नाम के एक व्यक्ति से मिले थे जिनके घर दो लोग संक्रमित हैं. सीएम ने निरंजन से दवाइयां की उपलब्धता और सावधानियां बरतने को लेकर बात की. इस दौरान सीएम निरंजन के घर के ठीक बगल वाली गली में भी गए और वहां 74 साल के ताराचंद से बात की.

सच्चाई जानने के लिए हमने निरंजन के भाई शिव कुमार त्यागी से संपर्क किया. शिव कुमार ने हमें बताया कि 16 मई को सीएम योगी उनके भाई निरंजन से मिले थे जिनके बेटे नितिन और बहू कोरोना संक्रमित हैं. शिव का कहना था कि वायरल वीडियो उन्हीं के घर के बगल वाली गली का है जब योगी वहां ताराचंद शर्मा नाम के एक बुजुर्ग व्यक्ति से मिले थे.

शिव कुमार के अनुसार उस समय वे गली में योगी आदित्यनाथ से थोड़ी दूरी पर ही खड़े थे और वहां ऐसा कुछ नहीं हुआ था जैसे कि दावा किया जा रहा है. शिव कुमार ने बताया कि ताराचंद मास्क नहीं लगाए थे और इसी बात पर सीएम योगी ने उन्हें टोका और मास्क लगाने के लिए कहा. गली में खाट बंधी होने वाली बात पर शिव कुमार का कहना था कि बगल में कोरोना मरीज होने की वजह से वहां खाट लगाई गई है जिससे बच्चे बाहर ना जा पाए.

कुछ कीवर्ड की मदद से खोजने पर हमें एक यूट्यूब वीडियो भी मिला जिसमें ताराचंद खुद बता रहे हैं कि उन्होंने सीएम योगी को नहीं रोका था. वीडियो में बल्कि ताराचंद योगी आदित्यनाथ से मिलने पर अपनी खुशी जाहिर कर रहे हैं. ये वीडियो Motivational Technology नाम के यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया गया है. हालांकि एक दूसरे वीडियो में ताराचंद ये जरूर बोल रहे हैं कि उन्हें पेंशन नहीं मिल रही और राशन भी पूरा नहीं दिया जा रहा.

अगर वायरल वीडियो को भी ध्यान से देखें तो लोगों के हावभाव या बॉडी लैंग्वेज से ऐसा बिलकुल नहीं लगता कि गली में योगी के अंदर घुसने को लेकर कोई विवाद हो रहा हो. जबकि वीडियो में योगी के समर्थन में नारे सुनाई दे रहे हैं. यहां हमारी पड़ताल में साबित हो जाता है कि वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है. ये दावा मनगढ़ंत है.

(मेरठ से उस्मान चौधरी के इनपुट के साथ)

पत्रकार संजीव गोयल ने मेरठ पुलिस की चेतावनी के बाद वीडियो को डिलीट कर दिया। हालाँकि, इस रिपोर्ट के प्रकाशित होने तक बाकियों के ट्विटर अकाउंट पर यह भ्रामक पोस्ट मौजूद था।

निष्कर्ष: नहीं, ग्रामीणों ने सीएम योगी को अपनी गली में घुसने से नहीं रोका। उन्होंने प्रवेश नहीं किया क्योंकि यह एक कंटेनमेंट जोन था। विपक्षी नेताओं, कलाकारों और कुछ पत्रकारों द्वारा किए गए दावे फर्जी थे।

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