G 20 गैलरी ब्राजील को,मोदी ने ठोंका संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद सदस्यता पर दावा

G20 Summit Delhi Curtains Come Down Pm Modi Make Strong Pitch For Unsc Expansion
जी20 के समापन पर प्रधानमंत्री ने UNSC में स्थायी सदस्यता पर ठोकी दावेदारी, जानें क्या-क्या बोले मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूएनएससी के सदस्यों की संख्या में विस्तार की मांग की। उन्होंने कहा कि दुनिया को बेहतर भविष्य की ओर ले जाने को वैश्विक निकायों को आज की वास्तविकतायें प्रतिबिंबित करनी चाहिए। उन्होंने यूएनएससी को राजनीतिक ताकत हासिल करने के लिए नए विकासशील देशों की आवश्यकता बताई।
मुख्य बिंदु
प्रधानमंत्री मोदी ने ब्राजील को जी20 के अध्यक्षता सौंपी, अगले सम्मेलन के लिए दी शुभकामनाएं
मोदी ने कहा- दुनिया की ‘नई वास्तविकताएं’, ‘नई वैश्विक संरचना’ में झलकनी चाहिए
प्रधानमंत्री ने नवंबर अंत में जी20 के वर्चुअल सत्र का आयोजन करने का रखा प्रस्ताव

नई दिल्ली 10 सितंबर: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के विस्तार और सभी वैश्विक संस्थाओं में सुधार की जोरदार वकालत की। उन्होंने कहा कि दुनिया की ‘नई वास्तविकताएं’, ‘नई वैश्विक संरचना’ में प्रतिबिंबित होनी चाहिए क्योंकि यह प्रकृति का नियम है कि जो नहीं बदलते हैं, समय के साथ उनकी प्रासंगिकता खत्म हो जाती है। प्रधानमंत्री ने जी20 शिखर सम्मेलन में लिए गए फैसलों पर प्रगति की समीक्षा के वास्ते नवंबर के अंत में एक वर्चुअल सत्र के आयोजन का प्रस्ताव भी दिया। समापन सत्र में मोदी ने ब्राजील को जी20 की अध्यक्षता हस्तांतरित करते हुए पारंपरिक गैवल (एक प्रकार का हथौड़ा) सौंपा और उसे शुभकामनाएं दीं। ब्राजील आधिकारिक रूप से इस साल एक दिसंबर को जी20 समूह के अध्यक्ष का कार्यभार संभालेगा।

वैश्विक संस्थाओं में सुधारों पर जोर
वैश्विक संस्थाओं में सुधारों के लिए मोदी की पिछले सत्र में रखी गई बात को दोहराते हुए ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डी सिल्वा ने कहा कि यूएनएससी को राजनीतिक ताकत हासिल करने के लिए स्थायी और गैर-स्थायी सदस्यों के रूप में नए विकासशील देशों की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हम विश्व बैंक और आईएमएफ (अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष) में उभरते देशों के लिए अधिक प्रतिनिधित्व चाहते हैं।’ जी20 शिखर सम्मेलन के ‘एक भविष्य’ सत्र में मोदी ने संयुक्त राष्ट्र सहित वैश्विक संस्थाओं में सुधारों पर नए सिरे से जोर दिया। मोदी ने कहा कि यह जरूरी है कि दुनिया को बेहतर भविष्य की ओर ले जाने के लिए वैश्विक निकायों को आज की वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित करना चाहिए।’

दुनिया हर लिहाज से बहुत बदल चुकी है
उन्होंने कहा कि विश्व को एक बेहतर भविष्य की तरफ ले जाने के लिए ये जरूरी है कि वैश्विक व्यवस्थाएं वर्तमान वास्तविकताओं के मुताबिक हों। आज संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद भी इसका एक उदाहरण है। पीएम मोदी ने कहा कि जब संयुक्त राष्ट्र की स्थापना 51 सदस्यों के साथ हुई थी, तो दुनिया अलग थी और अब सदस्य देशों की संख्या लगभग 200 हो गई है। मोदी ने कहा कि बावजूद इसके, यूएनएससी में स्थाई सदस्य आज भी उतने ही हैं। तब से आज तक दुनिया हर लिहाज से बहुत बदल चुकी है। परिवहन हो, संचार हो, स्वास्थ्य, शिक्षा, हर क्षेत्र का कायाकल्प हो चुका है। ये नयी वास्तविकताएं हमारी नई वैश्विक संरचना में प्रतिबिंबित होनी चाहिए।

खुले मन से विचार करना होगा
यूएनएससी के पांच स्थायी सदस्यों में अमेरिका, चीन, फ्रांस, ब्रिटेन और रूस शामिल हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें खुले मन से विचार करना होगा कि आखिर क्या कारण है कि बीते वर्षों में अनेक क्षेत्रीय मंच अस्तित्व में आए हैं, और ये प्रभावी भी सिद्ध हो रहे हैं। सुधारों की वकालत करते हुए उन्होंने कहा कि इसीलिए शनिवार को अफ्रीकी संघ को जी20 का सदस्य बनाकर एक ऐतिहासिक पहल की गई। प्रधानमंत्री ने कहा, ”इसी तरह, हमें बहुपक्षीय विकास बैंक के ‘मैंडेट’ का विस्तार भी करना होगा। इस दिशा में हमारे फैसले तुरंत होने चाहिए और प्रभावी भी होने चाहिए।”

ब्राजील को गैवल सौंपा
बाद में, समापन सत्र में, प्रधानमंत्री मोदी ने ब्राजील को पूर्ण समर्थन दिया और विश्वास व्यक्त किया कि ब्राजील की अध्यक्षता में जी20 समूह के साझा लक्ष्यों को आगे बढ़ाएगा। मोदी ने कहा कि भारत ने अध्यक्षता के लिए ब्राजील को गैवल सौंप दिया है। हमें अटूट विश्वास है कि वे समर्पण, दूरदर्शिता के साथ नेतृत्व करेंगे और वैश्विक एकता के साथ-साथ समृद्धि को भी आगे बढ़ाएंगे।’ प्रधानमंत्री ने जी20 शिखर सम्मेलन में लिए गए फैसलों पर हुई प्रगति की समीक्षा के वास्ते नवंबर के अंत में एक वर्चुअल सत्र के आयोजन का प्रस्ताव दिया। प्रधानमंत्री ने कहा, ”पिछले दो दिन में आपने अपने विचार रखे, सुझाव दिए और कई प्रस्ताव रखे गए। यह हमारी जिम्मेदारी है कि जो सुझाव सामने आए हैं, उन पर बारीकी से गौर किया जाए कि उन्हें कैसे गति दी जा सकती है।”

जी20 के वर्चुअल सेशन का प्रस्ताव
उन्होंने कहा कि मेरा प्रस्ताव है कि हमें नवंबर अंत में जी20 के वर्चुअल सत्र का आयोजन करना चाहिए। उस सत्र में, हम उन मुद्दों की समीक्षा कर सकते हैं, जिन पर इस शिखर सम्मेलन के दौरान सहमति बनी थी। हमारे दल इसका विवरण सभी के साथ साझा करेंगे। मैं उम्मीद करता हूं कि आप सभी इसमें (सत्र में) शामिल होंगे।’ मोदी ने कहा, ”इसके साथ ही मैं जी20 शिखर सम्मेलन के समापन की घोषणा करता हूं। ‘एक भविष्य’ सत्र में मोदी ने अपने संबोधन में साइबर सुरक्षा और ‘क्रिप्टो करेंसी’ को दुनिया के वर्तमान और भविष्य को प्रभावित करने वाले ज्वलंत मुद्दों में से एक बताया। उन्होंने कहा कि क्रिप्टो करेंसी सामाजिक व्यवस्था और मौद्रिक एवं वित्तीय स्थिरता के लिए एक नया विषय है। उन्होंने इसे विनियमित करने के लिए वैश्विक मानकों के विकास की मांग की।

‘एक भविष्य’ की भावना मजबूत होगी।
मोदी ने कहा कि साइबर जगत आतंकवाद के लिए वित्त पोषण का एक नया स्रोत बनकर उभरा है और इसे सुरक्षित करने के लिए वैश्विक सहयोग और ढांचा आवश्यक है। उन्होंने कहा कि यह हर देश की सुरक्षा और समृद्धि के लिए बहुत महत्वपूर्ण विषय है। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब हम हर देश की सुरक्षा और संवेदनशीलता का ख्याल रखेंगे तो ‘एक भविष्य’ की भावना मजबूत होगी।’ उन्होंने कहा कि दुनिया नयी पीढ़ी की प्रौद्योगिकी में अकल्पनीय पैमाने और गति देख रही है। उन्होंने उदाहरण के रूप में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) का हवाला देते हुए कहा कि जी20 देशों को 2019 में समूह द्वारा अपनाए गए ”एआई पर सिद्धांतों” से आगे बढ़ने की जरूरत है।

चंद्र मिशन के डेटा शेयर करेंगे
मोदी ने कहा, मेरा सुझाव है कि अब हम जिम्मेदार मानव केंद्रित सुशासन के लिये एक फ्रेमवर्क तैयार करें। इस संबंध में भारत भी अपने सुझाव देगा। हमारा प्रयास होगा कि सामाजिक-आर्थिक विकास, वैश्विक कार्यबल और अनुसंधान एवं विकास जैसे क्षेत्रों में सभी देशों को एआई का लाभ मिले।’ जीडीपी-केंद्रित दृष्टिकोण के बजाय मानव-केंद्रित दृष्टिकोण के लिए अपने प्रयास पर प्रकाश डालते हुए, उन्होंने कहा कि भारत ने मानवता के हित में अपने चंद्र मिशन के डेटा को सभी के साथ साझा करने की इच्छा व्यक्त की है। उन्होंने कहा, ‘यह मानव-केंद्रित विकास के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का भी प्रमाण है।’

‘वैश्विक गांव’ की अवधारणा से आगे जाने की जरूरत
उन्होंने कहा कि दुनिया को ‘वैश्विक परिवार’ को वास्तविकता बनाने के लिए ‘वैश्विक गांव’ की अवधारणा से आगे जाने की जरूरत है। उन्होंने एक ऐसे भविष्य का आह्वान किया जिसमें न केवल देशों के हित जुड़े हों बल्कि उनके दिल भी जुड़े हों। उन्होंने कहा, तेजी से बदलती दुनिया में टिकाऊ और स्थायित्व की भी उतनी ही जरूरत है जितनी परिवर्तन की। बाद में, मोदी ने सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर पोस्ट में कहा, ‘केवल जीडीपी केंद्रित दृष्टिकोण रखना पुराना हो गया है। अब समय आ गया है कि प्रगति का मानव केन्द्रित दृष्टिकोण अपनाया जाए। भारत इस संबंध में कई प्रयास कर रहा है, खासकर डेटा और प्रौद्योगिकी से संबंधित क्षेत्रों में। हमें सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए एआई का उपयोग करने के लिए जो कुछ भी कर सकते हैं वह करना चाहिए।’ उन्होंने कहा, ”जैसा कि हम अपने विकास पथ पर आगे बढ़ रहे हैं, हमें अपना ध्यान निरंतरता और स्थिरता पर रखना चाहिए। इससे हाशिए पर रहने वाले लोगों का सशक्तिकरण सुनिश्चित होगा।”

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