गोपेश्वर,हिमखंड टूटने से बीआरओ के 10 की जान गई

चमोली में हिमखंड टूटने के बाद मुख्‍यमंत्री ने किया हवाई निरीक्षण, कहा-सुमना दुर्घटना में 391 श्रमिक सेना व आइटीबीपी कैंपों में सुरक्षित
हिमखंड टूटने के बाद मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने आज घटनास्थल का हवाई निरीक्षण किया।
उत्तराखंड के चमोली जिले में जोशीमठ सेक्टर के सुमना क्षेत्र में हिमखंड टूटने के बाद मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने आज घटनास्थल का हवाई निरीक्षण किया। इसके बाद उन्‍होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि रेस्‍क्‍यू आपरेशन जारी है।

  • देहरादून 24 अप्रैल। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने शनिवार को जोशीमठ के सुमना में ग्लेशियर टूटने वाले क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण कर स्थिति का जायजा लिया। हवाई सर्वेक्षण व सेना के अधिकारियों से जानकारी लेने के बाद मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने चमोली में मीडिया कर्मियों से बातचीत में कहा कि सुमना में जहां पर ग्लेशियर टूटा, वहां पर बीआरओ के लगभग 400 लेबर (श्रमिक) काम कर रहे थे। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने बताया कि इनमें से कुल 391 लोग सेना व आईटीबीपी के कैंपों तक पहुंच गए हैं और पूरी तरह से सुरक्षित हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि इस दुर्घटना में आठ मजदूरों के मारे जाने की जानकारी मिली है, जबकि चार लोग घायल हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मौके पर सेना, आइटीबीपी की टीमें राहत बचाव कार्य में जुटी हैं। एसडीआरएफ वहां पर आगे बढ़ी है और एनडीआरएफ की कुछ टीमें भी आगे बढ़ रही हैं। जिला प्रशासन भी शुक्रवार से ही पूरी मुस्तैदी से राहत-बचाव में जुट है। गाजियाबाद में भी एनडीआरएफ की टीमें अलर्ट मोड पर हैं।

चमोली जिले की नीती घाटी में ग्लेशियर टूटने की घटना के बाद मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने शनिवार सुबह चमोली पहुंचकर सीमावर्ती इलाके का जायजा लिया। इस दौरान मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के साथ चमोली जिले के प्रभारी मंत्री एवं उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत और विधायक बद्रीनाथ महेंद्र भट्ट भी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि जिस स्थान पर यह घटना घटी है वहां सेना कल रात से ही पूरी तरीके से मुस्तैद है। साथ में आइटीबीपी के जवान भी राहत कार्य में लगे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा जिला प्रशासन कल रात से ही रेस्क्यू कार्यों की मॉनिटरिंग में जुटा हुआ है। इसके साथ ही एसडीआरएफ भी घटनास्थल के लिए आगे बढ़ी है। जगह जगह सड़क पर ग्लेशियर आए हुए हैं, जिसकी वजह से घटना स्थल तक बाक़ी की रेस्क्यू टीम को पहुंचने में काफ़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने बताया कि अभी तक जो जानकारी मिल रही है उसके अनुसार करीब 400 लेबर बीआरओ के साथ वहां काम कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि 6 लोगों के मृत होने की सूचना अभी तक इस पूरी दुर्घटना में सामने आ रही है। लगभग 392 लोग सेना के कैंप तक रेक्यू कर पहुंचे हैं, जबकि कुछ लोग अभी घायल अवस्था में है।

 

ध्यान देने की बात है कि शुक्रवार रात इस पूरी घटना की सूचना मिलते ही मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने इस मामले में तात्परता दिखाते हुए स्वयं प्रभावित इलाके में पहुंचकर हालातों का जायजा लिया। रात में ही गृह मंत्री अमित शाह ने फ़ोन करके मुख्यमंत्री को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया।

नीति घाटी में मलारी बॉर्डर स्थित सुमना गाँव के निकट ग्लेशियर टूटने पर घटनास्थल के हवाई निरीक्षण के बाद भी वहां चल रहे रेस्क्यू कार्य की मैं लगातार मॉनिटरिंग कर रहा हूं। मुझे बताया गया कि सुमना में जहां ग्लेशियर टूटा, वहां बीआरओ के लगभग 400 लेबर काम कर रहे थे, जिनमें से कुल 391 लोग सेना व आईटीबीपी के कैम्पों तक पहुँच गए हैं और पूरी तरह से सुरक्षित हैं। 6 मजदूरों के मारे जाने की जानकारी मिली है जबकि 4 लोग घायल हैं।

मौके पर सेना और आईटीबीपी की टीमें तत्परता से राहत बचाव कार्य में जुटी हैं। एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की कुछ टीमें भी आगे बढ़ रही हैं। जिला प्रशासन भी शुक्रवार से ही पूरी मुस्तैदी से राहत-बचाव में जुटा है। गाजियाबाद में भी एनडीआरएफ की टीमें अलर्ट मोड पर हैं।

-मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत

 

 

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