कांग्रेस ने अजय कोठियाल को बताया झूठा, कारगिल युद्ध में थे ही नहीं

देहरादून 19 अगस्त। आम आदमी पार्टी के प्रमुख , अधल्ले राज्य दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया तो पूर्व कर्नल अजय कोठियाल को अपनी पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री पद का  दावेदार घोषित कर गए लेकिन उसके बाद से उन पर चौतरफा हमले हुए तो अविचलित अजय कोठियाल ने आत्मसमर्पण सा करते हुए बयान दिया कि मैंने कारगिल युद्ध में गोलियां खाई और अब उत्तराखंड के विकास को जनता की गालियां खाने को तैयार हूं। असल में कोठियाल की आलोचना केजरीवाल के दिल्ली मॉडल, मुस्लिम साम्प्रदायिकता को प्रश्रय देने, अराजकता,समय समय पर सेना पर सवाल उठाने और अवसरवादिता ,काम से ज्यादा विज्ञापनों को लेकर होती रही है।

उत्तराखंड में पार्टी प्रवक्ता उमा सिसोदिया के उत्तराखंड की जनता के लिए अपमानजनक टिप्पणी और उस हुईं प्रतिक्रिया से बचने को भाजपा पैनलिस्ट प्रभाकर उनियाल के वीडियो से छेड़छाड़ भी विवादों के केंद्र में है जिसमें अजय कोठियाल बराबर के हिस्सेदार हैं।

बहरहाल, अब ताजा विवाद कर्नल कोठियाल के कारगिल युद्ध में हिस्सेदारी को लेकर है जिसे आम आदमी पार्टी उनकी पहली यूएसपी के रूप में प्रचारित किया जा रहा है। कहा जा रहा है कि कोठियाल को कारगिल युद्ध में चार गोलियां लगी जिनमें से दो अभी भी उनके शरीर में है। यानि कोठियाल जिंदा शहीद हैं। लेकिन कांग्रेस पूर्व सैनिक विभाग के प्रदेशाध्यक्ष कैप्टन बलबीर सिंह रावत ने इस दावे को सफेद झूठ बताया है और कहा है कि कर्नल कोठियाल कारगिल युद्ध के समय मेजर थे।वे तब कारगिल युद्ध क्षेत्र से बहुत दूर लखनऊ में थे।

सोशल मीडिया पर कांग्रेस का बयान

आम आदमी पार्टी झूठा प्रचार कर के प्रदेशवासियों को गुमराह कर रही है ? ( कैप्टन बलबीर सिंह  रावत )
आम आदमी पार्टी जनाब कर्नल कोठियाल जी को कारगिल की जंग में शिरकत करने को लेकर गलत प्रचार करके प्रदेश के पूर्व सैनिकों और सीधे-साधे पर्वत वासियों को गुमराह कर रही है कहा जा रहा है कि करगिल की जंग में कर्नल कोठियाल के शरीर पर 4 गोलियां लगी हैं जिनमें से 2 गोलियां अभी तक उनके शरीर में है जवकि सच्चाई यह है कि कर्नल कोठियाल ने करगिल की जंग में शिरकत की ही नहीं है क्योंकि तब (मेजर ) कोठियाल की बटालियन चौथी गढ़वाल राइफल वर्ष 1999 में लखनऊ में सेंट्रल कमांड के अधीन कार्यरत थी हंसी इस बात की है कि उन पर गोलियां कहां से लगी जबकि उन्होंने जंग में शिरकत की ही नहीं है आम आदमी पार्टी क्यों यह ड्रामा रच रही है केवल .वोट के लालच में इस तरह गलत तरीके से सैनिक बाहुल्य प्रदेश के पूर्व सैनिकों को कम से कम गुमराह करने की कोशिश न करे!
दूसरा प्रमुख विषय यह है कि बाबा केदारनाथ में वर्ष 2013 में जल प्रलय के बाद जो भी निर्माण कार्य हुए हैं उनका श्रेय किसी एक व्यक्ति विशेष को नहीं बल्कि बहादुर भारतीय सेना की इंजीनियर कोर की चौथी इंडिपेंडेंट फील्ड इंजीनियरिंग कंपनी को दिया जाना चाहिए इसलिए बाबा केदारनाथ में जो भी निर्माण कार्य हुए हैं उसका श्रेय हर हालत मेंभारतीय सेना की इंजीनियर रेजीमेंट के वहादुर जवानों को मिलना चाहिए न कि व्यक्ति विशेष को ?
. ( जय हो बाबा केदार की )

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