बजट 2021: रक्षा बजट मामूली बढ़त के साथ 4.78 लाख करोड़ रुपये

 

Defence Budget 2021-22: रक्षा बजट में निर्मला ने दिया इतना पैसा, राजनाथ सिंह हुए गदगद

नई दिल्ली: 01 फरवरी।

2021-22 के लिए केंद्रीय बजट पेश करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को रक्षा मंत्रालय के लिए 4.78 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया। कुल राशि में 1.35 लाख करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय भी शामिल है।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा सोमवार को संसद में पेश किए गए आम बजट में रक्षा क्षेत्र के लिए 4.78 लाख करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है जिसमें पेंशन के भुगतान का परिव्यय भी शामिल है। पिछले साल यह राशि 4.71 लाख करोड़ रुपये थी। इसमें से पेंशन के भुगतान का परिव्यय यदि हटा लिया जाए तो रक्षा क्षेत्र का बजट 3.62 लाख करोड़ रुपये बचता है।

बजट आंकड़ों के अनुसार रक्षा क्षेत्र के लिए आवंटित पूरी राशि में 1.35 लाख करोड़ रुपये पूंजी परिव्यय के रूप में नये हथियारों, विमानों, युद्धपोतों और अन्य सैन्य साजोसामान खरीदने के लिए अलग से रखे गये हैं। पिछले साल के बजट में पूंजी परिव्यय 1.13 लाख करोड़ रुपये था। कुल राजस्व व्यय में 3.37 लाख करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। इसमें वेतन का भुगतान और प्रतिष्ठानों का रखरखाव भी शामिल है। पेशन के भुगतान के लिए राजस्व व्यय में 1.15 लाख करोड़ रुपये शामिल हैं।

मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2021-22 के लिए रक्षा बजट बढ़ाकर 4.78 लाख करोड़ रुपये कर दिया है. इसमें पेंशन पर होने वाला खर्च भी शामिल है


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केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2021-22 के लिए रक्षा बजट बढ़ाकर 4.78 लाख करोड़ रुपये कर दिया है. इसमें पेंशन पर होने वाला खर्च भी शामिल है. पिछले साल रक्षा क्षेत्र के लिए 4.71 लाख करोड़ रुपये का आवंटन हुआ था. पेंशन खर्च को निकाल दे तो सशस्त्र सेनाओं के लिए 3.62 लाख करोड़ रुपये बजट का प्रावधान किया गया है.

वित्त मंत्री की ओर से लोकसभा में पेश बजट भाषण के अनुसार, नए हथियार, एयरक्रॉफ्ट, वारशिप और अन्य सैन्य साजोसामान की खरीद यानी पूंजीगत व्यय के लिए 1.35 लाख करोड़ रुपये का प्रवधान किया गया है. पिछले बजट में यह 1.13 लाख करोड़ रुपये था. बजट 2021 में रेवेन्यू खर्च, जिसमे सैलरी एवं रक्षा प्रतिष्ठानों के रखरखाव के लिए 3.37 लाख करोड़ रुपये का प्रवधान किया गया है. कुछ रेवेन्यू खर्च में 1.15 लाख करोड़ का खर्च पेंशन पर होना है.

2020 में क्या था रक्षा बजट?

वित्त वर्ष 2020-21 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रक्षा बजट में मामूली इजाफा किया था. इसे बढ़ाकर 3.37 लाख करोड़ रुपये किया गया था. जबकि 2019 में यह बजट 3.18 लाख करोड़ रुपये था. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए बजट 2020 के मुताबिक कुल रक्षा आवंटन में 1.13 लाख करोड़ रुपये पूंजीगत व्यय के लिए दिए गए थे.

राजस्व व्यय के मद में 2.09 लाख करोड़ रुपये खर्च करने का प्रावधान बजट में किया गया था, जिसमें वेतन पर व्यय और रक्षा प्रतिष्ठानों का रखरखाव शामिल रहा. कुल आवटंन में पेंशन भुगतान के लिए अलग रखे गए 1.33 लाख करोड़ रुपये शामिल नहीं था. रक्षा आवंटन जीडीपी का 1.5 फीसदी बना हुआ है. यह 1962 के बाद से सबसे कम रहा.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रक्षा बजट बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीतारमण को धन्यवाद दिया। राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर कहा, “मैं विशेष रूप से वित्त वर्ष 2021-22 के लिए रक्षा बजट में बढ़ोत्‍तरी करने के लिए पीएम और वित्त मंत्री को धन्यवाद देता हूं, जिसमें 1.35 लाख करोड़ रुपये पूंजीगत व्यय शामिल है। यह रक्षा पूंजीगत व्यय में लगभग 19 प्रतिशत की वृद्धि है। यह रक्षा के लिए पूंजीगत परिव्यय में 15 साल की सबसे अधिक वृद्धि है।”

सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा कि महामारी के बाद नई विश्व व्यवस्था उभर रही है और इसमें भारत की अग्रणी भूमिका होगी।

वित्त मंत्री ने अपने भाषण के दौरान रक्षा बजट आवंटन का उल्लेख क्यों नहीं किया, इस पर टिप्पणी करते हुए नीति आयोग के वाइस चेयरमैन राजीव कुमार ने कहा कि यह (रक्षा) भाषण का हिस्सा नहीं था, लेकिन बजट में है।

राजीव कुमार ने कहा कि बजट में वित्‍त मंत्री ने छह प्रमुख स्तंभों पर ध्यान केंद्रित किया है। रक्षा खर्च महत्वपूर्ण है, लेकिन हमारी प्रगति से कम जुड़ा हुआ है और बजट 2021-22 हमारी प्रगति की गति बढ़ाने पर केंद्रित है।

 

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