कांग्रेस ने मांगी चमोली आपदा में बाहर से आये लोगों की सुविधा की मांग

देहरादून 12 फरवरी:प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष  प्रीतम सिंह के नेतृत्व में कांग्रेसजनों के एक प्रतिनिधिमण्डल ने चमोली जनपद में आई प्राकृतिक आपदा के मामले को लेकर राज्य के मुख्य सचिव से उनके कार्यालय में मुलाकात कर घटना स्थल की अव्यवस्थाओं से अवगत कराते हुए ज्ञापन सौंपा।
मुख्य सचिव को प्रेषित पत्र में श्री प्रीतम सिंह ने कहा कि मेरे व पूर्व मुख्यमंत्री  हरीश रावत सहित प्रदेश उपाध्यक्ष पूर्व मंत्री राजेन्द्र भण्डारी, प्रदेश कांग्रेस महामंत्री  राजेन्द्र शाह, प्रदेश महामंत्री  हरिकृष्ण भट्ट, वरिष्ठ कांग्रेस नेता  मनीष खण्डूरी, जिला कांग्रेस अध्यक्ष विरेन्द्र रावत, श्री हिमांशु बिजलवाण, प्रदीप थपलियाल, युवा महामंत्री संदीप चमोली, विनोद धनोशी, भाष्कर बहुगुणा व अन्य वरिष्ठ कांग्रेसजनों ने 8-9 फरवरी, 2021 को जनपद चमोली में ग्लेशियर टूटने से आई दैवीय आपदाग्रस्त क्षेत्र जोशीमठ, तपोवन एवं चैरी क्षेत्र का दौरा किया । घटना स्थल पर राहत एवं बचाय कार्य हेतु रेस्क्यू आॅपरेशन जारी है तथा कई लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। परन्तु अभी भी सरकारी आंकडे के अनुसार लगभग 200 से अधिक लोग लापता बताये जा रहे हैं जिनमें से कई लोगों के शव बरामद किये गये हैं। इस रेस्क्यू आॅपरेशन में रात-दिन लगे एन.डी.आर.एफ., एस.डी.आर.एफ., आई.टी.बी.पी. के जवानों की हम सराहना करते हैं।
श्री प्रीतम सिंह ने कहा कि चमोली जनपद में आई इस दैवीय त्रासदी में उत्तराखण्ड राज्य सहित कई अन्य प्रदेशों के लोग हताहत एवं प्रभावित हुए हैं। आपदाग्रस्त क्षेत्र का दृष्य काफी विचलित करने वाला है तथा अपनेे परिजनों के जीवित अथवा मृत शरीर की खोज में लोग वहां पर बडी संख्या में पहुंचे हैं। घटना स्थल पर देखने में आया है कि बाहरी राज्यों से अपने जीवित या मृत परिजनों की खोज में आये लोगों के ठहरने, खाने-पीने आदि की कोई व्यवस्था स्थानीय प्रशासन ने नहीं की  है, उन्हें पूछने वाला भी कोई नहीं है तथा वे कडकडाती ठंड में खुले आसमान के नीचे रात गुजारने को मजबूर हैं। जिलाधिकारी चमोली से वार्ता करने पर उन्होंने अवगत कराया कि इन लोगों के लिए गुरूद्वारे में व्यवस्था की गई है जो कि घटना स्थल से लगभग 10-12 कि.मी. की दूरी पर स्थित है। उन्होंने यह भी कहा कि आपदाग्रस्त गांव चैरी में भी इसी प्रकार का दृश्य देखने को मिला है। वहां पर भी प्रशासन ने कोई व्यवस्था नहीं की  है।  7 फरवरी, को घटित इस घटना से स्थानीय ग्रामीण भयभीत हैं तथा इस दैवीय आपदा के उपरान्त विस्थापन की मांग कर रहे हैं जो कि गम्भीर विषय है।
श्री प्रीतम सिंह ने मुख्य सचिव से मामले की गम्भीरता को देखते हुए चमोली जनपद के दैवीय आपदा पीडितों के परिजनों की व्यवस्था सुनिश्चित करने, दैवीय आपदा में मारे गये लोगों के परिजनों व आपदा से प्रभावित परिवारों को शीघ्र उचित मुआबजा दिये जाने के साथ ही प्रभावित क्षेत्रों के लोगों की जानमाल की सुरक्षा एवं भोजन आदि की व्यवस्था सुनिश्चित करने की मांग की।
मुख्य सचिव को सौंपे एक अन्य पत्र में श्री प्रीतम सिंह ने वैश्विक महामारी कोविड-19 के दौरान आउट सोर्सिंग (उपनल/पी.आर.डी.) के माध्यम से राजकीय दून मेडिकल काॅलेज एवं चिकित्सालय देहरादून सहित अन्य चिकित्सकीय संस्थानों में कार्यरत स्टाफ नस, लैब टैक्नीशियन, लैब असिस्टेंट, ओ.टी. टैक्नीशियन, ईसीजी टैक्नीशियन, कम्प्यूटर आॅपरेटर, वाहन चालक, वार्ड अटैन्डेंट, वार्ड स्वीपर के पदों पर कार्यरत कर्मचारियों की ओर ध्यानाकर्षित कराते हुए कहा कि राज्य सरकार ने इन पदों पर भर्ती का निर्णय लिया  है। जबकि सभी प्रशिक्षित कर्मचारी कोरोना महामारी के दौरान बिना अपनी तथा अपने परिवार के स्वास्थ्य की परवाह किये निरंतर अपनी सेवायें देते रहे हैं तथा अपने पदों के अनुरूप अनुभव प्राप्त हैं। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार ने आउटसोर्स के माध्यम से विभिन्न विभागों में कार्यरत कर्मचारियों को निरंतर बनाये रखने की भी पूर्व में निर्णय लिया है जिसके विपरीत इन कर्मचारियों को हटाया जाना तर्क संगत नहीं है। उपरोक्त सभी कर्मचारी गरीब परिवारों से सम्बन्धित हैं तथा लम्बे समय से अपनी सेवायें पूरी निष्ठा से विभाग को देते आये हैं। इस प्रकार सेवा से हटाये जाने से उनके परिवारों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। श्री प्रीतम सिंह ने मांग की कि वैश्विक महामारी कोविड-19 के दौरान आउट सोर्सिंग (उपनल/पी.आर.डी.) के माध्यम से राजकीय दून मेडिकल काॅलेज एवं चिकित्सालय देहरादून सहित अन्य चिकित्सकीय संस्थानों में कार्यरत की निष्ठापूर्ण सेवाओं के मद्देनजर उनकी नियुक्ति यथावत रखी जाय।
प्रतिनिधिमण्डल में श्री प्रीतम सिंह के अलावा पूर्व विधायक राजकुमार, महानगर अध्यक्ष लालचन्द शर्मा, जिलाध्यक्ष संजय किशोर शामिल थे।

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