कर्नाटक कांग्रेस की फ्रीबीज घोषणाएं,होगी बजट का 20%

 

Congress Victory Costs Karnataka Rs 62,000 Crore Every Year
फ्री फ्री फ्री पर सालाना 62 हजार करोड़… कर्नाटक के खजाने पर भारी पड़ेगी कांग्रेस की जीत

कांग्रेस के वादे

कर्नाटक चुनाव प्रचार में कांग्रेस ने वादों की बौछार की थी। उसकी जीत के पीछे एक वजह इसे भी माना जा रहा है। हालांकि, इन वादों को पूरा करने में कर्नाटक के खजाने पर 62,000 करोड़ रुपये का बोझ आएगा। यह रकम कर्नाटक के कुल बजट का करीब 20 फीसदी है।

हाइलाइट्स
कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणापत्र में किए थे कई लुभावने वादे
इन वादों को पूरा करने पर आएगा हर साल 62,000 करोड़ का खर्च
एक अनुमान के मुताबिक, राज्‍य के बजट का 20 फीसदी है यह रकम

नई दिल्‍ली 15मई: कर्नाटक में कांग्रेस ने प्रचंड जीत दर्ज की है। उसकी टक्‍कर में भारतीय जनता पार्टी (BJP) कहीं दूर-दूर नहीं टिकी। इस जीत के पीछे कई कारण गिनाए जा रहे हैं। इनमें से एक लुभावने वादों की झड़ी भी है। आसान भाषा में इन्‍हें रेवड़ी या फ्रीबीज कह सकते हैं। कांग्रेस ने सत्‍ता में आने पर लोगों से इन वादों को पूरा करने को कहा था। जानकार कहते हैं कि इन्‍हें पूरा करने में ही हजारों करोड़ रुपये के बजट की जरूरत होगी। यह राज्‍य के बजट को बड़ा झटका देगा। इस मद में 62,000 करोड़ रुपये खर्च करने पड़ सकते हैं। एक अनुमान के अनुसार, यह राज्‍य के कुल बजट का करीब 20 फीसदी है। हालांकि, कांग्रेस का दावा है कि इन फ्रीबीज पर राज्‍य के बजट का 15 फीसदी से ज्‍यादा खर्च नहीं आएगा।

वादों की लंबी सूची

कर्नाटक में चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस ने वादों की लंबी फेहरिस्‍त रखी थी। ये उसके घोषणापत्र का हिस्‍सा थे। उसने कहा था कि अगर कांग्रेस की सरकार बनती है तो कर्नाटक की जनता को गृह ज्योति योजना के तहत 200 यूनिट मुफ्त बिजली मिलेगी। इसके साथ ही गृह लक्ष्मी स्कीम के तहत परिवार की प्रत्येक महिला मुखिया को 2 हजार रुपये दिए जाएंगे। अन्ना भाग्य योजना में बीपीएल कार्डधारक परिवारों को 10 किलो अनाज मुफ्त मिलेगा। युवा निधि के तहत बेरोजगार ग्रेजुएट को 3,000 रुपये दिए जाएंगे। बेरोजगार डिप्लोमा धारकों को 1500 रुपये प्रति माह मिलेंगे। कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन और बेंगलुरु महानगर परिवहन निगम बसों में सभी महिलाओं को फ्री यात्रा करने को मिलेगी। ये सभी बेनिफिट दूसरे वादों के अतिरिक्‍त हैं। इन दूसरे वादों में डीप-सी फिशिंग के लिए हर साल 500 लीटर टैक्‍स फ्री डीजल और बंदी के दौरान सभी मछुआरों को लीन पीरियड अलाउंस के तौर पर 6,000 रुपये जैसे वादे शामिल थे।

हर साल आएगा 62,000 करोड़ का खर्च…

इकनॉमिक टाइम्‍स की रिपोर्ट के अनुसार, कुछ अनुमानों से पता चलता है कि अकेले कैश पेमेंट और बिजली सब्सिडी में हर साल 62,000 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। इसका बोझ राज्‍य के खजाने पर पड़ेगा। 62,000 करोड़ रुपये की यह रकम राज्‍य के बजट का करीब 20 फीसदी है। वादों को पूरा करने पर फ्रीबीज पर खर्च होने वाली रकम पिछले वित्‍त वर्ष में राजस्‍व घाटे जितनी है। कर्नाटक के 2023-24 के बजट में 2022-23 के लिए राजस्‍व घाटे का अनुमान 60,581 करोड़ रुपये था।

कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने बताया था कि इन वादों को पूरा करने पर बहुत ज्‍यादा बोझ नहीं आएगा। राज्‍य के बजट का ये फ्रीबीज 15 प्रतिशत  से ज्‍यादा नहीं होंगे। इसके अलावा उन्‍होंने अगले पांच साल के दौरान बजट का आकार बढ़ने का अनुमान जाहिर किया था।

राज्‍य को मजबूत हालत में छोड़कर जा रही है भाजपा

कर्नाटक ने मजबूत रेवेन्‍यू ग्रोथ दर्ज की है। सत्‍ता से बाहर जा रही भाजपा सरकार ने रेवेन्‍यू सरप्‍लस बजट पेश किया था। तमाम बड़े राज्‍यों में कर्नाटक का जीएसटी कलेक्‍शन में ग्रोथ रेट सबसे ज्‍यादा था। 2022-23 के लिए रेवेन्‍यू कलेक्‍शन टारगेट 72,000 करोड़ रुपये रखा गया था। जनवरी तक 83,010 करोड़ रुपये का रेवेन्‍यू कलेक्‍शन हुआ था। इसमें जीएसटी कम्‍पंसेशन की रकम शामिल नहीं है। यह रकम बजट अनुमान से 15 प्रतिशत ज्‍यादा थी.

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