जातीयता में बंटी मणिपुर पुलिस को अपने-अपने क्षेत्र में ड्यूटी की अनुमति

मणिपुर में 45 हजार पुलिसकर्मी दो धड़ों में बंटे​​​​​​​:कुकी और मैतेई पुलिसकर्मी अपने-अपने इलाकों में जा रहे; नए पुलिस चीफ हालात सुधारने में लगे

8 जून को मणिपुर के कीथलमानबी इलाके में पुलिस और अन्य सुरक्षाबलों की टीम ने मिलकर कुकी और मैतेई समुदाय के कई गांवों में तलाशी अभियान चलाया था। तस्वीर उसी समय की है।
इंफाल 09 जुलाई। मणिपुर में 3 मई से जारी हिंसा की चपेट में सिर्फ आम लोग नहीं, बल्कि पुलिस कर्मचारी भी इसके घेरे में आ गए हैं। सूत्रों की मानें तो 45 हजार से ज्यादा कर्मियों वाली पुलिस दो धड़ों में बंट चुकी है।

अपनी सुरक्षा के लिए मैतेई समुदाय के पुलिस वाले इंफाल घाटी और कुकी समुदाय के पुलिस वाले पहाड़ों की तरफ जा रहे हैं। पुलिस पर ये आरोप भी लगा है कि उसने हिंसा के दौरान हालात को सही तरीके से नहीं संभाला।

मणिपुर पुलिस के नए चीफ ने संभाली जिम्मेदारी

पिछले महीने मणिपुर पुलिस के चीफ बनाए गए राजीव सिंह की इस वक्त सबसे बड़ी जिम्मेदारी यही है कि वे राज्य में शांति बहाल करें और पुलिस कर्मचारियों के मन में भरोसा जगाकर उन्हें साथ रख सकें।

राजीव सिंह 1993 बैच के त्रिपुरा कैडर के IPS अफसर हैं। मणिपुर पुलिस चीफ बनने से पहले वे CRPF में डेप्युटेशन पर थे। अधिकारियों के मुताबिक, राजीव सिंह जब पुलिस चीफ बने तो उन्होंने देखा कि करीब 1200 कर्मचारी ड्यूटी से गायब थे।

ऐसे में उन्होंने सबसे पहले इन पुलिस वालों की पहचान की और उन्हें अपनी मनचाही जगह पर ड्यूटी जॉइन करने की इजाजत दी। अधिकारियों का कहना है कि अब तक 1,150 पुलिस वाले ड्यूटी पर लौट आए हैं।

राजीव सिंह 1993 बैच के त्रिपुरा कैडर के IPS अफसर हैं, जिन्हें 1 जून को मणिपुर का DGP बनाया गया है।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कॉन्स्टेबलों की पासिंग आउट सेरेमनी करवाई
राजीव सिंह का दूसरा काम था 304 नए कॉन्सटेबलों को फोर्स में शामिल करना। ये कॉन्सटेबल अपनी पासिंग आउट परेड का इंतजार कर रहे थे। ये युवा कुकी और मैतेई दोनों समुदायों से थे।

ऐसे में सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर उनकी पासिंग आउट सेरेमनी का आयोजन कर  उन्हें उन इलाकों में ही तैनात कर दिया गया जहां वे शरण लिए हुए थे।

पुलिस को हिंसा में शामिल होने से रोका

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि ऐसे मामले सामने आ रहे थे जिसमें पुलिस कर्मचारी पुलिस स्टेशनों और सुरक्षा कैंपों में रखे हथियार और गोला-बारूद लूटने में भीड़ की मदद कर रहे थे। इन मामलों से निपटने को राजीव सिंह ने सभी सुरक्षा बलों को संदेश भेजा कि वे कड़ी निगरानी कर ऐसी दुर्घटनायें  रोकें।

अधिकारियों के मुताबिक, इसका नतीजा जमीनी स्तर पर देखने काे मिला जब कुछ दिन पहले सैकड़ों की संख्या में उपद्रवियों ने थोउबल जिले के खंगाबोक इलाके में तीसरी इंडियन रिजर्व बटालियन के कैंप से हथियार और गोला-बारूद लूटने की कोशिश की और इस कोशिश को सुरक्षाबलों ने नाकाम कर दिया।

अधिकारियों ने बताया कि हथियार लूटने की कोशिश नाकाम होने के बाद उपद्रवियों ने IRB कैंप में तैनात एक जवान के घर में आग लगा दी थी। हैरानी की बात ये है कि ये पुलिस कॉन्सटेबल जिनके घरों को भीड़ जला रही है, वो उनके ही समुदाय से आते हैं।

नियम तोड़ने वालों को नजरबंद कर रही पुलिस

अब मणिपुर पुलिस सख्त तलाशी करने के लिए नाके तैनात कर रही है। नियमों का उल्लंघन करने पर लोगों को नजरबंद भी किया जा रहा है। इसके अलावा पहाड़ों की तराई में खेती करने वाले दोनों समुदायों के किसानों को सुरक्षा मुहैया कराई जा रही है।

उपद्रवियों और असमाजिक तत्वों के मूवमेंट को ट्रैक करने के लिए सुरक्षाबलों ने मणिपुर में 125 जगहों पर चेक पॉइंट बनाए हैं। इनमें नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में 352 लोगों को हिरासत में ले लिया।

घाटी और पहाड़ी इलाकों में सर्च ऑपरेशन चला रही पुलिस

पुलिस और सुरक्षा बलों की एक जॉइंट टीम ने पहाड़ी और घाटी जिलों के संवेदनशील इलाकों में सर्च ऑपरेशन को अंजाम दिया। इस ऑपरेशन में सेना ने इंफाल ईस्ट, कांगपोकपी और इंफाल वेस्ट जिलों में हथियारबंद उपद्रवियों के 24 बंकरों को नष्ट कर दिया था।

अब मणिपुर में शांति बहाल करने और हालात सामान्य करने को केंद्रीय पुलिस बल और मणिपुर पुलिस मिलकर सर्च ऑपरेशन चला रही है। इस एक्सरसाइज के चलते पुलिस कई इलाकों से गोला-बारूद पकड़ने में सफल रही है।

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