89वर्ष में इंग्लैंड पर सबसे बड़ी जीत: गेम चेंजर रोहित, ट्रंपकार्ड अश्विन,अक्षर की 90+KM रफ्तार की स्पिन रही अबूझ

 

भारत की रिकॉर्ड जीत का एनालिसिस:रोहित गेमचेंजर और अश्विन ट्रम्प कार्ड साबित हुए, 90+ किमी की रफ्तार से स्पिन करा रहे अक्षर को नहीं खेल पाई इंग्लैंड
चेन्नई15फरवरी।टीम इंडिया ने दूसरे टेस्ट में इंग्लैंड को 317 रन से हराकर चार मैचों की सीरीज में 1-1 की बराबरी कर ली है। 89 साल में इंग्लैंड के खिलाफ भारत की यह सबसे बड़ी जीत है। पहले टेस्ट में 227 रनों की एकतरफा हार के बाद भारतीय टीम की वापसी तारीफ के काबिल रही। कुल 5 फैक्टर ऐसे रहे जिसने इस मुकाबले में भारत की राह को आसान बना दिया।

1. टॉस जीतना टॉप फैक्टर साबित हुआ
पहले टेस्ट में इंग्लैंड का टॉस जीतना काफी अहम साबित हुआ था। इस बार पिच स्पिनरों के लिए ज्यादा मददगार थी, लिहाजा टॉस की अहमियत भी ज्यादा थी। लगातार चार टेस्ट में टॉस हारने के बाद आखिरकार सिक्के की उछाल भारत के पक्ष में रही।

2. रोहित शर्मा की लाजवाब पारी
उम्मीद के मुताबिक, पिच पहले दिन से ही स्पिनरों के लिए मददगार थी। भारत के ज्यादातर बैट्समैन के लिए पिच पर टिकना मुश्किल साबित हो रहा था, लेकिन रोहित शर्मा ने 161 रनों की पारी खेलकर भारत को 300 रनों के पार पहुंचा दिया। यहां से मैच इंग्लैंड की पहुंच से लगभग बाहर निकल गया। रोहित ने सातवां शतक जमाया और टेस्ट में वे जब भी शतक जमाते हैं, टीम इंडिया जीत हासिल करती है। इस बार भी ऐसा ही हुआ।

3. गेंद और बल्ले से अश्विन का कमाल
रोहित शर्मा की शानदार पारी के बाद चेन्नई के सितारे रविचंद्रन अश्विन ने मोर्चा संभाल लिया। उन्होंने इंग्लैंड की पहली पारी में 43 रन देकर 5 विकेट लिए। इससे इंग्लिश टीम सिर्फ 134 रन पर सिमट गई। अश्विन ने इसके बाद बल्ले से कमाल दिखाते हुए 106 रनों की पारी खेल दी। इंग्लैंड की दूसरी पारी में भी उन्होंने तीन विकेट ले लिए।

4. एक्स फैक्टर साबित हुए अक्षर पटेल
इस टेस्ट में सही टीम सिलेक्शन ने भारतीय टीम की राह आसान बना दी। पहले टेस्ट में खेले स्पिनरों शाहबाज नदीम और वॉशिंगटन सुंदर की जगह इस बार अक्षर पटेल और कुलदीप यादव को मौका दिया गया। वहीं, तेज गेंदबाज बुमराह की जगह मोहम्मद सिराज आए। अक्षर 90 किमोलीटर प्रति घंटा से ज्यादा की रफ्तार से गेंद फेंकते हैं। इस कारण इंग्लैंड के बल्लेबाज आसानी से स्वीप नहीं कर पा रहे थे। अक्षर ने अपने डेब्यू टेस्ट में पारी में पांच विकेट लिए। रिस्ट स्पिनर कुलदीप को कम ओवर मिले, लेकिन उन्होंने भी असरदार गेंदबाजी की।

5. अपनी ही स्ट्रैटजी में फंस गई इंग्लैंड की टीम
पहले टेस्ट में जीत हासिल करने वाली इंग्लैंड की टीम के चार खिलाड़ी इस टेस्ट में नहीं खेले। डॉम बेस, जोस बटलर, जेम्स एंडरसन और जोफ्रा आर्चर की जगह मोइन अली, बेन फोक्स, स्टुअर्ट ब्रॉड और ओली स्टोन खेले। फोक्स के अलावा अन्य तीन रिप्लेसमेंट खिलाड़ी का प्रदर्शन खास नहीं रहा।

मोइन अली ने मैच में आठ विकेट लिए, लेकिन उन्होंने काफी कमजोर गेंदें भी फेंकी। इससे भारतीय बल्लेबाजों पर दबाव नहीं बन पाया। स्टुअर्ट ब्रॉड पूरी तरह बेरंग रहे तो ओली स्टोन टुकड़ों में अच्छी बॉलिंग कर पाए। कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि रोटेशन पॉलिसी इंग्लैंड के खिलाफ गई।

टीम इंडिया ने जो रूट को दिया सबसे बड़ा दर्द, एशियाई धरती पर मिली सबसे बड़ी हार


टेस्ट टीम के कप्तान जो रूट साथी खिलाड़ियों के साथ (एपी फोटो)
India vs England इंग्लैंड के कप्तान जो रूट की जीत का सिलसिला एशियाई धरती पर भारतीय टीम ने रोक दिया। इससे पहले रूट ने कप्तान के तौर पर एशियाई धरती पर सभी मुकाबले जीते थे लेकिन भारत ने इंग्लैंड को 317 रन से हराकर उनकी जीत का सिलसिला तोड़ दिया।

जो रूट की कप्तानी में इंग्लैंड की टीम को चेन्नई में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच में बड़ी हार का सामना करना पड़ा। इंग्लैंड की टीम ने भारत को पहले टेस्ट मैच में जिस तरह से हराया था, उससे लग नहीं रहा था कि, ये टीम इतनी जल्दी घुटने टेक देगी, लेकिन ऐसा हुआ और जो रूट को 317 रन से हार मिली। इस हार के बाद जो रूट के नाम पर एक बेहद शर्मनाक रिकॉर्ड भी दर्ज हो गया।

जो रूट को एशिया में मिली सबसे बड़ी हार

टीम इंडिया ने दूसरे टेस्ट मैच में जो रूट की टीम को 317 रन से हराया और टेस्ट कप्तान के तौर पर जो रूट को एशियाई धरती पर पहली और सबसे बड़ी हार का सामना करना पड़ा। बतौर टेस्ट कप्तान जो रूट ने एशिया में अब तक कुल 7 टेस्ट मैच खेले थे जिसमें से उन्हें पहले छह मैचों में जीत मिली थी, लेकन सातवें मैच में उन्हें हार मिली। इस हार से पहले उन्होंने बतौर टेस्ट कप्तान श्रीलंका के खिलाफ पांच मैच जीते थे तो वहीं भारत के खिलाफ एक टेस्ट में उन्हें जीत मिली थी। भारत ने उनसे एशियाई धरती पर लगातार जीत का सिलसिला भी तोड़ दिया। इसके अलावा बतौर टेस्ट कप्तान भारतीय धरती पर उन्हें सबसे बड़ी हार भी मिली।

एशिया में टेस्ट कप्तान के तौर पर जो रूट का सफर

– Won by 211 runs vs SL

– Won by 57 runs vs SL

– Won by 42 runs vs SL

– Won by 7 wickets vs SL

– Won by 6 wickets vs SL

– Won by 227 runs vs IND

– Lost by 317 runs vs IND

जो रूट पहली बार भारत में किसी टेस्ट में नहीं लगा पाए अर्धशतक

जो रूट ने भारत में इस टेस्ट मैच से पहले कुल 7 टेस्ट खेले थे जिसकी दोनों पारियों में उन्होंने कम से कम अर्धशतक जो जरूर लगाया था, लेकिन चेन्नई में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच की दोनों पारियों में उन्होंने 6,33 रन की पारी खेली। रूट का भारत में ये आठवां टेस्ट मैच था जिसमें वो अर्धशतक तक नहीं लगा पाए, हालांकि इससे पहले हुए मुकाबले में उन्होंने भारत के खिलाफ पहली पारी में 218 रन बनाए थे।

आर अश्विन घांसू प्रदर्शन के बाद बने ‘प्लेयर ऑफ द मैच’, कर ली सहवाग व कपिल जैसे दिग्गजों की बराबरी

जो रूट का पिछले आठ टेस्ट मैचों में भारत के खिलाफ भारत में प्रदर्शन

1st test – 73, 20*

2nd test – 124, 4

3rd test – 53, 25

4th test – 15, 78

5th test – 21, 77

6th test – 88, 6

7th test – 218, 40

8th test – 6, 33

Ind-vs-Eng

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *