चमोली: हिमस्खलन से दो बांध टूटे, डेढ़ सौ लापता, अब स्थिति नियंत्रण में

LIVE Glacier Outburst News: उत्तराखंड के चमोली में हाइड्रो पावर प्रोजेक्‍ट का बांध टूटा, 150 लोगों के लापता होने की आशंका, रेड अलर्ट; देखें वीडियोओ
चमोली में अलकनंदा ग्लेशियर फटने की खबर।

ऋषिकेश 07 फरवरी।चमोली  जनपद में ऋषिगंगा नदी पर बन रहे हाइड्रो प्रोजेक्‍ट का बांध टूट गया है। इसमें कई मजदूरों के बहने की आशंका है। यहां 24 मेगावाट का प्रोजेक्‍ट निर्माणाधीन था। हिमखंड टूटने के बाद नदी में बाढ जैसे हालात पैदा हो गए हैं । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आसाम से और गृहमंत्री अमित शाह तथा वन एवं पर्यावरण मंत्री ने मुु्ख्यमंत्री त्रिवेंन्द्र सिंह रावत से बात कर स्थिति की जानकारी ली है जबकि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्य नाथ ने हर मदद का भरोसा दिलाया है।

चमोली जिले में एवलांच के बाद ऋषिगंगा और फिर धौलीगंगा पर बने हाइड्रो प्रोजेक्ट का बांध टूटने से गंगा और उसकी सहायक नदियों में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है। इसे देखते हुए राज्य में चमोली से लेकर हरिद्वार तक रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है। जब यह दुर्घटना हुई, तब दोनों प्रोजेक्ट पर काफी संख्या में मजदूर कार्य कर रहे थे। इस दुर्घटना में करीब 150 लोगों के लापता होने की आशंका है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत लगातार इस घटनाक्रम पर निगरानी रखे हुए हैं। वे मौके के लिए रवाना हो गए हैं।

 

 

केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इस पूरे मामले पर रिपोर्ट मांगी है। मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने बताया कि एनडीआरएफ भी प्रभावित इलाकों के लिए रवाना हो चुकी है। पानी का बहाव अब थोड़ा कम हुआ है। इस कारण निचले इलाकों में रहने वालों को घबराने की आवश्यकता नहीं है।

मिली जानकारी के अनुसार रविवार सुबह एवलांच के बाद चमोली जिले के अंर्तगत ऋषिगंगा नदी पर रैणी गांव में निर्माणाधीन 24 मेगावाट के हाइड्रो प्रोजेक्ट का बैराज टूट गया। इसके बाद मलबे और पानी का तेज बहाव धौलीगंगा की ओर बढ़ा। नतीजतन रैणी से करीब 10 किमी दूर तपोवन में धौलीगंगा नदी पर निर्माणाधीन 520 मेगावाट की विद्युत परियोजना का बैराज भी टूट गया। इसके बाद हालात बिगड़ गए। दोनों प्रोजेक्ट पर काम कर रहे बड़ी संख्या में मजदूरों के बहने की सूचना है।

राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी रिद्धम अग्रवाल के मुताबिक सुबह पहाड़ से भारी मलबा, हिमखंड टूटकर आने से इन हाइड्रो प्रोजेक्ट के बैराज क्षतिग्रस्त हुए। उन्होंने बताया कि बाढ़ के खतरे को देखते हुए तपोवन से लेकर हरिद्वार तक के सभी जिलों में अलर्ट जारी करने के साथ ही गंगा और उसकी सहायक नदियों के किनारे के रास्ते बंद कर दिए गए हैं। गंगा के किनारे के सभी कैंपों को खाली कराया जा रहा है।

 

कैंपों की संख्या 600 के लगभग है। साथ ही गंगा व उसकी सहायक जिन नदियों में बाढ़ का खतरा है, वहां आसपास की बस्तियों को खाली करा दिया गया है। स्थिति पर निरंतर नजर रखी जा रही है। उन्होंने बताया कि दुर्घटना में काफी संख्या में मजदूरों के बहने की सूचना है। उधर, गढवाल मंडलायुक्त रविनाथ रमन के मुताबिक चमोली के जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दुर्घटना स्थल के लिए रवाना हो गए हैं।

किसी भी तरह की अफवाह पर न दें ध्यान, सरकार उठा रही जरूरी कदम

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ट्वीट करते हुए लिखा, चमोली जिले से एक आपदा का समाचार मिला है। जिला प्रशासन, पुलिस विभाग और आपदा प्रबंधन को इस आपदा से निपटने की आदेश दे दिए हैं। किसी भी तरह की अफवाहों पर ध्यान न दें। सरकार सभी जरूरी कदम उठा रही है। उन्होंने आपदाओं के पुराने वीडियो सोशल मीडिया पर चला कर भय फैलाने से परहेज़ करने की अपील करते हुए कहा है  कि  प्रमाणिक सरकारी जानकारी पर ही भरोसा करें। उन्होंने आपदाग्रस्त लोगों से आपदा संचालन केंद्र के 1070 व 9557444486 के अलावा डायल 112और 1905 पर भी संपर्क की सलाह दी है। सहायता को+911352410197,+919456596190+9118001804375नंबरों पर संपर्क करने की भी सलाह दी गई है।

SDRF और NDRF की चार टीमें दून से रवाना

 

 

देहरादून से बचाव कार्यों के लिए एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की चार टीमें रवाना की गई हैं। पुलिस उपमहानिरीक्षक अपराध एवं कानून व्यवस्था नीलेश आनंद भरणे ने बताया कि अलर्ट को देखते हए स्थिति पर पूरी नजर रखी जा रही हैं।

 

 

 

बंद करा दी गई है राफ्टिंग

ऋषिकेश कोडियाला इको टूरिज्म जोन में जल पुलिस और एसडीआरएफ को अलर्ट कर दिया गया है। जल पुलिस के साथ आपदा प्रबंधन दल राफ्टिंग स्थलों पर पहुंच गया है। यहां राफ्टिंग बंद करा दी गई है। इसके साथ ही चमोली और रुद्रप्रयाग जिले में नदी किनारे सभी सभी स्थानों पर प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है।

 

 

नदी किनारे रहने वालों के लिए अलर्ट जारी

चमोली में बांध टूटने से नदी में जल स्तर बढ़ने की आशंका को देखते हुए टिहरी प्रशासन ने कीर्तिनगर, देवप्रयाग में नदी किनारे रहने वाले लोगों के लिए अलर्ट जारी किया है। देवप्रयाग संगम पर भी लोगों की आवाजाही बंद कर दी गई है। वहीं, नदी किनारे जितनी भी बस्तियां हैं सभी में लोगों को ऊंचाई वाले इलाकों में जाने के लिए कहा गया है। प्रशासन नदी किनारे खनन पट्टों पर कार्य कर रहे लोगों को भी हटा रहा है।

नदी किनारे रहने वाले लोगों को हटाने के निर्देश जारी

चमोली में बांध टूटने की घटना के बाद पैदा हुए हालात को देखते हुए पौड़ी जिला प्रशासन भी अलर्ट मोड पर आ गया है। जिलाधिकारी धीराज सिंह ने बताया कि धारी देवी के पास बने बांध से पानी छोड़ने के आदेश जारी कर दिए हैं। श्रीनगर में नदी वाले इलाकों में रहे लोगों को हटाने के निर्देश जारी कर दिए हैं।

 

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