कोरोना से अनाथ हुए बच्चों के 18 साल में पीएम केयर्स से मासिक भत्ता,23वें साल में 10 लाख फंड

कोविड से अनाथ हुए बच्चों की सहायता करेगी मोदी सरकार, पीएम केयर्स से दिया जाएगा मासिक भत्ता और 10 लाख रुपए
देश में जिन बच्चों ने कोरोना के चलते अपने माता और पिता दोनो को खो दिया है उन्हे पीएम केयर्स फंड की ओर से मदद दी जाएगी। इन बच्चों को 18 साल की उम्र में मासिक भत्ता और 23 साल की उम्र में पीएम केयर्स से 10 लाख रुपए का फंड दिया जाएगा।
कोविड से अनाथ हुए बच्चों की सहायता करेगी मोदी सरकार, पीएम केयर्स से दिया जाएगा मासिक भत्ता और 10 लाख रुपए
नई दिल्ली 28 मई। कोरोना संकट में अपने माता-पिता को खो देने वाले बच्चों की सहायता के लिए केंद्र सरकार ने नई मुहिम शुरू की है। कोविड प्रभावित बच्चों के सशक्तिकरण लिए पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन- इम्पॉवरमेंट शुरू किया गया है। सरकार उन बच्चों के साथ खड़ी है जिन्होंने कोविड के कारण अपने माता-पिता को खो दिया है। देश में जिन बच्चों ने कोरोना के चलते अपने माता और पिता दोनो को खो दिया है उन्हे पीएम केयर्स फंड की ओर से मदद दी जाएगी। इन बच्चों को 18 साल की उम्र में मासिक भत्ता और 23 साल की उम्र में पीएम केयर्स से 10 लाख रुपए का फंड दिया जाएगा।

पीएम केयर्स (PM CARES) फंड से ऐसे बच्चों को 18 साल की उम्र में मासिक वजीफा मिलेगा वहीं 23 साल की उम्र होने पर 10 लाख रुपए का फंड दिया जाएगा। साथ ही कोविड के कारण अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों के लिए नि:शुल्क शिक्षा सुनिश्चित की जाएगी। सरकार ऐसे बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए शिक्षा ऋण प्राप्त करने में सहायता देगी और PM CARES द्वारा ऋण पर ब्याज का भुगतान करेगी।

पीएम मोदी ने कहा कि बच्चे देश के भविष्य का प्रतिनिधित्व करते हैं और हम बच्चों के समर्थन और सुरक्षा के लिए सब कुछ करेंगे। एक समाज के रूप में यह हमारा कर्तव्य है कि हम अपने बच्चों की देखभाल करें और एक उज्ज्वल भविष्य की आशा करें। पीएमओ के मुताबिक, सरकार कोविड-19 के कारण अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों के लिए निशुल्क शिक्षा सुनिश्चित करेगी। कोविड-19 के कारण अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों को 18 वर्ष की उम्र के बाद मासिक भत्ता (स्टाइपेंड) मिलेगा, 23 साल के होने पर पीएम केयर्स फंड से दस लाख रुपये की निधि मिलेगी।

साथ ही सरकार कोविड-19 के कारण अपने अभिभावकों को खोने वाले बच्चों को उच्च शिक्षा ऋण के लिए सहायता देगी। कोविड-19 के कारण माता-पिता को खोने वाले बच्चों को 18 वर्ष की उम्र तक पांच लाख रुपये का मुफ्त स्वास्थ्य बीमा मिलेगा, प्रीमियम का भुगतान पीएम केयर्स फंड से किया जायेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बच्चे भारत के भविष्य का प्रतिनिधित्व करते हैं; हम उनका समर्थन करने, उनकी रक्षा करने के लिए सब कुछ करेंगे।

मोदी सरकार के सात साल पूरा होने के मौके पर केंद्र ने की घोषणा

केंद्र सरकार ने कोरोना से माता-पिता खोने वाले बच्चों के लिए बड़ा एलान किया है। ऐसे बच्चों को मुफ्त शिक्षा और इलाज की सुविधा मिलेगी। 18 वर्ष का होने पर मासिक आर्थिक सहायता (स्टाइपेंड) और 23 वर्ष का होने पर दस लाख रुपये की आर्थिक मदद मिलेगी। मोदी सरकार के सात साल पूरे होने के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना के कारण अनाथ हुए बच्चों के लिए कल्याणकारी योजनाओं की घोषणा की।

‘पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रेन’ स्‍कीम में यह मदद की जाएगी। शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना के कारण अनाथ हुए बच्चों को लेकर एक अहम बैठक की। इसमें पीएम केयर फंड से ऐसे बच्चों के भविष्य को संवारने का निर्णय लिया गया है।

प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने इसे लेकर एक बयान जारी किया। इसमें कहा गया कि इस तरह के बच्चों के नाम पर टर्म डिपॉजिट स्‍कीम शुरू की जाएगी। पीएम केयर्स फंड से एक विशेष स्‍कीम से इसमें योगदान दिया जाएगा ताकि 18 वर्ष की आयु पूरी करने पर प्रत्येक के लिए 10 लाख रुपये का फंड बनाया जा सके।

इस तरह की कठिन परिस्थिति में समाज के तौर पर हमारा कर्तव्य है कि अपने बच्चों की देखभाल करें और उज्ज्वल भविष्य के लिए उनमें उम्मीद जगाएं। ऐसे सभी बच्चे जिनके माता-पिता की कोविड-19 के कारण मौत हो गई है, उन्हें ‘पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रेन’ योजना में सहयोग दिया जाएगा।
नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री

क्‍या है उद्देश्‍य?

इस फंड का इस्तेमाल 18 वर्ष के बाद अगले पांच वर्षों तक उन्हें मासिक वित्तीय सहयोग (स्‍टाइपेंड) देने में किया जाएगा। इससे उच्च शिक्षा के वर्षों में वे अपनी निजी जरूरतों को पूरा कर सकेंगे। 23 वर्ष की उम्र में निजी और पेशेवर इस्तेमाल के लिए उन्हें एक निश्चित धन राशि दी जाएगी।

इन योजनाओं की घोषणा करते हुए पीएम ने कहा कि बच्चे देश का भविष्य हैं। उनकी मदद करने के लिए सरकार हरसंभव कोशिश करेगी। सरकार चाहती है कि वे मजबूत नागरिक बनें और उनका भविष्य उज्ज्वल हो।

केंद्रीय विद्यालयों में होगा नामांकन

उनकी शिक्षा के लिए किए गए उपायों के बारे में पीएमओ ने कहा कि दस वर्ष से कम उम्र के बच्चों का नजदीकी केंद्रीय विद्यालय या निजी स्कूल में नामांकन कराया जाएगा। जो बच्चे 11 से 18 वर्ष के बीच के हैं, उन्हें सैनिक स्कूल और नवोदय विद्यालय जैसे केंद्र सरकार के किसी भी आवासीय स्कूल में नामांकित कराया जाएगा। अगर बच्चा अपने अभिभावक या परिवार के किसी अन्य सदस्य के साथ रहता है तो उसे नजदीकी केंद्रीय विद्यालय या निजी स्कूल में नामांकित कराया जाएगा।
अगर बच्चे का नामांकन निजी स्कूल में किया जाता है तो शिक्षा का अधिकार कानून में उसका शुल्क पीएम केयर्स फंड से दिया जाएगा। उसके स्कूल यूनिफॉर्म, किताब और कॉपियों के खर्च का भी भुगतान किया जाएगा।

उच्‍च शिक्षा के लिए ब्‍याज मुक्‍त एजुकेशन लोन

स्नातक और पेशेवर पाठ्यक्रमों के लिए विकल्प के तौर पर ट्यूशन फी या पाठ्यक्रम शुल्क के बराबर राशि केंद्र या राज्य सरकार की योजनाओं में दी जाएगी। जो बच्चे वर्तमान स्कॉलरशिप योजना में पात्र नहीं हैं, उन्हें पीएम केयर्स से समान छात्रवृत्ति मुहैया कराई जाएगी।

हेल्‍थ इंश्‍योरेंस की सुविधा

ऐसे सभी बच्चों को आयुष्मान भारत योजना या प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तौर पर लाभार्थी के रूप में नामांकित किया जाएगा। इसमें उन्हें पांच लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा मिलेगा। 18 वर्ष की उम्र तक इन बच्चों के लिए प्रीमियम की राशि पीएम केयर्स से दी जाएगी।

महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों की एक अप्रैल से 25 मई के बीच की रिपोर्ट का हवाला देते हुए इस हफ्ते बताया था कि देशभर में करीब 577 बच्चे कोविड-19 के कारण अनाथ हुए हैं।

तमाम राज्यों ने भी योजना का किया है ऐलान

इससे पहले कोविड से अनाथ हुए बच्चों के लिए कई राज्य सरकार भी योजनाओं का ऐलान कर चुकी हैं। मध्य प्रदेश,उत्तर प्रदेश,दिल्ली सहित कुछ राज्यों ने इसकी घोषणा की थी। साथ ही बीजेपी प्रेसीडेंट जेपी नड्डा ने सभी बीजेपी शासित राज्यों के सीएम को चिट्ठी लिखकर अनाथ बच्चों के लिए योजना शुरू करने के कहा था।

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