आंदोलन जान जोखिम: बिना डॉक्टरी सलाह एंटीबायोटिक-पेन किलर, छह की गई जान

आंदोलन के लिए जोखिम में जान:बिना डॉक्टरी सलाह के एंटीबायोटिक और पेन किलर खा रहे किसान, सिंघु-टिकरी बॉर्डर पर अब तक 6 मौतें
बहादुरगढ़(लेखक: धीरज शर्मा)

कुंडली बॉर्डर पर पंजाब से दवा लेकर आए डॉक्टर। जालंधर से दवा बांटने आए डाॅक्टर विनोद दुआ कहते हैं कि बिना सलाह कई-कई दिन तक अनाप-शनाप दवाओं के सेवन से खून में थक्का बनने लगता है और प्लेटलेट्स की संख्या प्रभावित होती है। इससे दिल पर जोर पड़ता है।

डॉक्टरों ने चेताया- एंटीबायोटिक बिना जांच के खाने से हार्ट अटैक का खतरा

सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर 18 दिन से धरने पर बैठे किसानों की स्वास्थ्य देखभाल बड़ी चुनौती बनती जा रही है। दवाएं बांट रहे डॉक्टरों के अनुसार यहां पर लोग बड़ी संख्या में एंटीबायोटिक और पेन किलर गोलियां खा रहे हैं। डर की बात यह है कि दवा देते वक्त न पूरी मेडिकल हिस्ट्री देखी जा रही है और न टेस्ट हो रहे हैं। डॉक्टरों के अनुसार, ज्यादा एंटीबायोटिक का सेवन धड़कन बढ़ाता है, जिससे हार्ट अटैक का खतरा रहता है। बहादुरगढ़ में पांच और साेनीपत में एक आंदोलनकारी की पहले ही मौत हो चुकी है। 25 से अधिक किसान अस्पताल रैफर किए जा चुके हैं।

कुंडली और टिकरी बॉर्डर पर हरियाणा के स्वास्थ्य विभाग की करीब 20 टीमें तैनात हैं। इसके अलावा यहां पंजाब-हरियाणा से आए आयुष, होम्योपैथी डाक्टर, फार्मासिस्ट और सेवा के तौर पर दवाएं बांटने वालों की भी 30 से ज्यादा टीमें हैं। सिर्फ सरकारी टीमें ही 65 हजार से ज्यादा लोगों की जांच कर चुकी हैं। दवा बांटने के लिए महाराष्ट्र के नांदेड़ से कुंडली पहुंचे BAMS डाॅक्टर देवानंद रातुलिकर कहते हैं कि वह किसानों को दवा के प्रभावों के बारे में जागरूक कर रहे हैं।

पंजाब के नवांशहर से शनिवार को ही कुंडली पहुंचे डाॅक्टर टेकचंद सैनी और डाॅक्टर विमल कुमार ने कहा कि उन्हें पता चला था कि धरने पर किसान बीमार हो रहे हैं। वे मोटरसाइकिल पर ही दवाइयां रखकर किसानों को बांट रहे हैं। इन्होंने बताया कि कुछ किसान गोलियों के खाली रैपर भी लेकर आते हैं। कई लोग तो अब तक एक-एक पत्ता एंटीबायॉटिक्स खा चुके हैं। लुधियाना के आरएमपी डाॅक्टर कमलजीत सिंह भी बीमार किसानों की संख्या बढ़ने की सूचना पर दो दिन पहले कुंडली पहुंचे। वे मानते हैं कि किस किसान को पहले कौन सी बीमारी रही है और उसे दवा की कितनी डोज देनी है, ऐसी जानकारियां उनके पास नहीं होती।

मेडिकल टीमें करेंगी मॉनिटरिंग: CMO

सोनीपत के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅक्टर जेएस पुनिया का कहना है कि कुंडली में किसानों की सुविधा के लिए स्वास्थ्य विभाग ने 10 डाक्टरों की टीम, दो नर्सिंग स्टाफ की टीम और पांच सैंपलिंग की टीम तैयार की हैं। ध्यान दे रहे हैं कि अब कोई भी दवाइयां इस तरीके से ना बांटे जो किसानों के लिए घातक हो। वहीं, झज्जर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅक्टर संजय दहिया ने कहा कि उन्होंने टीम से कहा है कि जहां-जहां खुले में इस तरह लोग सेवा के लिए बिना डाॅक्टरों की मौजूदगी में दवा बांट रहे हैं, उन्हें रोका जाए। स्वास्थ्य विभाग और रेडक्राॅस ने सात सेंटर बनाए हैं, जहां डॉक्टर भी तैनात हैं।

शिविर लगाने वाले बोले- हाई ब्लड प्रेशर के ज्यादा मरीज आ रहे

टिकरी और सिंघु बॉर्डर पर चिकित्सा शिविर लगाने वाले जनस्वास्थ्य अभियान के कोर ग्रुप सदस्य डॉक्टर आरएस दहिया ने बताया कि शिविर में मरीज हाई ब्लड प्रेशर के कई आ रहे हैं। यह खतरनाक भी हो सकता है। यदि सभी मेडिकल टीमों में समन्वय हो तो ऐसे मरीजों को तुरंत अस्पताल भिजवाया जा सकता है।

जालंधर से दवा बांटने आए डाॅक्टर विनोद दुआ कहते हैं कि बिना सलाह कई-कई दिन तक अनाप-शनाप दवाओं के सेवन से खून में थक्का बनने लगता है और प्लेटलेट्स की संख्या प्रभावित होती है। इससे दिल पर जोर पड़ता है और ठीक से काम नहीं कर पाता। आर्टरीज में कसाव पैदा होता है और ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। उन्होंने आशंका जताई कि यहां पर कई किसानों का ब्लड प्रेशर सामान्य से ज्यादा होने के पीछे यह एक वजह हो सकती है।

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