सत्ता को हरीश रावत केदारनाथ की शरण में,उठाये तीन मुद्दे

वीडियो में देखें पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का यह रूप, केदारनाथ में कंधे पर त्रिशूल रख लगाए भोले के जयकारे
उत्‍तराखंड के पूर्व मुख्‍यमंत्री हरीश रावत अपने अलग अंदाज के लिए जाने जाते हैं। वह ऐसा कुछ करते हैं कि इंटरनेट मीडिया पर छा जाते हैं। इस बार उनका केदारनाथ का वीडियो वायरल हो रखा है। वह कंधे पर त्रिशूल रख नृत्‍य कर रहे हैं।

हरीश रावत केदारनाथ धाम में कंधे में त्रिशूल लेकर बाबा भोले के जयकारे लगा रहे हैं

रुद्रप्रयाग 26 अक्तूबर। कांग्रेस महासचिव और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत हमेशा चर्चाओं में रहते हैं। चाहे उनके राजनीतिक बयान हो या सड़क किनारे किस भी दुकान में बैठकर राजमा चावल खाने का वीडियो हो। वह इंटरनेट मीडिया पर हमेशा छाए रहते हैं। मंगलवार को भी उनका एक वीडियो वायरल हो गया। इस बार हरीश रावत केदारनाथ धाम में नजर आए। कंधे में त्रिशूल लेकर वह बाबा भोले के जयकारे लगा रहे हैं और नृत्‍य कर रहे हैं। यह वीडियो उन्‍होंने खुद ट्वीट किया है।

 

हेलीकाप्‍टर से पहुंचे केदारनाथ

मंगलवार सुबह पूर्व मुख्‍यमंत्री हरीश रावत हेलीकाप्टर से केदारनाथ धाम पहुंचे। यहां उन्‍होंने बाबा केदार के दर्शन किए। कांग्रेस सरकार के फिर से सत्ता पर काबिज होने का आशीर्वाद भी केदार बाबा से मांगा। इसके बाद उन्होंने तीर्थपुरोहितों से भी मुलाकात की। तथा साधु संतों से भी भेंट कर उनके हालचाल पूछे। स्थानीय तीर्थपुरोहितों ने हरीश रावत का भी केदारनाथ में स्वागत किया गया। इस दौरान उनके साथ किशोर उपाध्याय भी मौजूद थे।

त्रिशूल कंधे पर रखा लगाया भोले का जयकारा

पूर्व मुख्‍यमंत्री हरीश रावत ने केदारनाथ का एक वीडियो ट्वीट किया। इस वीडियो में उनके साथ एक बाबा खड़े हैं। पूर्व मुख्यमंत्री ने बाबा का त्रिशूल अपने कंधे पर रखा हुआ है। वह हर हर महादेव का जयकारा लगा रहे हैं। साथ ही नृत्‍य भी कर रहे हैं। साथ ही श्‍लोक भी बोल रहे हैं। उन्‍होंने ट्वीट कर यह लिखा- ‘हर हर महादेव। आज भगवान बाबा केदार का आशीर्वाद लिया, भगवान शि‍व शंभू हम सब पर अपनी कृपा बनाए रखें। जय बाबा केदारनाथ। ॐनमःशिवाय।’

हरीश रावत का भी है केदारनाथ से है विशेष लगाव

पांच नवंबर को प्रधानमंत्री मोदी आएंगे केदरानाथ

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 5 नवंबर को केदारनाथ में बाबा केदार के दर्शन करेंगे। साथ ही केदारपुरी में 400 करोड़ रुपये की योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास भी करेंगे। पीएम मोदी केदारनाथ में आदि शंकराचार्य की भव्य प्रतिमा का अनावरण करेंगे।

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने प्रधानमंत्री मोदी से पहले केदारनाथ पहुंच उछाले सवाल, उठाए ये मुद्दे

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दौरे से पहले केदारनाथ धाम की यात्रा कर सियासत गर्मा दी। उन्‍होंने पंडा-पुरोहितों और पुजारियों के साथ मुलाकात की। इसके बाद उन्‍होंने देवस्थानम बोर्ड भंग करने की कांग्रेस की घोषणा को दोहराया।

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दौरे से पहले केदारनाथ यात्रा कर राजनीति  गर्मा दी है।

पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दौरे से पहले केदारनाथ यात्रा कर राजनीति गर्मा दी। पंडा-पुरोहितों और पुजारियों के साथ मुलाकात के बाद देवस्थानम बोर्ड भंग करने की कांग्रेस की घोषणा को उन्होंने दोहराया। साथ में केदारनाथ धाम के पुराने स्वरूप के अनुसार ही हक-हकूकधारियों और पुजारियों की व्यवस्था से छेड़छाड़ नहीं करने का भरोसा देकर उन्होंने प्रधानमंत्री के लिए भी सवाल उछाल दिए।

2017 के विधानसभा चुनाव में मोदी लहर में करारी हार देख चुके हरीश रावत ये जानते हैं कि 2022 में भी उनका मुकाबला मोदी के प्रभामंडल से होना है। उत्तराखंड में प्रदेश कांग्रेस के चुनाव अभियान की बागडोर रावत के हाथों में है। चुनावी साल में मोदी की केदारनाथ यात्रा से कांग्रेस के माथे पर बल डाले हुए है। मोदी प्रतीकों की राजनीति   के माहिर हैं। आपदा से तबाह केदारभूमि में पुनर्निर्माण कार्य उन्हीं की देखरेख में चल रहे हैं।

केदारनाथ मोदी की तपस्थली रहा है। ऐसे में देवभूमि उत्तराखंड से कायम हुआ उनका रिश्ता कांग्रेस की चिंता का सबब है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की मंगलवार को केदारनाथ यात्रा के पीछे सधी रणनीति है। उन्होंने बाबा केदार के दर पर दस्तक देने के साथ वहां हक-हकूकधारियों, पुजारियों से मुलाकात को खासी तरजीह दी। इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस का सियासी स्टैंड भी सामने रख दिया। देवस्थानम बोर्ड को लेकर चार धामों में पुजारियों व हकहकूकधारियों में रोष है। हरदा इस रोष को नई धार देते हुए भी दिखाई दिए।

यही नहीं उन्होंने बाबा भैरवनाथ की पहाड़ी और मंदाकिनी नदी की सुरक्षा दीवार, चौमासी सड़क के मुद्दे भी उछाल दिया। कांग्रेस को उम्मीद है कि ये मुद्दे प्रधानमंत्री मोदी के दौरे पर सवाल बनकर उभरेंगे। इन्हीं मुद्दों को लेकर हरदा ने कई ट्वीट भी किए।

किसी को लाने से फायदा है तो करेंगे विचार

हरीश रावत ने 2022 के चुनाव के मद्देनजर बागियों समेत कांग्रेस में आने की मंशा रखने वालों को फिर आईना दिखाने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि यदि पार्टी को लगता है कि किसी को लाने से चुनाव में फायदा है, तो उस पर विचार किया जाएगा। आज भाजपा के अंदर एक भगदड़ की स्थिति है। भाजपा के ऐसे कई लोग हैं जो कांग्रेस में आना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि दरवाजा समय पर खोलना पड़ता है। उन्होंने अपनी टिप्पणी से संकेत दे दिए कि चुनाव में पार्टी जिसे भी फायदेमंद समझेगी, उसे शामिल करने से गुरेज नहीं किया जाएगा।

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