चित्रकूट जेल शूटआउट: दुर्दांत मुकीम काला व मेराज को गोलियों से उड़ा अंशुल दीक्षित बना पुलिस का शिकार

UP की जेल में शूटआउट:चित्रकूट जेल में कैदियों के बीच चली गोली, मुख्तार गैंग के मेराज समेत दो बदमाशों की हत्या; एनकाउंटर में गैंगस्टर अंशु दीक्षित भी मारा गया
वेस्ट UP के गैंगस्टर मुकीम काला ने 10 करोड़ की डकैती डाली थी,एके-47 भी रखता था,एक लाख का इनाम भी था
अंशु पहले मुख्तार अंसारी का शार्प शूटर था, 2013 में उसने MP और UP STF पर भी गोली चलाई थी

चित्रकूट 14 मई। उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जेल में शुक्रवार को कैदियों के बीच गोली चल गई। इसमें वेस्ट UP के गैंगस्टर अंशु दीक्षित ने मुख्तार अंसारी के खास गुर्गे मेराज और बदमाश मुकीम काला की गोली मारकर हत्या कर दी। मेराज बनारस जेल से भेजा गया था, जबकि मुकीम काला सहारनपुर जेल से लाया गया था।

घटना की सूचना पर पुलिस फोर्स भी मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने अंशु दीक्षित को सरेंडर करने के लिए कहा, लेकिन वह लगातार फायरिंग करता रहा। बाद में पुलिस की जवाबी कार्रवाई में अंशु भी मारा गया।

वहीं, घटना की जांच के लिए प्रभारी उप महानिरीक्षक कारागार इलाहाबाद रेंज पीएन पांडे रवाना हो चुके हैं। जेल में तलाशी कराई जा रही है। जिलाधिकारी और SP मौके पर मौजूद हैं। फिलहाल जेल में स्थिति नियंत्रण में है।

CM योगी ने 6 घंटे में मांगी रिपोर्ट

CM योगी आदित्यनाथ ने चित्रकूट जेल में हुए शूटआउट के मामले में DG जेल से रिपोर्ट मांगी है। योगी ने कहा कि अगले 6 घंटे में कमिश्नर डीके सिंह, DIG के सत्यनारायण और ADG जेल संजीव त्रिपाठी मामले की जांच कर पूरी रिपोर्ट दें।

अंशु 3 अन्य कैदियों को भी मारने की धमकी दे रहा था
सूत्रों के अनुसार, वेस्ट UP के कुख्यात बदमाश अंशु दीक्षित ने सुबह की परेड के बाद अपने साथ बंद मेराज अहमद और मुकीम काला पर ताबड़तोड़ गोलियां चला दीं। हमले में दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। इसके बाद अंशु जेल के भीतर ताबड़तोड़ फायरिंग करने लगा।

अंशु 5 अन्य बंदियों को भी मारने की धमकी दे रहा था। करीब आधे घंटे तक जेल कर्मी खौफ में उसके करीब नहीं गए। बाद में पुलिस आने पर उसकी घेराबंदी करके एनकाउंटर हुआ। ये भी बताया जा रहा है कि अंशु दीक्षित ने मुकीम, मेराज के अलावा तीन अन्य कैदियों पर भी हमला किया था।

चित्रकूट जेल में कैदियों के बीच फायरिंग होने पर पुलिस फोर्स ने जेल को घेर लिया।

सुबह साढ़े नौ बजे नाश्ते के साथ अंशु तक पहुंचाई गई पिस्टल

शूटआउट में अब जेल प्रशासन की भूमिका संदिग्ध नजर आने लगी है। जांच की सुई भी जेल कर्मियों की तरफ घूम गई है, लेकिन वारदात कैसे हुई? कोई अफसर इस पर बात करने को तैयार नहीं है। जेल सूत्राें के मुताबिक सुबह 9:30 बजे जेल के आदर्श कैदी सभी बैरकों में जाकर नाश्ता बांट रहे थे।

इसके थोड़ी देर पहले ही कैदियों की गिनती खत्म हुई थी और ज्यादातर कैदी बैरक से बाहर मैदान में थे। इसी दौरान बाल्टी में कच्चा चना और गुड़ लेकर दो कैदी अंशु की बैरक में दाखिल हुए। वह चना देकर जैसे लौटे अंशु ने पिस्टल से ताबड़तोड़ फायरिंग कर मेराज और मुकीम की हत्या कर दी। इससे साफ होता है कि नाश्ते के साथ ही पिस्टल भी अंशु तक पहुंचाई गई थी।


10 करोड़ की डकैती डालने वाला एके 47 धारी बदमाश मुकीम काला

काला के खिलाफ 61 से अधिक आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं
गैंगवार में मारा गया मुकीम काला वेस्ट UP का कुख्यात गैंगस्टर था। उस पर एक लाख रुपए का इनाम भी रखा जा चुका था। सपा सरकार में मुकीम काला का आतंक इतना था कि UP, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान पुलिस को उसकी तलाश में थी। सहारनपुर में तनिष्क शोरूम में इंस्पेक्टर की वर्दी में 10 करोड़ की डकैती डालने वाले मुकीम से पुलिस ने गिरफ्तारी के दौरान एके-47 भी बरामद की थी।
मुकीम काला शामली जिले के कैराना थाना क्षेत्र के जहानपुरा गांव का रहने वाला था। उस पर शामली,सहारनपुर, मुजफ्फर नगर के अलावा दिल्ली,पंजाब,राजस्थान और हरियाणा में 61 से अधिक आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। इनमें लूट,रंगदारी, अपहरण,फिरौती के 35 से ज्यादा मुकदमे थे। मुकीम काला के दूसरे भाई वसीम काला को 2017 में STF यूनिट ने मेरठ में मुठभेड़ में मारा था।

अंशु ने काला को मारने की सुपारी ली थी

जेल की सुरक्षा में इतनी बड़ी सेंध कैसे लगी? अफसर यह बताने को तैयार नहीं हैं। बदमाश अंशु दीक्षित के पास पिस्टल कहां से आई? यह एक बड़ा सवाल है। अंशु दीक्षित UP का कुख्यात अपराधी था। बताया जा रहा है कि उसने काला को मारने की सुपारी ली थी। इसे अंजाम देने के लिए उसने सेटिंग से चित्रकूट जेल में अपना ट्रांसफर करवाया था।


गोलीबारी शुरू होने के बाद जेल के बाहर एंबुलेंस भी पहुंच गई।

अंशु कभी मुख्तार अंसारी का खास व शार्प शूटर था

सीतापुर जिले के मानकपुर कुड़रा बनी का मूल निवासी अंशु दीक्षित लखनऊ विश्वविद्यालय में छात्र के रूप में दाखिला लेने के बाद अपराधियों के संपर्क में आया। 2008 में वह गोपालगंज (बिहार) के भोरे में अवैध हथियारों के साथ पकड़ा गया था। अंशु दीक्षित को 2019 में दिसंबर में सुल्तानपुर जेल में वीडियो वायरल होने के बाद चित्रकूट जेल भेजा गया था।

अंशु मुख्तार अंसारी का खास व शार्प शूटर था। 27 अक्टूबर 2013 को उसने मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश STF पर गोलियां चलाई थीं। दिसंबर 2014 में इसे पकड़ा गया था। चित्रकूट जेल आधुनिक होने के चलते इसे यहां करीब दो साल पहले भेजा गया था। इसे पूर्वांचल के माफियाओं का चहेता भी बताया जाता था।

मेराज की यह तस्वीर 3 अक्टूबर 2020 की है, जब उसने वाराणसी के जैतपुरा थाने की सरैयां चौकी में सरेंडर किया था।

मेराज पहले मुन्ना बजरंगी और मुख्तार के लिए काम करता था

मेराज वाराणसी का रहने वाला था। पहले मुन्ना बजरंगी का खास था, फिर मुख्तार से जुड़ा। इसकी अंशु दीक्षित से तनातनी रहती थी। बताया जाता है कि कुछ साल पहले उसकी अंशु से तनातनी भी हो गई थी। बनारस में उसे मेराज भाई नाम से जाना जाता था।

मेराज अपने गैंग के लिए हथियारों का इंतजाम करता था। वह फर्जी दस्तावेजों पर असलहों का लाइसेंस बनवाने का मास्टरमाइंड था। पिछले साल अक्टूबर में जैतपुरा पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था। छानबीन में फर्जी तरीके से बनवाए गए 9 लाइसेंसी पिस्टल और राइफल की जानकारी मिली थी। इसमें उसने एक नगालैंड से मंगवाई थी।

जानिए कौन है अंशुल दीक्षित उर्फ अंशू, जिसने मुकीम काला और मेराज को गोलियों से भूना


शॉर्प शूटर अंशुल दीक्षित (मृतक)
उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जिला जेल में शुक्रवार की सुबह गोलियों की तड़तड़ाहट से शुरू हुई। जेल में बंद शार्प शूटर कैदी अंशुल दीक्षित ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर पश्चिम यूपी के बड़े बदमाश मुकीम काला और मेराजुद्दीन को गोलियों से भून डाला। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने अंशू को भी मार गिराया। चित्रकूट धाम मण्डल के आईजी के. सत्यनारायण ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि जेल में पश्चिम यूपी के टॉप मोस्ट क्रिमिनल मेराजुद्दीन और मुकीम उर्फ काला पर शार्प शूटर अंशुल दीक्षित ने गोलियां दागीं। दोनों गुटों में हुए संघर्ष में मेराजुद्दीन और मुकीम मारे गए। इसके बाद पुलिस बल ने जेल के अंदर ही अंशुल का एनकाउंटर कर दिया।
चित्रकूट जेल में गोली मारकर कैदी की हत्या करने के आरोपी अंशु दीक्षित को 2014 में गोरखपुर एसटीएफ ने दबोचा था। तब उसे सीएमओ विनोद आर्या के बहुचर्चित हत्याकांड के मामले में गोरखनाथ थाना क्षेत्र के 10 नंबर बोरिंग से मुठभेड़ के बाद उसे अरेस्ट किया था। उसके खिलाफ लखनऊ यूनिवर्सिटी के छात्र नेता विनोद त्रिपाठी की भी हत्या का आरोप है। बदमाश पर जीआरपी सीतापुर ने 5 हजार जबकि भोपाल मध्य प्रदेश की पुलिस ने 10 हजार का इनाम घोषित किया था।
तब एसटीएफ ने बदमाश के कब्जे से एक पिस्टल, एक तमंचा, कारतूस और फर्जी आईडी प्रूफ बरामद किया था। एसटीएफ की पूछताछ में अंशू ने स्वीकार किया कि वह सीतापुर के एमएलसी भरत त्रिपाठी और उनके बेटे परीक्षित त्रिपाठी की हत्या के लिए साथियों की तलाश करने के लिए गोरखपुर आया था। अंशू द्वारा की गई फायरिंग में सीओ एसटीएफ विकास चंद्र त्रिपाठी, कांस्टेबल अनूप कुमार, एसआई सत्य प्रकाश सिंह और हेड कांस्टेबल भानू प्रताप सिंह बाल-बाल बचे थे।

पुलिस टीम ने तलाशी के दौरान एक पिस्टल, चार खोखा, दो कारतूस, एक तमंचा, एक खोखा और तीन कारतूस बरामद किया था। पुलिस को बदमाश ने अपना नाम अंशू उर्फ सुमित दीक्षित (पुत्र जगदीश प्रसाद दीक्षित, कुड़राबनी थाना मानपुर, जिला सीतापुर) बताया था। अंशू के पास लिवाइस का पर्स मिला था। जिसमें स्टेट बैंक का वीसा कार्ड था, जिस पर पूजा अंकित था और उसका नंबर 4591510105489830 अंकित था।

अंशुल के पास जेल में भी रहता था फोन

एक ग्रीन कार्ड मिला था, जिस पर आदित्य मिश्रा पुत्र जगदीश मिश्रा मकान संख्या 24 रामनाथ देवरिया अंकित है। एक आधार कार्ड जिस पर आदित्य मिश्रा (निवासी 299 /2 ए साकेत नगर टुजुर भोपाल, मध्य प्रदेश) लिखा है। इसके अतिरिक्त पिपराइच के उनवल दोयम गांव के पते पर आदित्य मिश्रा (पुत्र जगदीश मिश्रा) के नाम पर वोटर कार्ड मिला है। सभी पर अंशु दीक्षित की ही फोटो लगी थ

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