धामी सख्त: परिवहन निगम डीजीएम की विजीलेंस जांच आदेश, चार और पर मुकदमें

भ्रष्टाचार पर सख्त मुख्यमंत्री पुष्‍कर सिंह धामी, परिवहन निगम के डीजीएम के विरुद्ध विजलेंस जांच के आदेश
परिवहन निगम के उप महाप्रबंधक वित्त भूपेंद्र कुमार के विरुद्ध मिली वित्तीय अनियमितता एवं अन्य शिकायतों को मुख्यमंत्री ने गंभीरता से लिया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भ्रष्टाचार पर एक बार फिर सख्त रुख अपनाया। उन्होंने परिवहन निगम के उप महाप्रबंधक वित्त भूपेंद्र कुमार के विरुद्ध पद के दुरुपयोग भ्रष्टाचार में लिप्तता की गंभीर शिकायत पर खुली विजलेंस जांच के आदेश दिए।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भ्रष्टाचार पर एक बार फिर सख्त रुख अपनाया।

देहरादून 24 जून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भ्रष्टाचार पर एक बार फिर सख्त रुख अपनाया। उन्होंने परिवहन निगम के उप महाप्रबंधक वित्त भूपेंद्र कुमार के विरुद्ध पद के दुरुपयोग, भ्रष्टाचार में लिप्तता की गंभीर शिकायत पर खुली विजलेंस जांच के आदेश दिए। आय से अधिक संपत्ति और भ्रष्टाचार के मामलों में उन्होंने अन्य चार व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा चलाने के निर्देश भी दिए हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक बार फिर स्पष्ट किया कि भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेंस नीति से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। राज्य निगम कर्मचारी अधिकारी महासंघ उत्तराखंड के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश गोसाईं ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर भूपेंद्र कुमार के खिलाफ भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाते हुए विजिलेंस जांच की मांग की थी। पत्र में उन्होंने आरोप लगाया कि उप महाप्रबंधक ने अनुबंधित वाहन स्वामियों से मिलीभगत कर धनराशि अपने पारिवारिक सदस्यों के बैंक खातों में जमा कराई।

 

परिवहन निगम के उप महाप्रबंधक वित्त भूपेंद्र कुमार के विरुद्ध मिली वित्तीय अनियमितता एवं अन्य शिकायतों को मुख्यमंत्री ने गंभीरता से लिया। उन्होंने इस मामले में खुली विजलेंस जांच के आदेश दिए। मुख्यमंत्री ने मौजा जाखन कोचर कालोनी, पश्चिम आफिसर्स कालोनी राजपुर रोड पर गलत तरीके से जमीनों पर अवैध कब्जा करने के मामले में दोषियों सेवानिवृत्त लेखपाल कुशाल सिंह राणा व राजेंद्र डबराल के विरुद्ध मुकदमा चलाने की अनुमति दी।

करोड़ों की सरकारी जमीन बेचने का मामला, सतपाल कोचर सहित चार के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल; अधिकारी थे शामिल

कोचर दंपती ने करीब 25 वर्ष पहले जाखन में काश्तकारों से करीब 30 बीघा जमीन खरीदी और प्लाटिंग कर कोचर कालोनी बनाई। शासन के आदेश पर विजिलेंस ने आरोपित सतपाल कोचर और उनकी पत्नी कृष्णा कोचर सहित अज्ञात तत्कालीन राजस्व विभाग नगर निगम एमडीडीए में अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ 30 जून 2022 को मुकदमा दर्ज किया था।

कुछ दिन पूर्व विजिलेंस ने आरोपपत्र अभियोजन स्वीकृति के लिए शासन को भेजा था।

जाखन में कोचर कालोनी से लगी करोड़ों की सरकारी जमीन बेचने के मामले में विजिलेंस ने होटल मधुबन के प्रबंध निदेशक सतपाल कोचर, उसकी पत्नी कृष्णा कोचर, सेवानिवृत्त लेखपाल तहसील सदर खुशाल सिंह राणा और सेवानिवृत्त लेखपाल एमडीडीए राजेंद्र डबराल के विरुद्ध आरोपपत्र विजिलेंस कोर्ट में दाखिल कर दिया है। कुछ दिन पूर्व विजिलेंस ने आरोपपत्र अभियोजन स्वीकृति के लिए शासन को भेजा था।

अभियोजन स्वीकृति के बाद शनिवार को आरोपपत्र कोर्ट में दाखिल किया गया। शासन के आदेश पर विजिलेंस ने आरोपित सतपाल कोचर और उनकी पत्नी कृष्णा कोचर सहित अज्ञात तत्कालीन राजस्व विभाग, नगर निगम, एमडीडीए में अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ 30 जून 2022 को मुकदमा दर्ज किया था। विवेचना में सामने आया कि कोचर दंपती ने करीब 25 वर्ष पहले जाखन में काश्तकारों से करीब 30 बीघा जमीन खरीदी और प्लाटिंग कर कोचर कालोनी बनाई।

दंपती ने प्लाट तो बेच दिए, लेकिन प्लाटिंग के वक्त जो रास्ता बनाया था, वह दंपती के नाम पर ही रहा। इसके बाद में कोचर दंपती ने रास्ते वाली जमीन को भी अलग-अलग व्यक्तियों को बेच दिया। इन व्यक्तियों को दंपती ने रास्ते की जमीन के बजाय आसपास की करीब साढ़े 11 बीघा सरकारी जमीन पर कब्जा दे दिया। इस भूमि पर 18 भवन बने हैं, जिनके भू-स्वामियों के पास बैनामे सतपाल कोचर व कृष्णा कोचर के नाम राजस्व अभिलेखों में दर्ज भूमि से संबंधित पाए गए।

इस तरह आरोपितों ने तत्कालीन राजस्व, नगर निगम और एमडीडीए के कर्मियों के साथ साठगांठ कर सरकारी जमीन बेचकर करोड़ों रुपये कमाए। तत्कालीन लेखपाल खुशाल सिंह राणा और और राजेंद्र डबराल ने जमीन का दाखिल खारिज किया था। मुख्यमंत्री के आदेश पर हुई जांच तो खुली परतें अवैध कब्जे का यह मामला करीब 25 साल पुराना बताया जा रहा है, लेकिन इसकी परतें तब खुली जब बीते दिनों यह मामला मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और मुख्य सचिव डाक्टर एसएस संधु के संज्ञान में आया। सरकार ने मामले की जांच जिला प्रशासन को दी। परगनाधिकारी ने जांच की और जून में पूरी रिपोर्ट सरकार को भेजी। इसमें होटल व्यवसायी सतपाल कोचर और उनकी पत्नी कृष्णा को सरकारी अधिकारियों के साथ मिलकर भूमि पर अवैध कब्जा कराने का आरोपित बताया गया।

इसी प्रकार हरिद्वार जिले की तहसील लक्सर में लेखपाल महिपाल सिंह पर जमीन की सही रिपोर्ट लगाने के एवज में रिश्वत मांगने के मामले में अब मुकदमा चलाया जाएगा। गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पंतनगर के वरिष्ठ भंडारक रजनीश कुमार पांडे के विरुद्ध आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में भी मुख्यमंत्री ने मुकदमा चलाने के आदेश दिए हैं।

उत्तराखंड को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के लक्ष्य पर सरकार आगे बढ़ेगी। सतर्कता विभाग को घूसखोरी व कदाचार पर अंकुश लगाने के साथ ही भ्रष्ट कार्मिकों को चिह्नित कर उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।

-पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री उत्तराखंड

 

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