पूर्व केंद्रीय मंत्री भाजपा के बचदा पंच तत्वों में विलीन

हल्द्वानी 19 अप्रैल 2021 (सूचना) – सरलता एवं सादगी के प्रतीक, लोकप्रिय पूर्व केन्द्रीय मंत्री, पूर्व अध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी उत्तराखंड बच्ची सिंह रावत का सोमवार की देर सांय चित्रशिला घाट पर वैदिक रीति के साथ अंतिम संस्कार किया गया। मुखाग्नि उनके पुत्र शशांक रावत ने दी । अंतिम संस्कार में प्रदेश के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत तथा केन्द्रीय शिक्षा मंत्री डाॅक्टर रमेश पोखरियाल निशंक, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, उच्च शिक्षा राज्यमंत्री डाॅक्टर धन सिंह रावत ने भारतीय जनता पार्टी कुमाऊॅ सम्भाग कार्यालय में बचदा के पार्थिक शरीर पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर श्रद्धाजंलि दी।
चित्रशिला घाट रानीबाग में डिप्टी स्पीकर रघुनाथ सिंह चौहान सांसद अजय भट्ट, अजय टम्टा, शहरी विकास मंत्री बंशीधर भगत, विधायक बलवंत सिंह भौर्याल, मेयर डाॅक्टर जोगेन्द्र पाल सिंह रौतेला, जिला अध्यक्ष भाजपा प्रदीप बिष्ट ने अंतिम संस्कार में पहुंच कर श्रद्धा सुमन अर्पित कर श्रद्धाजंलि दी। दिवंगत बचदा के पार्थिक शव पर पुष्पाजंलि अर्पित कर श्रद्धा सुमन अर्पित किये।
इस अवसर पर प्रदेश के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि स्वर्गीय बचदा सरलता व सादगी के प्रतीक थे। उनके केन्द्रीय राज्य मंत्री रहते हुए उत्तराखण्ड में केन्द्रीय विद्यालयों की स्थापना कराई गई। स्वर्गीय बचदा ने 2004 में आर्य भट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान(एरीज) नैनीताल को केन्द्रीय दर्जा दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके इस योगदान को हमेशा याद किया जायेगा। मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि बचदा का जाना पूरे प्रदेश के लिए बहुत बडी क्षति है जिसकी भरपाई निकट भविष्य मे संम्भव नही है। भगवान उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें तथा उनके परिजनों को इस महान दुख को सहने की शक्ति प्रदान करें।
अन्तिम संस्कार के अवसर पर विधायक पुष्कर सिंह धामी, राजकुमार ठुकराल, पूर्व सांसद बलराज पासी, उपाध्यक्ष राज्य सफाई कर्मचारी आयोग अजय राजौर के अलावा बडी संख्या में लोग उपस्थित थे।

बची सिंह के प्रयास से एरीज को मिला केन्द्रीय दर्जा, हर साल दिया विकास का ब्यौरा


नरेंद्र मोदी के साथ बचदा

केंद्रीय राज्य मंत्री रहे बचदा ने अपने कार्यकाल में अनेक स्थानों पर केंद्रीय विद्यालयों की स्थापना की। इसके अलावा 2004 में आर्य भट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान एरीज को नैनीताल केंद्रीय दर्जा दिलाने में तत्कालीन मुख्यमंत्री एनडी तिवारी के साथ महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

यह वह दौर था जब कांग्रेस के कद्दावर नेता हरीश रावत के खिलाफ भाजपा को एक ऐसे चेहरे की तलाश थी,जो उन्हें टक्कर देने के साथ काम से पहचान बनाये। तब रानीखेत के विधायक व उत्तर प्रदेश में राजस्व उप मंत्री रहे बची सिंह रावत को भाजपा ने अल्मोड़ा संसदीय क्षेत्र से उतार दिया। अल्मोड़ा संसदीय क्षेत्र के चप्पे चप्पे से वाकिफ अौर हर व्यक्ति के लिए सर्व सुलभ बचदा ने बतौर सांसद दूरस्थ क्षेत्रों तक विकास की किरण पहुंचाई। उन्होंने गांव गांव दौरे कर ऐसी लोकप्रियता हासिल की कि दूसरे प्रत्याशी चाहकर भी नहीं कर सके।

1996 में पहली बार सांसद बने तो संसद की अनेक कमेटियों के सदस्य रहे। 1999 में तीसरी बार रिकॉर्ड मतों से जीते तो भाजपा के कद्दावर नेता मुरली मनोहर जोशी के निकटस्थ होने की वजह से केंद्र में पहले रक्षा राज्यमंत्री फिर विज्ञान व प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री बने। 2004 में फिर लोकसभा सदस्य चुने गए। वह उत्तर प्रदेश विधानसभा के लिए 1992 व 1993 में विधायक चुने गए। बचदा के नाम अल्मोड़ा सीट से चार बाद सांसद बनने का रिकॉर्ड है।


अटल बिहारी वाजपेयी के साथ बचदा

एरीज को दिलाया केंद्रीय दर्जा

केंद्रीय राज्य मंत्री रहे बचदा ने अपने कार्यकाल में अनेक स्थानों पर केंद्रीय विद्यालयों की स्थापना की। इसके अलावा 2004 में आर्य भट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान एरीज को नैनीताल केंद्रीय दर्जा दिलाने में तत्कालीन मुख्यमंत्री एनडी तिवारी, तत्कालीन एचआरडी मंन्त्री मुरली मनोहर जोशी के साथ महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

हर साल दिया विकास कार्यों का ब्यौरा

केंद्रीय राज्य मंत्री के साथ बतौर सांसद बचदा ने हर साल अपनी सांसद निधि के साथ ही अपने प्रयासों से किये कामों के अलावा संसद में उठाये गए सवालों व उनके जवाब की किताब प्रकाशित करने को परंपरा शुरू की। उस किताब को अल्मोड़ा संसदीय क्षेत्र के गांव व शहरों में बांटा जाता था। बचदा ने अलग उत्तराखंड राज्य निर्माण के लिए लोकसभा में निजी विधेयक भी पेश किया था। साथ ही अलग राज्य निर्माण का मामला अनेक बार संसद में उठाया।

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