‘नहीं कब्जानी छह फीट जमीन मरने के बाद’, पादरी का अंतिम संस्कार विद्युत शवदाह गृह में

Indore Father Varghese Alengadan Cremated According To Hindu Religion In Indore And Fulfill His Last Wish

‘हमें छह फीट जमीन पर कब्जा नहीं करना’… और हिंदू धर्म के अनुसार फादर वर्गीस का हुआ अंतिम संस्कार

इंदौर 28 मार्च। इंदौर में फादर वर्गीस आलेंगाडन को निधन के बाद दफनाया नहीं गया है। उनका अंतिम संस्कार विद्युत शवदाह गृह में किया गया है। उन्होंने निधन से पहले अपने लोगों से कहा था कि मुझे दफनाना नहीं।

इंदौर में यूनिवर्सल सॉलिडेटरी मूवमेंट के फाउंडर फादर वर्गीस आलेंगाडन का 71 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। वह एक महीने से बीमार चल रहे थे। मंगलवार की शाम उनका अंतिम संस्कार रामबाग मुक्तिधाम में हुई है। उनका संस्कार ईसाई नहीं, हिंदू धर्म के अनुसार हुआ है। फादर वर्गीस को ईसाई विधि-विधान के तहत न दफनाने का फैसला लेते हुए यह निर्णय लिया गया। उनका अंतिम संस्कार विद्युत शव दाह गृह में किया जाए। शहर में संभवत: यह पहला मौका है, जब ईसाई समाज के फादर का इस तरीके से अंतिम संस्कार हुआ है।


फादर वर्गीस ने खुद लिया था निर्णय

निधन के बाद पार्थिव शरीर को दफनाना नहीं है, इसका निर्णय खुद वर्गीस ने ही लिया था। उन्होंने जीते जी अपने साथ रहने वाले लोगों से कहा था कि सभी को धरती मां का आदर करना चाहिए। इसलिए मरने के बाद भी उन्हें छह फीट जमीन पर कब्जा नहीं करना हैं। वह नहीं चाहते थे कि उनके अंतिम संस्कार में लकड़ियां भी खर्च हो।

विद्युत शवदाह गृह में अंतिम संस्कार

फादर वर्गीस की इच्छनुसार ही विद्युत शवदाह गृह में अंतिम संस्कार करने का निर्णय लिया गया। हालांकि उनके इस निर्णय को सभी ने बिना किसी धार्मिक बंधन के स्वीकार भी किया। फादर वर्गीस बीते 30 वर्षो से भी अधिक समय से इंदौर में काम कर रहे थे। वह विश्व बंधुत्व आंदोलन के तहत कार्य कर रहे थे। वह कैथोलिक प्रीस्ट थे, उनके पास उनकी स्वयं की कोई भूमि नहीं थी। उनके निजी बैंक खाते में कोई राशि शेष नहीं थी।

धरती का आदर करना चाहिए

उनका मानना था कि धरती का आदर करना चाहिए। उसके संसाधनों की सुरक्षा करना मनुष्य का प्राथमिक कर्तव्य है। यही सोच उनकी लकड़ी को लेकर रही, जिसके चलते लकड़ी से उनका दाह संस्कार भी नहीं किया गया है। मंगलवार की शाम पांच बजे रामबाग मुक्तिधाम के विद्युत शवदाह गृह में अंतिम संस्कार किया गया है।

रेड चर्च में अंतिम दर्शन के लिए रखा गया था शव

इससे पहले फादर वर्गीस का शव रेड चर्च में अंतिम दर्शन के लिए रखा गया था। यहां ईसाई धर्म की प्रार्थना के बाद सर्व धर्म प्रार्थना करने का निर्णय लिया गया। इंदौर में यह पहला मौका है, ईसाई धर्म में किसी की मृत्यु के बाद सर्व धर्म प्रार्थना सभा का आयोजन हुआ है।

अंगदान संभव नहीं हो सका

वहीं, फादर वर्गीस ने अंगदान की बात भी कही थी। डॉक्टरों ने कहा था कि उनकी एक आंख खराब हो चुकी है। बाइपास के बाद उन्हें कई तरह के इंफेक्शन था। निधन के बाद उनका अंगदान संभव नहीं हो सका। वे अपने जीवन का बहुत मूल्यांकन करते थे। वे दूसरे धर्म की किताबों का अध्ययन और अलग-अलग क्षेत्रों के महान लोगों को फॉलो करते थे।

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