चमोली आपदा:सुरंग और रैणी गांव से रुद्रप्रयाग तक मिले 13 और शव,11की पहचान

सुरंग और आपदाग्रस्त क्षेत्र से मिले 13 शव, कुल मृतकों की संख्या हुई 51

उत्तराखंड के चमोली में बीते रविवार(सात फरवरी) को आई आपदा के बाद से अब तक 153 लोग लापता हैं। वहीं, रैणी और तपोवन क्षेत्र से 13 शव मिल चुके हैं। आपदा के बाद अब तक कुल 51 शव बरामद हुए हैं। सुरंग में फंसे 29 लोगों को निकालने के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरफ की टीमें लगातार मलबा निकलाने में लगी हुई हैं।

रात आठ बजे तक मिल चुके 13 शव

ऋषिगंगा की जलप्रलय के बाद लापता हुए 206 लोगों में से रविवार तक 51 शव बरामद हो चुके हैं, जबकि 153 लोग अभी भी लापता हैं। रविवार को तपोवन सुरंग से छह और रैणी गांव में ऋषि गंगा जल विद्युत परियोजना स्थल में जमे मलबे में से सात शव मिले। प्रशासन की ओर से 11 शवों की पहचाान कर ली गई है, जबकि देर शाम सुरंग और रैणी गांव से बरामद एक-एक शवों की अभी तक पहचान नहीं हो पाई है। इन शवों को शवगृह में रखा गया है। शवों का मौके पर ही पोस्टमार्टम किया जा रहा है।

आज मिले 13 शवों में से 11 की हुई पहचान

सुरंग और रैणी में शाम तक मिले 13 शवों की शिनाख्त हो चुकी है। जिसमें चार उत्तराखंड, दो गोरखपुर, एक जम्मू-कश्मीर, एक फरीदाबार, एक रामपुर, एक हिमाचल और एक पंजाब से था। रुद्रप्रयाग और रैणी में देर शाम मिले एक शव की पहचान नहीं हो पाई है।

मृतकों के नामों की सूची

आलम सिंह पुत्र सुंदर सिंह, निवासी- टिहरी गढवाल
अनिल पुत्र भगत सिंह, निवासी कालसी, देहरादून
जीतेंद्र कुमार पुत्र देशराज, निवासी जम्मू कश्मीर
शेषनाथ पुत्र जयराम, निवासी फरीदाबाद
जितेंद्र धनाई पुत्र मतवार सिंह, निवासी टिहरी गढवाल
सूरज ठाकुर पुत्र श्रीनिवास, रामपुर कुशीनगर
जुगल किशोर पुत्र राम कुमार, निवासी पंजाब
राकेश कपूर पुत्र रोहन राम, निवासी हिमाचल प्रदेश
हरपाल सिंह पुत्र बलवंत सिंह, निवासी चमोली
वेद प्रकाश पुत्र राजेंद्र सिंह, निवासी गोरखपुर
धनुर्धारी पुत्र राम ललित सिंह, निवासी गोरखपुर

रैणी गांव में देर शाम एक और शव मिला

जिला प्रशासन के अनुसार, रैणी गांव से रेस्क्यू अभियान के दौरान देर शाम एक और शव मिला। शाम तक सुरंग से पांच और रैणी गांव से सात शव मिले हैं। वहीं, एक शव (मानव अंग) रुद्रप्रयाग में अलकनंदा किनारे मिला है। अब कुल शवों की संख्या 51 हो गई है।

तपोवन क्षेत्र में मौसम खराब, सुरंग के अंदर रेस्क्यू अभियान जारी

तपोवन क्षेत्र में दोपहर बाद मौसम खराब हो गया है। क्षेत्र में बादल छाए हुए हैं। हालांकि बारिश नहीं हुई है, लेकिन ठंड बढ़ गई है। वहीं, सुरंग से मलबा हटाने का काम जारी है। अभी तक सुरंग से कुल पांच शव मिले हैं। 30 लोगों की खोज अभी भी जारी है।

सुबह से अब मिल चुके 12 शव

सूचना विभाग के आंकड़ाें के अनुसार, दोपहर दो बजे तक सुरंग से पांच और रैणी गांव से छह शव मिले हैं। वहीं, एक शव (मानव अंग) रुद्रप्रयाग से मिला है। अब कुल शवों की संख्या 50 हो गई है।

सुबह से अब तक छह शव बरामद

डीजीपी अशोक कुमार के अनुसार, सुरंग में रेस्क्यू कार्य जारी है। आज अभी तक सुरंग से चार और रैणी गांव में मलबे से दो शव मिले हैं। अब तक कुल छह शव बरामद हुए हैं। कुल मृतकों की संख्या 44 हो गई है।

रैणी गांव से मिले दो शव

रैणी गांव से रेस्क्यू टीम को दो शव मिले हैं। तपोवन और रैणी क्षेत्र से अब तक 38 शव बरामद हो चुके हैं। वहीं, सुरंग से तीन शव मिल चुके हैं। कुल मृतकों की संख्या 43 पहुंच गई है।

एक और शव मिला, सुरंग से अब तक मिले तीन शव
सुबह करीब 11:15 बजे सुरंग के अंदर से एक और शव बरामद हुआ है। सुबह से अब तक तीन लोगों के शव मिल चुके हैं। वहीं कुल मृतकों की संख्या 41 हो चुकी है।

जिलाधिकारी ने किया बैराज साइड का निरीक्षण

तपोवन में दो शव मिलने के बाद जिलाधिकारी स्वाति भदौरिया और पुलिस अधीक्षक यशवंत सिंह चौहान ने बैराज साइड का निरीक्षण किया। उनके साथ एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम भी मौजूद रहीं। डीएम का कहना है कि तलाश अभियान तेजी से चल रहा है। बैकअप में सात एंबुलेंस, पोस्टमार्टम टीम और एक हेलीकॉप्टर भी रखा गया है। अगर कोई भी व्यक्ति जिंदा बरामद किया जाता है तो उसे तुरंत उपचार देने के लिए पूरी व्यवस्था की गई है।

उत्तराखंड के थे दोनों मृतक

जिला प्रशासन के अनुसार, सुबह मिले दोनों शव उत्तराखंड के निवासी थे। शवों की शिनाख्त अनिल सिंह निवासी कालसी और आलम सिंह निवासी लोयर गांव, गुल्लर घाटी के रूप में हुई है। आलम सीनियर इलेक्ट्रॉशियन था, जबकि अनिल वेल्डर था। अन्य लोग सुरंग से कुछ दूर हो सकते हैं। तलाशी अभियान जारी है।

सुबह पांच बजे सुरंग के अंदर से मिले दो शव

उत्तराखंड के चमोली में आपदा के एक हफ्ते बाद तपोवन में सुरंग के अंदर से दो शव बरामद किए गए हैं। चमोली थाना प्रभारी जोशीमठ सतेंद्र सिंह के अनुसार पहला शव सुबह करीब पांच बजे मिला। इसके बाद आगे खोदाई करने पर दूसरा शव बरामद हुआ। 33 लोगों की खोज अभी भी जारी जारी है। चार लोग और दिखाई दे रहे हैं। लेकिन उनके पास तक नहीं पहुंचा जा सका है।

बता दें कि सुरंग के अंदर से मलबा हटाने का काम लगातार जारी है। रात में जमीन के अंदर सपोर्ट नहीं मिलने पर सुरंग में ड्रिल कार्य बंद कर दिया गया था। चमोली के पुलिस अधीक्षक यशवंत सिंह चौहान ने बताया कि निर्धारित दूरी तक ड्रिल के बाद पानी निकल रहा है। सम्भवतः नीचे पानी और मलबा घुसा है। बता दें कि आपदा में अब तक 164 लोग अभी भी लापता हैं। जबकि रैणी और तपोवन क्षेत्र से 38 व सुरंग से दो शव मिल चुके हैं।

24 घंटे कार्य कर चीन सीमा पर यातायात करें बहाल : चौधरी

सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के डायरेक्टर जनरल (लेफ्टिनेंट जनरल) राजीव चौधरी ने मलारी हाईवे पर रैणी गांव के समीप स्थापित किए जा रहे वैली ब्रिज के कार्यों का निरीक्षण किया। उन्होंने बीआरओ के अधिकारियों को 24 घंटे कार्य करने और जल्द से जल्द सीमा क्षेत्र में सड़क सेवा सुचारु करने के निर्देश दिए।

ऋषि गंगा में आए सैलाब में रैणी गांव के पास मलारी हाईवे पर बना 90 मीटर लंबा मोटर पुल बह गया था, जिससे चीन सीमा क्षेत्र में भारत की ओर से आवाजाही ठप पड़ गई थी। अब बीआरओ यहां वैली ब्रिज का निर्माण कर यातायात सुचारु करने में जुटा है।

शनिवार को रैणी गांव पहुंचे बीआरओ के डीजी ने करीब दो घंटे तक प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण किया। उन्होंने अधिकारियों को जल्द से जल्द वैली ब्रिज निर्माण कार्य पूरा करने के निर्देश दिए।

कहा कि 24 घंटे कार्य जारी रहे। साथ ही उन्होंने वैली ब्रिज स्थापित करने के साथ ही प्रशासन के साथ भी रेस्क्यू कार्य में सहयोग करने के निर्देश दिए। इस मौके पर चीफ इंजीनियर आशु सिंह राठौर, बीआरओ के प्रभारी कमांडर अरविंद कुमार के साथ ही बीआरओ के अधिकारी मौजूद था।

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