प्रेमी से मरवा दी सौतन महिला कांस्टेबल तहसीलदार की बीवी ने

Murder of woman constable उत्‍तर प्रदेश पुलिस मुख्यालय में तैनात महिला आरक्षी रुचि चौधरी हत्याकांड के तीनों आरोपित जेल भेजे गए। पहले इंजेक्शन लगाकर मारने की थी योजना जूस में नींद की 10 गोलियां पिलाकर किया था बेहोश

महिला कांस्‍टेबल को सौतन बनता देख सह न पाई पत्‍नी, प्रेमी संग मिलकर बनाया ऐसा मास्‍टर प्लान

आरोपितों ने पहले पीजीआई अस्पताल में किसी बहाने से रुचि का इलाज कराने की योजना बनाई थी।

लखनऊ 22 फरवरी। रुचि हत्याकांड में शामिल प्रतापगढ़ के तहसीलदार पद्मेश श्रीवास्तव, उसकी पत्नी प्रगति और नामवर सिंह को पुलिस ने सोमवार को जेल भेज दिया। पूछताछ में सामने आया है कि हत्याकांड की साजिश तो तीनों आरोपितों ने रची थी, लेकिन मास्टरमाइंड प्रगति थी। प्रगति और नामवर के बीच नजदीकियां थीं। प्रगति ने ही नामवर को रुचि की हत्या को कहा था। नामवर के तैयार होने पर प्रगति ने पद्मेश को लखनऊ उसके पास भेजा था।

आरोपितों ने पहले पीजीआई अस्पताल में किसी बहाने से रुचि का इलाज कराने की योजना बनाई थी। इस दौरान उसे जहरीला इंजेक्शन देकर मौत के घाट उतारने की तैयारी थी। हालांकि यह योजना सफल नहीं हुई। इसके बाद अनार के जूस में नींद की 10 गोलियां मिलाकर आरोपितों ने रुचि को पिला दी थी। रुचि के बेहोश होने के बाद उसके सिर पर वार कर गला दबाकर हत्या कर दी थी। नामवर रुचि का शव अपनी गाड़ी से नाले में फेंक आया था। इसके बाद प्रगति को फोन कर उसने बताया था कि रुचि की हत्या कर दी गई है। वहीं, पद्मेश प्रतापगढ़ वापस लौट गया था।

जमीन विवाद का निस्तारण कराने घर आया था नामवर

आरोपित नामवर तहसीलदार के घर पर एक जमीन विवाद के निस्तारण को गया था। कई बार तहसीलदार और उसकी मुलाकात हुई, जिसके बाद वह उनके घर पर आने जाने लगा। नामवर पीजीआई स्थित कल्ली में रहता था। प्रगति का इलाज कराने के लिए पद्मेश ने ड्राइवर के साथ उसे लखनऊ भेजा था। इस दौरान पद्मेश ने नामवर को फोन कर इलाज कराने में मदद करने को कहा था। प्रगति पीजीआई में इलाज कराने आने लगी थी और नामवर उसके साथ रहता था। इसी दौरान दोनों में नजदीकियां बढ़ गई थीं, जिसकी जानकारी पद्मेश को नहीं थी। पद्मेश के दो बच्चे हैं।

क्योंकि चारों थे चरित्रहीन

रुचि और पद्मेश फेसबुक के जरिए संपर्क में आए थे। धीरे-धीरे दोनों में चैट के साथ-साथ फोन पर बातचीत होने लगी थी। कुछ दिन बाद ही दोनों की मुलाकात भी हो गई और वे करीब आ गए। रुचि का उसके पति अंकित गुप्ता से विवाद चल रहा था। अंकित भी सिपाही है और बरेली का रहने वाला है, जिसकी तैनाती प्रयागराज में है। अंकित रुचि से तलाक लेने वाला था। इधर, रुचि नजदीकियां बढ़ने के बाद पद्मेश पर शादी का दबाव बनाने लगी। दबाव बढ़ने पर पद्मेश ने रुचि को बताया कि वह शादीशुदा है। इसके बाद से दोनों में विवाद शुरू हो गया था। रुचि हर हाल में पद्मेश से शादी करना चाहती थी। अक्सर दोनों का फोन पर झगड़ा होता था।

पद्मेश ने पत्नी प्रगति को पूरी बात बता दी थी। बार-बार फोन आने से पद्मेश परेशान था और उसका पत्नी से भी आए दिन विवाद होने लगा था। घटना से कुछ दिन पहले रुचि ने पद्मेश को फोन किया था, जिसे प्रगति ने उठाया था। प्रगति ने रुचि से बात की थी। इस दौरान फोन पर दोनों में जमकर कहासुनी हुई। इस पर पद्मेश ने रुचि की हत्या का षड्यंत्र रच डाला। इसके लिए उसने अपने परिचित नामवर सिंह को षड्यंत्र में शामिल किया।

12 जुलाई से रुचि लापता थी। रुचि के साथ काम करने वाली महिला सिपाही ने इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट डालकर इसकी जानकारी दी थी। गुरुवार को पीजीआई इलाके में माती के पास नाले में अज्ञात महिला का शव मिला था, जिसकी पहचान रुचि के रूप में शनिवार को हो गई थी।

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