डॉ. सुखबीर सिंह संधू और ज्ञानेश कुमार नये निर्वाचन आयुक्त

Who are New Election Commissioners Gyanesh Kumar and Dr.Sukhbir Singh Sandhu
ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधू बने नए चुनाव आयुक्त, दोनों रिटायर्ड आईएएस को जानिए
Election Commissioners Appointed: केंद्र सरकार ने केंद्रीय निर्वाचन आयोग में निर्वाचन आयुक्त के दो खाली पद भर दिये हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में तीन सदस्यों की समिति ने ज्ञानेश कुमार और सुखबीरसिंह संधू को नया निर्वाचन आयुक्त नियुक्त किया है। दोनों भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) से रिटायर्ड हैं।
मुख्य बिंदु
प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई वाली समिति ने दो निर्वाचन आयुक्त नियुक्त किए
ज्ञानेश कुमार गुप्ता और सुखबीर सिंह संधू के नाम पर समिति ने लगाई मुहर
कुमार ने गृह मंत्री शाह के साथ काम किया है,संधू उत्तराखंड मुख्य सचिव थे
इलेक्शन कमिशन की टीम पूरी।

नई दिल्ली 14 मार्च 2024: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय समिति ने निर्वाचन आयोग में दो आयुक्तों के खाली पदों पर भर्ती के लिए दो नामों पर मुहर लगा दी। समिति ने ज्ञानेश कुमार गुप्ता और सुखबीर सिंह संधू को चुनाव आयुक्त नियुक्त किया है। ये दोनों रिटायर्ड आईएस हैं। दोनों अलग-अलग समय में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) से रिटायर्ड हुए हैं। निर्वाचन आयोग के दोनों आयुक्त के पद पहले अनूप चंद्र पाण्डेय के फरवरी में रिटायरमेंट और फिर हाल ही में अरुण गोयल के इस्तीफे से खाली हुए थे। आइए जानते हैं दोनों नए चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और सुखबीर संधू कौन हैं…

अमित शाह के साथ काम कर चुके हैं ज्ञानेश कुमार
ज्ञानेश कुमार केरल कैडर के रिटायर्ड आईएएस ऑफिसर हैं। वो केंद्रीय गृह मंत्रालय में कश्मीर डिविजन के उस वक्त इनचार्ज थे जब केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया था। मोदी सरकार ने 5 अगस्त, 2019 को आर्टिकल 370 खत्म किया था। 1988 बैच के आईएएस ज्ञानेश कुमार मई, 2022 में सहकारिता मंत्रालय के सचिव बनाए गए। उन्हें संसदीय कार्य मंत्रालय में सचिव पद से ट्रांसफर किया गया था। कुमार ने सहकारिता मंत्रालय में देवेंद्र कुमार सिंह को रिप्लेस किया था। सिंह भी केरल कैडर के ही आईएस थे जिन्हें राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का महासचिव बनाया गया था। ज्ञानेश कुमार की सर्विस रिटायरमेंट एज के बाद भी बरकरार रखी गई थी। वो 31 जनवरी, 2024 को रिटायर हुए। ध्यान रहे कि पहले गृह मंत्रालय और फिर सहकारिता मंत्रालय, दोनों मंत्रालयों के सचिव के तौर पर उन्होंने मंत्री अमित शाह के साथ ही काम किया। शाह इन दोनों मंत्रालयों के मंत्री हैं।
कौन हैं सुखबीर संधू, जानिए
सुखबीर संधू उत्तरांखड 1998 बैच के रिटायर्ड आईएएस ऑफिसर हैं। 2021 में पुष्कर सिंह धामी जब उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बनाए गए तब प्रदेश के मुख्य सचिव के पद पर सुखबीर संधू ही थे। उससे पहले संधू राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के चेयरमैन और मानव संसाधन मंत्रालय के उच्च शिक्षा विभाग में अडिशनल सेक्रेटरी की भूमिका में भी रहे। सुखबीर संधू ने अमृतसर के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस और गुरुनानक देव यूनिवर्सिटी से इतिहास में एम डिग्री हासिल की है। उनके पास कानून की डिग्री भी है। डॉक्टर संधू ने ‘अर्बन रिफॉर्म्स’ और ‘म्यूनिसिपल मैनेजमेंट एंड कपैसिटी बिल्डिंग’ पर रिसर्च पेपर्स भी लिखे हैं। लुधियाना नगर निगम के आयुक्त के तौर पर उनकी सेवाओं के लिए संधू को राष्ट्रपति मेडल से सम्मानित किया गया था।

राजीव कुमार हैं मुख्य चुनाव आयुक्त
दोनों चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के साथ केंद्रीय चुनाव आयोग की टीम पूरी हो गई है। निर्वाचन आयोग के मुखिया यानी देश के मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार हैं। उन्होंने 15 मई, 2022 को भारत के पांचवें मुख्य चुनाव आयुक्त का पद संभाला था। इससे पहले वो 1 सितंबर, 2020 को चुनाव आयुक्त बनाए गए थे। राजीव कुमार 1984 बैच के बिहार-झारखंड कैडर के आईएएस हैं। उन्होंने पब्लिक एंटरप्राइजेज सेलेक्शन बोर्ड के चेयरमैन, केंद्रीय वित्त मंत्रालय में सचिव, वित्तीय सेवाओं के सचिव और स्थापना अधिकारी के पद भी संभाले हैं।

जैसे ही फाइनल हुए दोनों चुनाव आयुक्त, खीझते हुए बाहर निकले अधीर
प्रधानमंत्री   नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली बैठक में ज्ञानेश कुमार और सुखबीर संधू को नया चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया है। समिति के सदस्य कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि वह मौजूदा चयन से खुश नहीं है। इस समिति में भारत के चीफ जस्टिस को भी होना चाहिए। लेकिन सरकार ने इसके खिलाफ कानून ही बना दिया है।

चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार, सुखबीर संधू

आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में इन दोनों नामों पर सहमति बन गई है। लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने भी इन नामों की जानकारी दी है। गौरतलब है कि चुनाव आयुक्त अरुण गोयल के इस्तीफे के बाद चुनाव आयुक्त का एक और पद खाली हो गया था जबकि एक स्थान पहले से ही खाली था।

अधीर रंजन असंतुष्ट

चुनाव आयुक्त चुनने वाली समिति की बैठक के बाद, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि उनके (सरकार) पास समिति में बहुमत है। पहले, उन्होंने मुझे 212 नाम दिए थे, लेकिन नियुक्ति से 10 मिनट पहले उन्होंने मुझे सिर्फ छह नाम दिए। मुझे पता है कि मुख्य न्यायाधीश (CJI) वहां नहीं है, सरकार ने ऐसा कानून बना दिया है कि CJI दखल नहीं दे सकता और केंद्र सरकार अपनी पसंद का नाम चुन सकती है। मैं यह नहीं कह रहा कि यह मनमाना है, लेकिन जो प्रक्रिया अपनाई जा रही है उसमें कुछ खामियां हैं।

 

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