प्राण प्रतिष्ठा मुकाबले भारत न्याय यात्रा,भारत जोड़ो से कितनी अलग?

Rahul Gandhi Led Bharat Nyay Yatra Congress Strategy Lok Sabha Election
कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा व भारत न्याय यात्रा में क्या है अंतर?
कांग्रेस को लगता है कि लोक चुनावों से पहले राहुल के नेतृत्व में इस यात्रा का लाभ राहुल गांधी की अपनी इमेज के अलावा,कांग्रेस पार्टी और कहीं न कहीं गठबंधन को भी होगा। लोगों से संपर्क व कनेक्ट का असर ताजा-ताजा रहेगा। विपक्ष इसमें जो जमीनी चुनावी मुद्दे उठाना चाहेगी,उसका प्रभाव व विपक्ष का नैरेटिव लोगों में पहुंचेगा।
नई दिल्ली छह जनवरी 2024: कांग्रेस ने जमीनी पकड़ मजबूत करने को अपनी भारत यात्रा के चरण 2 का बुधवार को ऐलान किया,वह भारत जोड़ो यात्रा का अगला चरण होने के बावजूद कई मायनों में उससे अलग है। यह अंतर यात्रा के स्वरूप से लेकर उसकी थीम तक में है। जहां पहले चरण में भारत जोड़ने की बात कही गई थी,वहीं दूसरे चरण में न्याय की बात कही गई है। अगर दोनों में अंतर उल्लेखनीय हैं। पहली यात्रा दक्षिण से उत्तर की ओर कन्याकुमारी से शुरू होकर कश्मीर में खत्म हुई थी। यह यात्रा पूरी तरह से पैदल यात्रा थी,जिसमें वह रोज 25 किलोमीटर दूरी नापते थे। साढ़े चार महीने की यात्रा में कांग्रेस नेतृत्व ने 3600 किलोमीटर दूरी नापी। यह यात्रा 12 राज्यों से होकर गुजरी। दूसरी ओर न्याय यात्रा पूरब के मणिपुर से शुरू होकर पश्चिम में मुंबई में खत्म होगी।
यह यात्रा हाइब्रिड मोड में ज्यादातर बसों व कुछ हिस्सों में पैदल होगी। 6600 किलोमीटर यात्रा दो महीने में पूरी होगी, जो 14 राज्यों व 85 जिलों से गुजरेगी। कांग्रेस का कहना था कि भारत जोड़ो यात्रा का मुख्य उद्देश्य देश में बढ़ती नफरत,डर और कट्टरता से लड़ाई थी। कांग्रेस ने इसे समाज तोड़ने व बांटने वाले कारक बता देश जोड़ने की बात कही थी। कांग्रेस का दावा है कि न्याय यात्रा से कांग्रेस देश में सामाजिक,आर्थिक व सामाजिक न्यायाधिकार की आवाज उठायेगी। इसमें देश के लोगों का आर्थिक,सामाजिक व राजनीतिक न्याय पर ध्यान केंद्रित होगा।
दरअसल कांग्रेस को लगता है कि मोदी सरकार में देश में आर्थिक,सामाजिक व राजनीतिक स्तर पर लोगों से न्याय नहीं हो रहा है। वहीं दूसरी ओर न्याय यात्रा नाम देकर कांग्रेस कहीं न कहीं 2019 चुनावों के अपने मूल नारे न्याय योजना को रेखांकित करना चाहती है,जिसमें उसने अपने चुनावी घोषणा पत्र में हर गरीब परिवार को हर साल 72 हजार रुपये देने का वादा किया था। हालांकि पार्टी को पिछली बार करारी हार का सामना करना पड़ा,लेकिन कांग्रेस को लगता है कि कांग्रेस अपनी उस योजना को ठीक तरह से समझा नहीं पाई।

भारत जोड़ो यात्रा कांग्रेस ने दो लोकसभा चुनावों के बीच कुछ राज्यों के असेंबली चुनावों के दृष्टिगत की थी, जबकि यह यात्रा लोकसभा चुनावों के दृष्टिगत हो रही है। भारत जोड़ो यात्रा का चुनावी असर कांग्रेस को मिला जुला रहा। जहां वह उसके बाद हिमाचल प्रदेश,कर्नाटक व तेलंगाना में अपनी सरकार बनाने में सफल रही तो वहीं राजस्थान व छत्तीसगढ़ जैसे दो मजबूत प्रदेशों से उसकी सत्ता जाती रही।
Impact Of Rahul Gandhi Bharat Jodo Yatra On Congress What Benefit Has The Party Gained Understand The Whole Equation
भारत जोड़ो यात्रा’ का स्‍ट्राइक रेट क्‍या है? राहुल के सड़क पर संघर्ष से कांग्रेस को हुआ कितना फायदा?
कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के बाद ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का कहना है कि ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ का मंच एनजीओ,पत्रकारों,किसान,छोटे व्यापारी,दलित-पिछड़े वर्ग, आदिवासियों और बौद्धिक वर्ग को जोड़ने का भी है। यह यात्रा केवल अपनी बात जनता तक पहुंचाने का नहीं बल्कि जनता की आवाज और उनकी समस्याओं को सुनने का भी मंच है।
मुख्य बिंदु
भारत जोड़ो यात्रा’ के बाद राहुल अब ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ करेंगें
बीते साल तीन विधानसभा चुनावों में नहीं दिखा था ‘भारत जोड़ो यात्रा’ का असर
कर्नाटक और तेलंगाना विधानसभा चुनाव में दिखा ‘भारत जोड़ो यात्रा’ का शानदार प्रभाव

कांग्रेस पार्टी लोकसभा चुनाव से पहले फिर से एक्शन मोड में है। ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के बाद अब कांग्रेस 14 जनवरी से ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ से जनता के बीच जाने की तैयारी में है। पार्टी का कहना है कि राहुल गांधी इस यात्रा से जनता के मुद्दों पर फोकस करेंगे। हालांकि इस बार यात्रा थोड़ी खास होगी,क्योंकि इस बार I.N.D.I. गठबंधन दलों के वरिष्ठ नेता भी यात्रा में शामिल हो सकते हैं। राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ 22 जनवरी को अयोध्या में राम लला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले शुरू हो रही है। जहां एक तरफ भाजपा राम मंदिर को लेकर लोकसभा चुनाव में जनता को रिझाने की कोशिश करेगी,वहीं कांग्रेस ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दूसरे एडिशन ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ से देश की जनता से सीधे साक्षात की योजना पर काम कर रही हैं। लेकिन यहां समझना बेहद जरूरी है कि कांग्रेस को अब तक राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ से कितना चुनावी फायदा हुआ है।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व वाली ‘भारत जोड़ो यात्रा’ ने पार्टी कार्यकर्ताओं और संगठन में नई उर्जा का संचार किया,हालांकि इसका चुनावी असर अब तक मिला-जुला ही रहा है। यात्रा बाद हुए कर्नाटक और तेलंगाना विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को सफलता मिली तो वहीं मध्य प्रदेश और राजस्थान में हार का सामना करना पड़ा। यह यात्रा इन चारों राज्यों से होकर गुजरी थी। कांग्रेस छत्तीसगढ़ भी हार गई,लेकिन यात्रा इस राज्य से होकर नहीं गुजरी थी।

कर्नाटक में कांग्रेस को मिली बड़ी जीत

कांग्रेस ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव में पार्टी की सफलता का एक बड़ा श्रेय ‘भारत जोड़ो यात्रा’ को दिया था। ‘भारत जोड़ो यात्रा’ जिन 20 विधानसभा क्षेत्रों से गुजरी थी,उनमें से 15 में कांग्रेस जीती थी। हालांकि यात्रा कई दिनों तक मध्य प्रदेश और राजस्थान में रही थी,लेकिन इसका चुनावी असर ज्यादा नहीं हुआ। पूर्व कांग्रेस नेता और राजनीतिक टिप्पणीकार संजय झा ने कहा कि ‘भारत जोड़ो यात्रा’ कांग्रेस और राहुल गांधी दोनों के लिए ‘परिवर्तनकारी’ रही है। उन्होंने कहा, ‘इस यात्रा ने कार्यकर्ताओं और समर्थकों को प्रेरित करने में मदद की।
यात्रा से राहुल की बनी अलग इमेज
राजनीति जानकारों का मानना है कि राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ का भले ही कांग्रेस को हिंदी बेल्ट के चुनावों में फायदा ना मिला हो, लेकिन इस यात्रा से देश के आगे राहुल गांधी की एक अलग छवि बनी। किसी छोटी बच्ची को गोद में लेकर चलने या किसी बूढ़ी महिला को गले लगाने या यात्रा में बीच सड़क अपनी मां के जूते का लैस बांधने का दृश्य , हर मौके पर राहुल ने जनमानस में अपनी अलग इमेज बनाई। यात्रा में कई लोगों ने राहुल गांधी से गले लगकर अपना दुख दर्द भी बांटा। यात्रा के समय राहुल की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल रहती थीं।

14 जनवरी से शुरू होगी राहुल की दूसरी यात्रा

दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में शनिवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ का लोगो लॉन्च करते बताया कि राहुल गांधी के नेतृत्व में हम 14 जनवरी से ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ शुरू कर रहे हैं। यात्रा से जुड़ने को इंडिया गठबंधन के नेताओं, कांग्रेस के मित्र दलों और सिविल सोसाइटी को भी आमंत्रित किया गया है। ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ पर राहुल गांधी का कहना है, ‘हम फिर आ रहे हैं अपनों के बीच,अन्याय और अहंकार के विरुद्ध ‘न्याय की ललकार’ लेकर। सत्य के इस पथ पर मेरी शपथ है, यात्रा जारी रहेगी, न्याय का हक़, मिलने तक।’

मणिपुर से मुंबई तक, ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि 14 जनवरी से मणिपुर से मुंबई तक ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के दौरान ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के माध्यम से हम जनता से जुड़े विषयों पर बात करेंगे। उन्होंने कहा कि ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’, देशवासियों को आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक न्याय दिलाने की ओर हमारा एक मजबूत कदम है। ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ देश के सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और मौलिक विषयों को लेकर निकाली जा रही है।कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि जब हमने संसद में देश से जुड़े मुद्दे उठाने की कोशिश की तो सरकार ने हमें बोलने नहीं दिया। देश के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है,जब 146 सांसदों निलंबित कर दिये गये। इसलिए, हम ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ से लोगों के बीच जा रहे हैं ताकि हम अपनी बात उनसे कह सकें और समाज के हर वर्ग से मिलकर उनकी बात सुन सकें। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि इस बार न्याय होकर रहेगा,हर कमज़ोर को हक़ मिल के रहेगा। बराबरी का हक,रोज़गार का हक,सम्मान का हक। उन्होंने कहा कि हम महंगाई,बेरोजगारी,किसानों के विषय,मजदूरों की बुरी हालत, अमीर-गरीब में बढ़ती खाई और जातिगत जनगणना से जुड़े मुद्दों पर जन जागरण करेंगे।

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