पूर्व सलाहकार मुख्यमंत्री पवार की कंपनी की दो अरब की मनी लांड्रिंग में होगी जांच

पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र के सलाहकार के स्वजन की कंपनी पर लटकी तलवार, मनी लांड्रिंग की जांच बैठी
के एस पंवार पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत तथा उमेश जे कुमार। फाइल फोटो

औद्योगिक सलाहकार रहे केएस पंवार के स्वजन की कंपनी एक बार फिर मनी लांड्रिंग और अनधिकृत वित्तीय गतिविधियों की जांच में आ गई है। कंपनी पर पहले भी वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लगे हैं।

देहरादून 01 अक्टूबर:पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के औद्योगिक सलाहकार रहे केएस पंवार की पत्नी की सोशल म्यूचुअल बेनिफिट कंपनी लिमिटेड एक बार फिर मनी लांड्रिंग और अनधिकृत वित्तीय गतिविधियों की जांच दायरे में आ गई है।

शासन के निर्देशों के क्रम में पुलिस मुख्यालय ने इसकी जांच अपराध अनुसंधान विभाग के अधीन आर्थिक अपराध शाखा को सौंपी है। अपर पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था डाक्टर वी मुरुगेशन ने आर्थिक अपराध शाखा को जांच सौंपने के संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं।

पहले भी वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लगे

पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के औद्योगिक सलाहकार रहे केएस पंवार से संबंधित सोशल म्युचुअल बेनिफिट कंपनी लिमिटेड पर पहले भी वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लगे हैं।
यहां तक कि दिसंबर 2020 में विधानसभा सत्र में कांग्रेस ने इस मुद्दे पर जम कर हंगामा किया था। तब सरकार ने इन तमाम आरोपों को सिरे से नकार दिया था। तब यह कहा गया था कि आरबीआई ने इस मामले को स्पष्ट कर दिया है।
इसके बाद यह प्रकरण लगभग समाप्त हो गया था। इस बीच कुछ माह पहले एक बार फिर इस कंपनी के खिलाफ मनी लांड्रिंग को लेकर शासन में शिकायत आई।

आरोप लगाया गया कि कंपनी अनधिकृत वित्तीय गतिविधियों में शामिल है। कंपनी ने बड़े पैमाने पर काला धन वैध किया है। इस शिकायत पर शासन ने सितंबर में पुलिस मुख्यालय को इसकी जांच को कहा।

प्रारंभिक जांच के बाद इसकी विस्तृत विशेष जांच की संस्तुति
पुलिस मुख्यालय ने की गई । इस क्रम में अपर सचिव, गृह रिद्धिम अग्रवाल ने इस मामले की जांच अपराध अनुसंधान विभाग के अधीन आर्थिक अपराध शाखा से यथाशीघ्र कराने की अपेक्षा करते हुए पुलिस मुख्यालय को पत्र भेजा।

इस क्रम में अपर पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था डा वी मुरुगेशन ने यह जांच आर्थिक अपराध शाखा को सुपुर्द कर दी है।

Former CM Advisor Wife Company Stuck In 200 Crore Money Laundering Case

सोशल म्यूचुअल बेनिफिट निधि लिमिटेड नाम की इस कंपनी में प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र के सलाहकार की पत्नी वर्ष 2017 से 2020 तक डायरेक्टर थीं। वर्तमान में भी उनके रिश्तेदार ही इसमें डायरेक्टर बताए जा रहे हैं।

आरोप है कि इस अवधि में कंपनी में फर्जी तरीके से हजारों लोगों के नाम से आरडी-एफडी में रुपया जमा कर काले धन को वैध किया गया। शासन के निर्देश पर इस कंपनी की गतिविधियों की जांच आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) को सौंप दी गई है।

इस मामले में विधायक खानपुर उमेश कुमार ने शासन से शिकायत की थी। कंपनी का मुख्यालय देहरादून-हरिद्वार बाईपास के ब्राह्मणवाला में है। कंपनी आरडी, एफडी, बचत खाते आदि वित्तीय सेवाएं प्रदान करती है।

आरोप है कि वर्ष 2017 से 2020 तक कंपनी में 200 करोड़ रुपये से भी अधिक की धनराशि एफडी हुई। अलग-अलग नामों से खुले इन खातों की पड़ताल की गई तो पता चला कि इनमें से कई लोग मर चुके हैं। वहीं, कुछ लोगों को इस बात की जानकारी ही नहीं है कि उनके नाम से एफडी चल रही है।

गतिविधियों की जांच आर्थिक अपराध शाखा को सौंपी

विधायक का कहना है कि इस मामले को उठाया गया तो पूर्व मुख्यमंत्री के सलाहकार ने अपनी पत्नी का इस्तीफा दिलवा दिया। पिछले दिनों शासन ने मामले की जांच सीबीसीआईडी से कराने के निर्देश दिए थे। पुलिस मुख्यालय ने कंपनी की गतिविधियों की जांच आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) को सौंपी है। इस संबंध में एडीजी कानून व्यवस्था वी मुरुगेशन की ओर से पत्र जारी हुआ है। पुलिस मुख्यालय ने जांच जल्द पूरी कर रिपोर्ट मांगी है।

40 से 50 हजार लोगों की एफडी, आरडी

शुरुआती पड़ताल में पता चला कि कंपनी में 40 से 50 हजार लोगों के नाम पर आरडी और एफडी के खाते खोले गए हैं। इन खातों में निवेश दिखाकर बहुत से लोगों ने काला धन वैध किया। अब आर्थिक अपराध शाखा की जांच में ही सारी स्थिति स्पष्ट होगी।

EOW HAS BEEN ORDERED TO INVESTIGATE CASE OF MONEY LAUNDERING OF 200 CRORES IN UTTARAKHAND

राजधानी देहरादून में सोशल बेनिफिट म्यूचुअल फंड लिमिटेड कंपनी (Social Benefit Mutual Fund Limited Company) के खिलाफ 200 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में पुलिस मुख्यालय ने आर्थिक अपराध शाखा (EOW) को अग्रिम जांच के आदेश दिए हैं. इसके पहले शासन के आदेश पर एसटीएफ ने प्रारंभिक जांच में पाया कि आरोपित म्यूचुअल फंड कंपनी ने आरडी (Recurring Deposit) और एफडी (Fixed Deposit) इन्वेस्टमेंट की आड़ में मनी लॉन्ड्रिंग (money laundering under the guise of investment) की है. हालांकि, अभी इसकी इन्वेस्टिगेशन इकोनॉमिक ऑफेंस विंग (Economic Offenses Wing) से होगी.
जानकारी के मुताबिक, साल 2017 से 2020 तक आरोपित सोशल बेनिफिट म्यूचुअल फंड कंपनी ने निधि योजना नाम से मनी लॉन्ड्रिंग का अपराध किया. इसमें हरिद्वार के खानपुर विधायक उमेश जे कुमार ने शिकायत की. जिसके आधार पर प्रारंभिक जांच बाद अब पुलिस मुख्यालय ने आर्थिक अपराध शाखा को इस पूरे मामले की जांच सौंपी है.आरोप है कि साल 2017 से 2020 तक तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के औद्योगिक सलाहकार की निदेशक पत्नी म्यूचुअल फंड कंपनी को संचालित कर रही थी.

प्रारंभिक जांच में तथ्य आए सामने

इस मामले में एडीजी लॉ एंड ऑर्डर डॉक्टर वी मुरुगेशन ने बताया कि प्रारंभिक जांच में मनी लॉन्ड्रिंग के तथ्य सामने आए हैं. उसी आधार पर ईओडब्ल्यू को पूरे प्रकरण की जांच सौंपी है. विवेचना पूर्ण होने पर आगे की कार्रवाई सुनिश्चित होगी.

इस कंपनी में मेरी कोई भागीदारी नहीं है। यह परिवार जनों से संबंधित कंपनी है। वैसे भी इसकी जांच पूर्व में दो बार हो चुकी है। पुलिस भी पहले इसकी जांच कर चुकी है। अब ऐसा लग रहा है कि कोई जबरन इस प्रकरण को उठा कर हम पर निशाना साधना चाहता है।

– केएस पंवार, त्रिवेंद्र सिंह रावत के मुख्यमंत्री काल में औद्योगिक सलाहकार

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