नैतिक समिति सुनवाई में भी ड्रामा,महुआ, दानिश और सोनकर के आरोप

‘नैतिक समिति गंदे सवाल पूछ रही थी’, तमतमाती निकलीं महुआ ने रिपोर्टर को दिखाईं आंखें!
TMC सांसद महुआ मोइत्रा आज संसद की नैतिक समिति के समक्ष पहुंची. लेकिन इसमें हंगामा हो गया. सांसद तमतमाती बाहर निकली और उन्होंने कहा कि समिति मुझसे गंदे सवाल पूछ रही थी.

समिति की बैठक से तमतमाकर बाहर निकलीं महुआ मोइत्रा

नई दिल्ली,02 नवंबर 2023,कैश फॉर क्वेरी केस में आरोपों का सामना कर रहीं TMC सांसद महुआ मोइत्रा आज संसद की नैतिक समिति के समक्ष पेश हुईं.उनसे समिति सदस्यों ने संसद में सवाल के बदले पैसे लेने के संबंध में सवाल पूछे, तभी महुआ तमतमाती बाहर निकलीं.उनके अनुसार नैतिक समिति मुझसे गंदे सवाल पूछ रही थी.साथ ही उन्होंने एक सवाल के जवाब में रिपोर्टर्स को अपनी आंखें दिखाते हुए पूछा कि क्या आपको मेरी आंखों में आंसू दिखाई दे रहे हैं? महुआ ने पैनल के अध्यक्ष पर उनसे व्यक्तिगत और अनैतिक सवाल पूछने का आरोप लगाया.
सूत्रों के अनुसार मोइत्रा ने उन पर लगाए गए सभी आरोप निराधार बताने के साथ ही खुद को निर्दोष बताया.उन्होंने संसदीय समिति को बताया कि यह आरोप वकील जय अनंत देहाद्राई की दुश्मनी से प्रेरित हैं,क्योंकि उन्होंने उनसे अपने व्यक्तिगत संबंध तोड़ दिए थे.बताया जा रहा है कि नैतिक समिति की बैठक में मोइत्रा को कांग्रेस सांसद और पैनल के सदस्य एन उत्तम कुमार रेड्डी, बसपा के दानिश अली सहित कुछ विपक्षी सांसदों का समर्थन मिला.जबकि वीडी शर्मा सहित कुछ भाजपा सदस्य चाहते थे कि वह आरोपों का संगत जवाब दें.

कमेटी ने देहाद्राई को लेकर पूछे थे सवाल

नैतिक समिति से क्यों नाराज हो गईं सांसद महुआ?

सूत्रों के अनुसार नैतिक समिति के समक्ष उनके बयान का एक बड़ा हिस्सा देहाद्राई से उनके संबंधों के बारे में पूछा गया था,क्योंकि वह इस केस में आरोपों के लिए उन्हें ही दोषी ठहराती दिखाई दे रही हैं.देहाद्राई के तर्कों के संदर्भ में भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने उनके खिलाफ लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के पास शिकायत दर्ज की,जिन्होंने मामला समिति को भेज दिया था.

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महुआ मोइत्रा vs निशिकांत दुबे: अंदर सवाल, बाहर बवाल की पूरी कहानी
संसद में पैसे लेकर सवाल पूछे जाने के मामले में एथिक्स कमेटी ने गुरुवार को टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा से पूछताछ की। पूछताछ के कुछ समय बाद ही महुआ तमतमाते हुए बैठक से बाहर निकल गईं। उन्होंने कमेटी के चेयरमैन पर अनैतिक सवाल पूछने का आरोप लगाया।

मुख्य बिंदु
समिति की पूछताछ शुरू होने के कुछ देर बाद ही बाहर निकली मोइत्रा
समिति के चेयरमैन विनोद सोनकर पर अनैतिक सवाल पूछने का आरोप
महुआ ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को पत्र लिख जताया विरोध
गुस्से में तमतमाते बाहर निकलीं और आंखें दिखाने लगीं

पैसे लेकर सवाल पूछे जाने के मामले में टीएमसी सांसद गुरुवार को एथिक्स कमेटी के सामने पेश हुई। समिति की  पूछताछ के कुछ समय बाद ही महुआ मोइत्रा बैठक से तमतमाते बाहर निकल आईं। बाहर महुआ ने समिति अध्यक्ष विनोद कुमार सोनकर पर व्यक्तिगत तथा अनैतिक सवाल पूछने का आरोप लगाया। सोनकर ने विपक्षी सदस्यों के बाहर जाने के बाद भी बैठक जारी रखी। उन्होंने बाद में विपक्षी सदस्यों पर आरोप लगाया कि उन्होंने अनैतिक व्यवहार किया। बैठक का बहिष्कार किया ताकि मोइत्रा के खिलाफ आरोपों से ध्यान भटकाया जा सके। महुआ मोइत्रा अपने ऊपर लगे आरोपों के सिलसिले में दूसरी बार समन किए जाने पर गुरुवार को एथिक्स कमेटी के सामने पेश हुई थीं। वहीं, मामले में भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ ने लोकसभा नैतिक समिति कार्यवाही के बारे में गलत विमर्श बनाने की कोशिश की।

विपक्षी सांसदों ने किया सवाल का विरोध
विपक्ष के अनुसार,समिति सदस्य प्रासंगिक और उचित प्रश्‍न नहीं पूछ रहे थे। उनसे पूछा कि वह किस दिन किसके साथ यात्रा करती हैं। इसका हमने विरोध किया। पूछताछ शुरू होते ही महुआ मोइत्रा को संसदीय आचार समिति की बैठक से विपक्षी सांसदों के साथ गुस्से में बाहर निकलते देखा गया। महुआ मोइत्रा ने नैतिक समिति को पत्र लिख शिकायतकर्ता सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत देहाद्राई और दुबई स्थित व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी से जिरह की मांग की थी।

महुआ ने पत्र में क्या लिखा?

उन्होंने कहा कि समिति को खुद को आचार समिति के अलावा कोई और नाम देना चाहिए क्योंकि इसमें कोई आचार और नैतिकता नहीं बची है। विषय से संबंधित प्रश्न पूछने के बजाय,अध्यक्ष ने दुर्भावनापूर्ण और स्पष्ट रूप से अपमानजनक तरीके से मुझसे सवाल पूछकर पहले से तय पूर्वाग्रह का प्रदर्शन किया। इस दौरान उपस्थित 11 सदस्यों में से पांच ने उनके शर्मनाक आचरण के विरोध में बहिर्गमन करते हुए कार्यवाही का बहिष्कार किया।

क्या बोले एथिक्स कमेटी चेयरमैन

तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा के संसद की एथिक्स कमेटी के साथ बैठक से बाहर निकलने के कुछ ही क्षण बाद पैनल के अध्यक्ष विनोद सोनकर ने कहा कि  एथिक्स कमेटी का उद्देश्य उनके खिलाफ आरोपों की जांच करना था। सहयोग के बजाय वह क्रोधित हो गईं और विपक्षी सांसदों उत्तम कुमार रेड्डी,दानिश अली व गिरधारी यादव के साथ मिलकर अध्यक्ष व समिति के खिलाफ असंसदीय शब्‍दों का इस्‍तेमाल करने लगीं। उन्‍होंने अनैतिक सवाल पूछने का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा कि महुआ दर्शन हीरानंदानी के आरोपों का सामना कर रही हैं। उन्‍हें जवाब देना चाहिए था,लेकिन उन्होंने मुद्दे को भटका दिया।

शिकायत करने वाले भाजपा सांसद ने क्या कहा?

गुरुवार के पूरे घटनाक्रम को लेकर भाजपा सांसद और शिकायतकर्ता निशिकांत दुबे ने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा ने लोकसभा की आचार समिति की कार्यवाही के बारे में गलत विमर्श बनाने की कोशिश की। दुबे ने कहा कि समिति कारोबारी दर्शन हीरानंदानी की तरफ से दायर हलफनामे पर मोइत्रा से पूछताछ करने को बाध्य है। विपक्ष इस तथ्य से परेशान है कि समिति का नेतृत्व एक ओबीसी सदस्य कर रहा है। वे इस तथ्य को पचा नहीं पा रहे हैं।  उनके और अन्य की तरफ से आचार समिति को उपलब्ध कराए गए सभी प्रमाणों के बाद ‘कोई ताकत’ मोइत्रा को नहीं बचा सकती।

क्या हैं महुआ पर आरोप?

टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा पर कारोबारी दर्शन हीरानंदानी के कहने पर पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने का आरोप है। मोइत्रा के खिलाफ भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने शिकायत दर्ज कराई थी। दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष को 15 अक्टूबर को लिखे एक पत्र में आरोप लगाया था कि मोइत्रा द्वारा लोकसभा में हाल के दिनों तक पूछे गये 61 प्रश्नों में से 50 प्रश्न अडाणी समूह पर केंद्रित थे। उन्होंने शिकायत में कहा है कि किसी समय मोइत्रा के करीबी रहे देहाद्रई ने मोइत्रा और कारोबारी दर्शन हीरानंदानी के बीच अडाणी समूह तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधने के लिए रिश्वत के लेनदेन के ऐसे साक्ष्य साझा किये हैं जिन्हें खारिज नहीं किया जा सकता। दुबे की शिकायत को लोकसभा अध्यक्ष ने आचार समिति के पास भेज दिया था।

मोइत्रा ने अस्वीकार किए सभी आरोप

इससे पहले TMC सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा था कि कोई भी आरोप लगा सकता है,लेकिन आरोपों को साबित करने की जिम्मेदारी हमेशा शिकायतकर्ता की होती है.मैंने संसद की नैतिक समिति को सौंपा शपथपत्र पढ़ा है। शपथपत्र में इस का कोई उल्लेख नहीं है कि मुझे 2 करोड़ रुपये नकद दिए गए थे.महुआ मोइत्रा ने भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के लगाए सभी आरोप भी सिरे से अस्वीकार कर दिये.

‘डेट बताएं कि कैश कब दिया गया’

महुआ ने कहा था कि अगर मुझे सवाल पूछने के बदले कैश दिया गया था तो प्लीज डेट भी मेंशन करें कि ये कब हुआ. सभी लिखित साक्ष्य भी दें.महुआ ने निशिकांत दुबे के इस आरोप के लिए भी उनकी आलोचना की कि कारोबारी दर्शन हीरानंदानी ने लोकसभा में प्रधानमंत्री मोदी और गौतम अडानी के खिलाफ सवाल उठाने को उन्हें कैश दिया था.

एथिक्स कमेटी के सामने पेश क्यों हुईं?

कैश फॉर क्वेरी मामले में TMC सांसद महुआ मोइत्रा को संसद को संसद की एथिक्स कमेटी ने 31 अक्टूबर को पेश होने के लिए समन भेजा था.एथिक्स कमेटी के अध्यक्ष विनोद सोनकर ने बताया कि समिति ने भाजपा सांसद निशिकांत दुबे औऱ वकील जय अनंत देहाद्रई को पूछताछ को बुलाया था. वे पेश हो चुके.दूसरी ओर महुआ मोइत्रा ने पेश होने को समय मांगा था।भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने मोइत्रा पर अडानी समूह और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाने को व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी की ओर से संसद में “सवाल पूछने को रिश्वत लेने” का आरोप लगाया था.

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