बेटों के पास 30 करोड़ की संपत्ति, मां बाप को दो रोटी नहीं, आईएसआई के दादा दादी ने सल्फास खा दी जान

Haryana Hisar Ias Grandparents Commit Suicide In Haryana Charkhi Dadri

मेरे बेटों के पास करोड़ों की संपत्ति, मुझे देने को दो रोटी तक नहीं… सुसाइड नोट ल‍िख IAS के दादा-दादी ने की आत्महत्या

चरखी दादरी के रहने वाले आईएएस के दादा-दादी ने घर पर जहरीला पदार्थ निगलकर आत्महत्या कर ली। पुल‍िस का कहना है क‍ि दादा-दादी ने कथित तौर पर परिवार की बेरुखी से तंग आकर आत्महत्या कर ली। पुल‍िस ने सुसाइड नोट के आधार पर उनके एक बेटे, दो बहुओं और एक भतीजा के खिलाफ केस दर्ज क‍िया है।

हाइलाइट्स
1-सुसाइड नोट में लिखा, मेरे बेटों के पास करोड़ों की संपत्ति
2-एक बेटे, दो पुत्रवधू और एक भतीजे के खिलाफ मामला दर्ज
3-हर‍ियाणा के चरखी दादरी के रहने वाले थे आईएएस के दादा-दादी

भिवानी 30 मार्च : हरियाणा के चरखी दादरी में भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के एक अधिकारी के दादा-दादी ने कथित तौर पर परिवार की बेरुखी से तंग आकर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। वृद्ध दंपती ने आत्महत्या करने से पहले एक सुसाइड नोट भी लिखा, जो दम तोड़ने से पहले उन्होंने पुलिस को सौंपा। नोट में लिखा है कि मेरे बेटों के पास 30 करोड़ की संपत्ति है, जबकि हमारे पास रोटी नहीं है। पुलिस ने सुसाइड नोट के आधार पर गुरुवार को परिवार के चार लोगों, बेटा, दो पुत्रवधू और एक भतीजे के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।

जानकारी के अनुसार मूल रूप से गोपी निवासी जगदीश चंद्र और भागली देवी अपने बेटे वीरेंद्र के पास बाढड़ा में रहते थे। वीरेंद्र आर्य के बेटे विवेक आर्य 2021 में आईएएस बने थे और उन्हें हरियाणा कैडर मिला है। जगदीश चंद्र और उनकी पत्नी भागली देवी ने बुधवार की रात बाढड़ा स्थित अपने आवास पर जहरीला पदार्थ खा लिया। देर रात करीब ढाई बजे जगदीश चंद्र ने जहर निगलने की जानकारी पुलिस कंट्रोल रूम में दी। इसके बाद ईआरवी 151 मौके पर पहुंची और बाढड़ा थाने से भी पुलिस टीम को मौके पर बुलाया गया।

मरने से पहले पुल‍िस को द‍िया सुसाइड नोट

पुलिस को जगदीशचंद्र ने सुसाइड नोट सौंपा। हालत बिगड़ने पर वृद्ध दंपती को पहले बाढड़ा के प्राइवेट अस्पताल ले जाया गया। वहां हालत गंभीर होने के चलते उन्हें दादरी सिविल अस्पताल भेजा गया। दादरी अस्पताल में डॉक्‍टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने गुरुवार की सुबह अस्पताल पहुंचकर पोस्टमॉर्टम के लिए आवश्यक कागजी कार्रवाई पूरी की। पूरे क्षेत्र में घटना को लेकर चर्चा रही।

‘बासी रोटी और खराब दही खाने को मिलती थी’

सुसाइड नोट में जगदीश चंद्र ने लिखा है क‍ि मैं जगदीश चंद्र आर्य आपको अपना दुख सुनाता हूं। मेरे बेटों के पास बाढड़़ा में 30 करोड़ की संपत्ति है, लेकिन उन के पास मुझे देने को दो रोटी नहीं हैं। मैं अपने छोटे बेटे के पास रहता था। 6 साल पहले उसकी मौत हो गई। कुछ दिन उसकी पत्नी ने उसे रोटी दी, लेकिन बाद में उसने गलत काम धंधा  शुरू कर दिया। मेरे भतीजे को अपने साथ ले लिया।

‘पीटकर घर से निकाल दिया’

मैंने इसका विरोध किया तो उनको यह बात अच्छी नहीं लगी क्योंकि मेरे रहते हुए वे दोनों गलत काम नहीं कर सकते थे। इसलिए उन्होंने मुझे पीटकर घर से निकाल दिया। मैं दो साल तक  वृद्धाश्रम में रहा और फिर आया तो इन्होंने मकान को ताला लगा दिया। इस दौरान मेरी पत्नी को लकवा हो गया और हम दूसरे बेटे के पास रहने लगे।

‘सरकार और समाज इनको दंड दे’

अब उन्होंने भी रखने से मना कर दिया और मुझे बासी आटे की रोटी और दो दिन बासी खराब दही देना शुरू कर दिया। ये जहर कितने दिन खाता, इसलिए मैंने और पत्नी ने सल्फास की गोलियां खा ली हैं। मेरी मौत का कारण मेरी दोनों पुत्रवधुऐं, एक बेटा व एक भतीजा है। जितने जुल्म इन चारों ने मेरे ऊपर किया, आइंदा कोई भी संतान अपने माता-पिता पर न करे। सरकार और समाज इनको ऐसा दंड दे। तब मेरी आत्मा को शांति मिलेगी। मेरी जमा पूंजी बैंक में दो एफडी और बाढड़़ा में दुकान है वो आर्य समाज बाढड़ा को दे दी जाए।’

चार लोगों के खिलाफ आत्महत्या के लिए मजबूर करने का मामला दर्ज

इस मामले में बाढड़ा थाने में एएसआई व मामले में जांच अधिकारी पवन ने बताया कि पुलिस ने गुरुवार की सुबह अस्पताल पहुंचकर पोस्टमॉर्टम के लिए आवश्यक कागजी कार्रवाई पूरी दोनों वृद्ध दंपती के शवों का पोस्टमॉर्टम करवाकर शव उनके परिजनों को सौंप दिए है। पुलिस ने सुसाइड नोट के आधार पर परिवार के ही चार लोगों के खिलाफ आत्महत्या को मजबूर करने का मुकदमा लिखा है। पुलिस मामले में गंभीरता से छानबीन कर रही है।

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