परोपकारी सज्जन स्वभाव ने ली 7 परिजनों की जान

Gujarat Ahmedabad Gujarat Mass Suicide In Surat Seven Family Members Died Know Reason
माफ कर देना महादेव, मेरी परोपकारिता मेरे लिए अभिशाप… रुला देगी गुजरात के सात परिजनों की मौत की कहानी
सूरत के पालनपुर जकातनाका रोड पर सिद्धेश्वर कॉम्प्लेक्स और आसपास की सोसाइटियों में रहने वाले सैकड़ों लोगों के लिए भयानक दिन था। 37 वर्षीय व्यक्ति ने तीन बच्चों सहित अपने परिवार के सदस्यों को मारकर आत्महत्या कर ली।
पेशे से इंटीरियर डिजाइनर और फर्नीचर का कारोबार करने वाले मनीष उर्फ शांतू सोलंकी ने कथित तौर पर अपनी पत्नी रेशमा उर्फ रीता (30 वर्ष) पिता कानू (70 वर्ष) मां शोभना (68 वर्ष) बेटियों दिशा (13 वर्ष), काव्या (10 वर्ष) और छह साल के बेटे कुशल की हत्या कर दी। दिशा छठी कक्षा में पढ़ती थी, काव्या तीसरी कक्षा में और कुशल पहली कक्षा में पढ़ता था।
​​कोई उधार लेने के बाद रुपये वापस नहीं करता​

​घर से बरामद एक सुसाइड नोट में इस सामूहिक आत्महत्या कांड की कहानी लिखी है। मनीष ने लिखा है कि उसने किसी को रुपये दिए थे। रुपये लेने वाले ने उसके साथ विश्वासघात किया। हालांकि मनीष ने इस सुइसाइड नोट में न तो राशि का उल्लेख किया गया और न ही उधारकर्ताओं के नाम लिखे हैं। सोलंकी के हाथों से लिए गए नोट में उसने यह भी लिखा है कि उनकी दयालुता उनके लिए कष्टप्रद साबित हुई। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि ‘कोई भी उधार लेने के बाद पैसे वापस नहीं करता।’

​परोपकारी होना हुआ जानलेवा?​

मनीष ने नोट में आगे लिखा कि उनका परोपकारी स्वभाव उनके ऊपर भारी पड़ा। मनीष सोलंकी ने उल्लेख किया कि वह जिम्मेदार लोगों का नाम नहीं लेना चाहते। उन्हें स्वाभाविक न्याय मिलेगा। उन्होंने कहा, ‘इस कदम के पीछे कुछ व्यक्तिगत कारण हैं। लेकिन मैं उनका नाम नहीं लेना चाहता। जब मैंने जीवित रहते हुए उन्हें परेशान नहीं किया है, तो मैं अपनी मृत्यु के बाद उन्हें (परेशान) नहीं करना चाहता। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि उन्होंने अपने जीवन में कई लोगों की मदद की है लेकिन कोई भी उन्हें रकम वापस नहीं करता है।

​बहन से कहा-अपना ख्याल रखना​

मनीष ने कहा, ‘केवल मैं ही जानता हूं कि मैं अपने दिन कैसे बिता रहा हूं। मुझे पता है कि मेरी पत्नी, बच्चे और माता-पिता मेरे बिना नहीं रह पाएंगे। मैं उनके बारे में सोचकर अभिभूत हूं।’ उन्होंने अपनी बहन रीता से अपनी देखभाल करने का अनुरोध किया और अपने रिश्तेदारों से उनकी देखभाल करने के लिए कहा। एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि रीता, मनीष सोलंकी की बहन है और उनके पति की डेथ काफी पहले हो चुकी थी। भले ही उन्होंने किसी का नाम लेने से परहेज किया, लेकिन उन्होंने लिखा कि वे (उधार लेने वाले) अपने जीवन में कभी खुश नहीं होंगे।

​35 मजदूर करते थे काम​

पोस्टमॉर्टम में पता चला कि रेशमा और दिशा की गला घोंटकर हत्या की गई थी, जिसके बाद पुलिस ने शवों का फॉरेंसिक पोस्टमार्टम कराया। प्रारंभिक जांच से पता चला कि सोलंकी फर्नीचर का ठेका लेता था और उसके पास लगभग 35 बढ़ई और मजदूर काम करते थे।

​​ऐसे सामने आई घटना​

​परेशान करने वाली घटना तब सामने आईं जब उनके कुछ कर्मचारी सोलंकी के घर गए क्योंकि वह सुबह उनके कॉल का जवाब नहीं दे रहे थे। जब किसी ने दरवाजा नहीं खोला तो कर्मचारियों को संदेह हुआ और उन्होंने उसके चचेरे भाई से संपर्क किया। इसके बाद उन्होंने पीछे के कमरे की खिड़की तोड़ दी और प्रवेश किया। सामने लाशें नजर आईं।

​​एसआईटी का गठन​

​सोलंकी के माता-पिता के शव शयनकक्ष में पाए गए, जबकि अन्य पांच अपने ग्राउंड फ्लोर के अपार्टमेंट के ड्राइंग रूम में पड़े थे। सोलंकी छत के पंखे से लटका हुआ पाया गया। पुलिस आयुक्त अजय तोमर ने परिवार की आत्महत्या के कारणों का पता लगाने के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है। टीम का नेतृत्व एक पुलिस उपायुक्त, दो सहायक आयुक्त, अपराध शाखा की टीम और अदाजन पुलिस करेगी। पुलिस ने बताया कि हमें पता चला कि सोलंकी एक मेहनती और काफी केयर करने वाले व्यक्ति थे। पुलिस इस तरह के कदम के पीछे के सटीक कारण का पता लगाने के लिए एक विस्तृत जांच करेगी।

खुश मिजाज थे मनीष, फिर ऐसा क्यों किया?

मनीष बहुत ही खुश दिल थे। वह भगवान शिव के भक्त थे। उनके फेसबुक पेज पर कई रील्स हैं जो भगवान शिव पर बनी हैं। उन्होंने अपने परिवार के वीडियो शेयर किए हैं, जिसमें लव यू जिंदगी गाने में बेटियों की तस्वीरें नजर आती हैं। मनीष की प्रोफाइल पर एक और वीडियो पड़ा है, जिसमें सुनाई देता है, ‘माफ करना महादेव, अगर मैंने किसी का दिल दुखाया हो।’

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *