दून में 15 अवैध मजारें हटाई गई

POLITICS ON ILLEGAL MAZAAR IN UTTARAKHAND

उत्तराखंड में खत्म होगा धार्मिक कब्जे का ‘खेल’? सरकार ने बताया प्लान तो विपक्ष ने किया पलटवार
उत्तराखंड वन विभाग अवैध मजार को लेकर एक्शन मोड में है. देहरादून वन प्रभाग ने 17 में से 15 अवैध मजारें ध्वस्त कर दी हैं. तो वहीं, विपक्ष ने धामी सरकार को घेरा  है. कांग्रेस का कहना है कि एक तरफ सरकार अवैध मजारें तोड़ रही है, वहीं भाजपा विधायक इनके जीर्णोद्धार को दो लाख विधायक निधि से दे रहे हैं. हालांकि, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और वन मंत्री सुबोध उनियाल ने वन क्षेत्र में अवैध निर्माण को ध्वस्त करने के आदेश दिए हैं.

सरकार ने बताया प्लान तो विपक्ष ने किया पलटवार.

देहरादून14दिसंबर:उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बीते दिनों वन विभाग को आदेश दिए थे कि वन क्षेत्र में  अवैध निर्माण ध्वस्त किये जाए. बाद में कोर्ट ने भी  सख्त टिप्पणी कर अवैध निर्माण हटाने को कहा था. अब राज्य वन विभाग ने इस में कार्रवाई शुरू कर दी है. लगभग एक दर्जन अवैध मजारें वन क्षेत्र से हटाई गई हैं. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Politics on Mazaar in Uttarakhand) कह रहे हैं कि अवैध निर्माण कोई भी हो और खासकर वन क्षेत्र में, उसे हटाया जा रहा है और यह कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी. तो वहीं, राज्य में कांग्रेस भाजपा विधायकों पर यह कहकर व्यंग्य कस रही है कि अवैध अतिक्रमण टूटना तो ठीक है. लेकिन भाजपा विधायक मजारों के जीर्णोद्धार को 2 लाख विधायक निधि से दे रहे हैं.

वन क्षेत्र में एटीएम की तरह खुल गए अवैध धार्मिक स्थल

इसमें कोई दो राय नहीं है कि गढ़वाल और कुमाऊं दोनों ही क्षेत्रों में वन क्षेत्र में अवैध मजारें एटीएम की तरह हो गई हैं. कदम-कदम पर अवैध मजारों के निर्माण से वन क्षेत्र में लोगों की गतिविधियां लगातार बढ़ रही हैं. यही देख बीते दिनों वन विभाग ने गढ़वाल और कुमाऊं के वन क्षेत्र में सर्वेक्षण करवाया तो पता चला कि उत्तराखंड में लगातार तेजी से अवैध धार्मिक स्थल निर्मित हो रहे हैं, जिसमें 20 से अधिक मजारें भी शामिल हैं.ऐसे में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) ने वन विभाग कोई आदेश दिए हैं कि वन क्षेत्र से अवैध निर्माण तत्काल प्रभाव से हटाये जाए. इस पर वन विभाग की टीम ने 13 दिसंबर से अभियान शुरू किया. शुरुआती चरण में लगभग 15 अवैध मजारों पर प्रशासन का चाबुक चला है, जिसमें देहरादून क्षेत्र में  15 अवैध मजार हटाई गई हैं. यह तमाम मजारें गुपचुप तरीके से बनाई गई थीं. ऐसा नहीं है कि प्रशासन ने इन पर अचानक यह कार्रवाई की है. बकायदा वन विभाग ने क्षेत्र में रहने वाले और इन मजारों की देखरेख करने वाले लोगों से पहले संबंधित कागजात मांगे और जब कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला, तब उन पर कार्रवाई हुई है.

हालांकि, अभी भी अवैध मजारें बनी हुई है. अवैध मजारों पर कुछ ऐसे निर्माण किया गया, किसी पेड़ नीचे कुछ ईटों के सहारे मजार बना ऊपर टिन शेड या फिर एक खास धर्म के वस्त्र मिट्टी के टीले पर डाल पक्के निर्माण हुए थे. देहरादून वन प्रभाग ने फिलहाल 15 मजारें हटाई हैं. आंकड़े के अनुसार उत्तराखंड में लगभग 300 अवैध धार्मिक स्थल (Illegal mazaar in Uttarakhand) हैं, वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि किसी भी धर्म का हो, अवैध निर्माण टूटेगा. हमने बीते कुछ दिनों में उत्तराखंड के तमाम डिवीजन में यह सर्वे करवाया था कि वन भूमि पर  धार्मिक स्थल हो या फिर कोई दूसरे निर्माण उनका सर्वेक्षण करवा अवैध निर्माण तुरंत हटाये जाए. शुरुआती चरण में यह देहरादून से शुरू हुआ है, जिसमें 15 मजार हटाई गई हैं. सुबोध उनियाल के अनुसार  धर्म विशेष के ही अवैध निर्माणों नहीं. किसी भी धर्म का अवैध निर्माण चरणबद्ध तरीके से हटेगा.

मुख्यमंत्री बोले अवैध निर्माण और धर्मांतरण पर जारी रहेगी कार्रवाई

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी इस पर बेहद गंभीर हैं. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कम शब्दों में इन अवैध निर्माणों के खिलाफ हो रही कार्रवाई पर अपना बयान जारी किया है. पुष्कर सिंह धामी के अनुसार जो भी काम अपराध की श्रेणी में आयेगा. उन सभी पर कार्रवाई कर रहे हैं. भले ही वह अवैध निर्माण हो या फिर धर्म परिवर्तन या करवाना आगे भी इस तरह की कार्रवाई राज्य में जारी रहेगी. बता दें कि पुष्कर सिंह धामी भी इस मामले पर लगातार वन मंत्रालय से रिपोर्ट ले रहे थे कि इन अवैध निर्माणों पर वन विभाग क्या कार्रवाई कर रहा है?

शहर काजी ने भी किया कार्रवाई का समर्थन

13 और 14 दिसंबर को देहरादून डिवीजन में मजारों पर कार्रवाई हुई है.  देहरादून शहर के काजी मोहम्मद अहमद क़ासमी भी सरकार के इस फैसले और कार्रवाई को सही मानते हैं. उनके अनुसार इस्लाम किसी भी सूरत में किसी दूसरे के जगह पर कैसे भी कब्जे सही नहीं मानता. शहर काजी के अनुसार मजारों पर कार्रवाई में वें सरकारी कार्रवाई के साथ हैं.

कांग्रेस की किंतु परंतु, अवैध निर्माण हटे , महंगाई और बेरोजगारी भी हटे

कांग्रेस प्रवक्ता सुजाता पॉल के अनुसार सरकार लोगों का ध्यान भटकाने को यह सब कर रही है. अवैध निर्माण हटाने को बाकायदा कानून है और कानून में कार्रवाई हो. कांग्रेस का कहना है कि लेकिन अवैध निर्माण तो हटाए. लेकिन बेरोजगारी और अव्यवस्था कैसे हटाई जाएगी. इसका जवाब सरकार के पास नहीं है. जब से उत्तराखंड में भाजपा, खासकर धामी सरकार आई है. तब से हिंदू-मुस्लिम  कैसे बनाया जाए, इस पर ही सरकार का फोकस  है. लिहाजा, सरकार काम काम के तरीके से करें सिर्फ वाहवाही लूटने को या लोगों का महंगाई और बेरोजगारी से ध्यान हटाने को काम ना करें.

सरकार रखे ध्यान

उत्तराखंड में अवैध निर्माणों का ध्वस्तीकरण भले शुरू हुआ हो. लेकिन कांग्रेस बीते 5 दिनों से कह रही है कि यह वही भाजपा है. जिसके पौड़ी विधायक मजार के जीर्णोद्धार को विधायक निधि से ₹2 लाख दे रहे हैं. ऐसे में सरकार के आगे भी चुनौती होगी. कार्रवाई तो करें लेकिन संदेश यह ना जाए कि यह कार्रवाई एकतरफा है.

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