लव जिहाद के गढ़ जुही कालोनी के पांचों जिहादी निकले दोस्त

सच साबित हुई आशंका, पुलिस ने ढूंढ निकाला पांच केसों का आपस में कनेक्शन
कानपुर शहर लव जिहाद का गढ़ बन गया है। प्रतीकात्मक फोटो

कानपुर, । लव जिहाद को लेकर जताई जा रही आशंका सच साबित हुई है। जूही लाल कालोनी से जुड़े पांचों आरोपित दोस्त निकले। मोबाइल सीडीआर से उनकी दोस्ती की पुष्टि हो गई है। हालांकि पुलिस अभी तक उस व्यक्ति तक नहीं पहुंच सकी है, जिसे शहर में लव जिहाद के मामलों का मास्टर माइंड बताया जा रहा है।

दूसरे धर्म की लड़कियों को प्रेम जाल में फंसाया

दैनिक जागरण ने 24 अगस्त के अंक में लव जिहाद का गढ़ बनी जूही लाल कालोनी शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। इस कालोनी के पांच युवकों ने शहर के विभिन्न क्षेत्रों से दूसरे धर्म की लड़कियों को अपने प्रेमजाल में फंसाया था, जिसमें शालिनी यादव का प्रकरण खासा चर्चित हुआ। पुलिस इन मामलों को अलग-अलग प्रेम प्रसंग से जोड़कर देख रही थी, लेकिन दैनिक जागरण ने साफ आशंका व्यक्त की थी, इन आरोपितों के आपस में संबंध हैं और योजनाबद्ध तरीके से लड़कियों को प्रेम जाल में फंसाया है।

मोबाइल सीडीआर ने खोला राज

गौरतलब है कि शालिनी यादव मामले में आरोपित फैसल, कल्याणपुर में दो जुलाई को दर्ज मुकदमे के आरोपित शाहरुख( पुत्र कमाल)और शाहरुख( पुत्र खलील), पनकी में दर्ज मुकदमे के आरोपित मौहम्मद मोसिन व आमिर के संबंध लाल जूही कालोनी से निकले थे। एसआइटी के प्रभारी सीओ गोविंदनगर विकास पांडेय ने बताया कि जब पांचों के मोबाइल सीडीआर निकाले गए तो वे एक दूसरे से जुड़े मिले। इनके बीच रोजाना बातचीत के साक्ष्य पुलिस को मिले हैं। इस आधार पर पुलिस आगे की जांच कर रही है।

ये प्रेम था या साजिश

अल्पसंख्यक समुदाय के पांच दोस्त और पांचों ने शहर के अलग-अलग स्थानों से दूसरे धर्म की लड़कियों को प्रेम जाल में फंसाया। यह तथ्य सामने आने के बाद एक बार फिर से सवाल खड़े हो गए हैं कि ये प्रेम है या फिर साजिश। लव जिहाद का मामला उछलने पर पुलिस को आरोपितों के सीडीआर में कुछ संदिग्ध नंबर मिले थे, लेकिन उनकी आगे कडी यूं जुड़ी कि ये पांचों दोस्त निकले जो ऱोज फ़ोन संपर्क में थे।

धर्मपरिवर्तन के आरोपी को कोर्ट से मिली जमानत, प्रेम जाल में फंसा कर जबरन शादी करने का मामला

कानपुर में धर्मपरिवर्तन मामले में आरोपित मोहम्मद मोसीन खां उर्फ समीर को स्पेशल जज एससीएसटी एक्ट कोर्ट से जमानत मिल गई है। एक-एक लाख की दो जमानतों व निजी मुचलके पर कोर्ट ने मोसीन को रिहा करने का आदेश कर दिया है।

पनकी थाने में 24 अगस्त को मौहम्मद. मोसीन खान उर्फ समीर खान, मौहम्मद फैसल व आमिर व शाहरुख, मौहम्मद शाहरुख के खिलाफ धमकाने व एससीएसटी एक्ट के तहत रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। पांचों लोगों पर गैंग बनाकर लड़कियों को जबरन प्रेमजाल में फंसाकर अपहरण करने और निकाह के नाम पर धर्मपरिवर्तन कराने का आरोप लगा था। चार आरोपी जेल में हैं। मो. फैजल फरार है। कोर्ट ने मोसीन की जमानत अर्जी स्वीकार कर ली है।

पीड़िता वयस्क, कहीं भी जाने को स्वतंत्र
धर्मपरिवर्तन मामले में पनकी की पीड़िता की सुपुर्दगी को लेकर पीड़िता के पिता और ससुर के बीच चली खींचतान पर कोर्ट ने हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है। सीएमएम चिंताराम ने दोनों के प्रार्थना पत्रों का निस्तारण करते हुए आदेश दिया कि पीड़िता 25 वर्षीय वयस्क है और अपनी मर्जी से कहीं भी जाने के लिए स्वतंत्र है। वह जहां जाना चाहे विवेचक उसे सुरक्षित पहुंचा दें।

पीड़िता ने कोर्ट में दिए बयान में माता-पिता के साथ जाने से इनकार कर दिया था। तब पीड़िता को नारी निकेतन भेजा गया था। इस दौरान पीड़िता के ससुर ने जहां कोर्ट में निकाह का हवाला देते हुए अपनी बहू की सुपुर्दगी मांगी वहीं पीड़िता के पिता ने जबरन धर्म परिवर्तन कर बरगलाने और असुरक्षा की बात कहकर बेटी की सुपुर्दगी मांगी थी।

धर्म परिवर्तन कराने के लिए पाकिस्तान से फंडिंग, एसआईटी जांच में बड़ा खुलासा

कानपुर शहर में हिंदू समुदाय की युवतियों को प्रेम संबंध में फंसाकर शादी करने के बाद जबरन धर्मपरिवर्तन कराने के खेल में पाकिस्तानी संगठनों का हाथ होने की बात सामने आई है। एसआईटी को मिली जानकारी के अनुसार जबरन धर्मपरिवर्तन कराने वालों को इन्हीं संगठनों की ओर से फंडिंग भी की जा रही है।

पाकिस्तानी संगठन दावते इस्लामी के 50 हजार से अधिक अनुयायियों के शहर में रह कर समुदाय के लोगों की मानसिकताबदलने की जानकारी मिली है। एसआईटी ने मुखबिरों को सतर्क कर उनकी हर गतिविधि पर नजर रखने के आदेश दिए हैं। टीम एक सप्ताह में अपनी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को सौंप सकती है। शहर में जबरन धर्मपरिवर्तन के कई मामले मिलने के बाद आईजी मोहित अग्रवाल ने जांच के लिए एसआईटी का गठन किया था।
एसआईटी के प्रभारी सीओ विकास पांडेय ने बताया कि सभी मामलों की जांच करने के बाद पता चला कि सभी आरोपियों का जुड़ाव शहर की ऐसी मस्जिदों से है, जहां पाकिस्तान कट्टरपंथी विचारधारा के संगठन दावते इस्लामी का कब्जा है। संगठन के अनुयायी शहर का हेडक्वार्टर कही जाने वाली डिप्टी पड़ाव स्थित एक मस्जिद से संगठन का संचालन कर जबरन धर्मपरिवर्तन कराने की सोच का प्रचार प्रसार करते हैं।

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