चौथी जांच खुली:लोकसेवा आयोग सदस्य ने महिला अभ्यर्थी से की पैसे और शारीरिक संबंध की मांग

UKPSC सदस्य पर महिला ने लगाए गंभीर आराेप, इंटरव्यू चयन के लिए शारीरिक संबंध बनाने की मांग; डीजीपी ने दिए जांच के आदेश

महिला ने उत्तराखंड लोक सेवा आयोग (यूकेपीएससी) के पूर्व सदस्य जय देव सिंह पर आरोप लगाते हुए कहा कि सिंह ने इंटरव्यू में चयन के लिए उन पर शारीरिक संबंध बनाने का दबाव बनाया था। पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने जांच के आदेश दे दिए हैं।

देहरादून 21 अगस्त। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अशोक कुमार ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, देहरादून को एक महिला के आरोपों की जांच करने का आदेश दिया है। महिला ने उत्तराखंड लोक सेवा आयोग (यूकेपीएससी) के पूर्व सदस्य जय देव सिंह पर आरोप लगाते हुए कहा कि सिंह ने 2018 में आयोजित उत्तराखंड विशेष अधीनस्थ शिक्षा (प्रवक्ता संवर्ग-समूह ‘सी’) सेवा (सामान्य और महिला शाखा) परीक्षा में उनके चयन को शारीरिक संबंध बनाने का दबाव बनाया था।

पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार को इस संबंध में व्हाट्सएप से एक ऑडियो क्लिप और एक लिखित शिकायती पत्र भी मिला है। पत्र में महिला का कहना है कि उसने परीक्षा उत्तीर्ण की थी और उसे सामान्य और महिला दोनों शाखाओं के लिए चुना गया था।

 

 

महिला के शिकायती पत्र में कहा गया है कि वह मई 2019 महिला शाखा के लिए साक्षात्कार को उपस्थित हुई, और साक्षात्कार बहुत अच्छा होने के बावजूद उनका चयन नहीं हुआ था। महिला का आरोप है कि जून में, जब वह सामान्य शाखा के साक्षात्कार के लिए उपस्थिति थीं, तब पैनलिस्ट जय देव सिंह ने कहा कि उन्होंने मेरा साक्षात्कार पहले भी लिया था, इसलिए अब इसकी कोई आवश्यकता नहीं है।

इंटरव्यू के बाद महिला देहरादून में अपने घर को निकली थी कि तभी आधे घंटे बाद उन्हें चयन आयोग से फोन आया कि उनके दस्तावेज अधूरे हैं और कहा गया कि उन्हें कल बुलाया जाएगा। महिला ने आरोप लगाया कि अगले दिन, जय देव सिंह के सहायक ने उन्हें फोन कर कहा कि सिंह उनसे मिलना चाहते हैं और 10 मिनट में एक विशेष स्थान पर पहुंचने को कहा।

‘जब मैं वहां पहुंची, तो मुझे उसके सहायक का एक और फोन आया, जिसने मुझे एक अपार्टमेंट बिल्डिंग में अपने कार्यालय में आने को कहा। अपने कार्यालय में, सिंह ने पहले पैसे मांगे, फिर मुझ पर शारीरिक संबंध बनाने का दबाव बनाते हुए मेरा रिजल्ट खराब करने तक की बात कही’, आरोप लगाने वाली महिला।

 

महिला ने आरोप लगाया कि योग्य उम्मीदवार होने के बावजूद उसका चयन नहीं किया गया। महिला ने मार्च 2020 में आईजी पुलिस को शिकायती पत्र भी लिखा था। भाकपा (माले) लिबरेशन के गढ़वाल सचिव इंद्रेश मैखुरी ने कहा कि महिला ने उनसे संपर्क किया तो उन्होंने मामले में कार्रवाई को मुख्यमंत्री, राज्य महिला आयोग और पुलिस महानिदेशक को शिकायत लिखी।

हालांकि, सिंह ने आरोप खारिज किये। उन्होंने दावा किया कि महिला झूठे आरोप लगाकर सस्ता प्रचार हासिल करने की कोशिश में है। आयोग की चयन प्रक्रिया पारदर्शी है और सदस्य किसी विशेष साक्षात्कार पैनल में शामिल होने का निर्णय नहीं ले सकते हैं।

लोक सेवा आयोग के माध्यम से वर्ष 2018-19 में लेक्चरर के 917 पदों को भर्ती हुई थी। भर्ती को लेकर सोशल मीडिया में इन दिनों एक महिला का मामला तेजी से वायरल हो रहा है। भाकपा (माले) के गढ़वाल सचिव इंद्रेश मैैखुरी ने इस मामले की मुख्यमंत्री, पुलिस महा निदेशक और महिला आयोग से उच्च स्तरीय जांच की मांग की।

राज्य लोक सेवा आयोग से हुई लेक्चरर भर्ती में गड़बड़ी और महिला के यौन उत्पीड़न की शिकायत राज्य महिला आयोग के पास पहुंच गई है। आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने कहा कि प्रकरण की जांच कराई जाएगी। जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। इस संबंध में उन्होंने अपनी सचिव को कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

मैखुरी ने कहा कि सोशल मीडिया वायरल खबर में महिला ने उत्तराखंड लोकसेवा आयोग के एक पूर्व सदस्य पर पैसे की मांग और यौन उत्पीड़न जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं। महिला आयोग की अध्यक्ष ने कहा कि उन्हें बताया गया है कि पूर्व में भी यह प्रकरण आयोग के पाया आया था। उस दौरान प्रकरण की जांच हुई या नहीं इसका पता किया जा रहा है।

आठ अफसरों ने बयान दर्ज किए पर आगे नहीं बढ़ी जांच

शिकायतकर्ता महिला का कहना है कि इस प्रकरण की विभिन्न स्तर पर शिकायत के बाद अब तक पुलिस के आठ अफसर उसके बयान दर्ज कर चुके हैं, लेकिन जांच बयान दर्ज करने से आगे नहीं बढ़ी।

यह है आरोप

शिकायतकर्ता महिला ने उत्तराखंड लोकसेवा आयोग के ऐसे सदस्य पर लगाए गए हैं, जो पूर्व में जज रहे हैं। युवती का आरोप है कि वर्ष 2018 में उत्तराखंड अधीनस्थ शिक्षा (प्रवक्ता संवर्ग- समूह ग) की लिखित परीक्षा पास करने के बाद उन्हें महिला व सामान्य वर्ग में साक्षात्कार के लिए चयनित किया गया। महिला के अनुसार उनके दोनों ही साक्षात्कार, संबंधित सदस्य के पैनल में थे।

आरोप है कि साक्षात्कार हो जाने के बाद आयोग के सदस्य ने उन्हें दस्तावेज दुरुस्त करने के नाम पर एक स्थान पर बुलवाया वहां उन्होंने पैसे की मांग के साथ ही छेड़छाड़ की और शारीरिक संबंध बनाने के लिए दबाव डाला। महिला का आरोप है कि इस संबंध में वह बीते कई वर्षों से शिकायत कर रही है, लेकिन उसकी कहीं सुनवाई नहीं हुई। महिला के मुताबिक लेक्चरर भर्ती की यदि उच्च स्तरीय जांच की जाए तो इसमें पैसों के लेनदेन और यौन उत्पीड़न के अन्य मामले भी सामने आएंगे।

अगली परीक्षाओं में चयन का दिया भरोसा

भाकपा (माले) सचिव ने शिकायती पत्र में कहा कि सोशल मीडिया में जो ऑडियो वायरल हो रहा है उसमें आयोग का सदस्य महिला को अगली परीक्षाओं में चयन कराने का भरोसा दिला रहा है। अपने सहायक से संपर्क में बने रहने को कहा जा रहा है। महिला का कहना है कि उसे लिखित में दिया जाए कि उसका चयन हो जाएगा। जिन बच्चों को उसने पढ़ाया है उनका चयन हो चुका है, लेकिन उसका चयन नहीं हुआ।

महिला ने पुलिस महानिरीक्षक से की थी मामले की शिकायत

महिला ने 12 मार्च 2020 को पुलिस महानिरीक्षक को लिखित शिकायत में कहा कि नौकरी के नाम पर आयोग के सदस्य ने उससे छेड़छाड़ व अश्लीलता की। यह भी कहा कि किसी से कुछ कहा तो उसका रिजल्ट उनके हाथ में है।

 

उत्तराखंड लोक सेवा आयोग पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, सिंह जून 2016 से सितंबर 2019 तक इसके सदस्य थे। उत्तराखंड राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने कहा कि उन्होंने भी मामले की जांच के आदेश दिए हैं। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून दिलीप सिंह कुंवर ने कहा कि वे जल्द ही मामले की जांच शुरू करेंगे और आवश्यक कार्रवाई करेंगें।

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