तो अर्णव को सबक सिखाने को है सीबीआई से जनरल कंसेंट वापसी महाराष्ट्र में?

विश्लेषण:महाराष्ट्र सरकार ने CBI जांच की जनरल कंसेंट वापस ली; क्या अटक जाएगी सुशांत केस की जांच?
22 मिनट पहले

अब CBI को महाराष्ट्र में जांच के लिए लेनी होगी राज्य सरकार की इजाजत
इससे पहले राजस्थान, पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ ने भी ली थी कंसेंट वापस

महाराष्ट्र सरकार ने बुधवार को नोटिफिकेशन जारी कर केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को दी गई जनरल कंसेंट वापस ले ली है। इसका मतलब यह है कि महाराष्ट्र में किसी भी जांच शुरू करने से पहले CBI को राज्य सरकार की इजाजत लेनी होगी। यह एक राजनीतिक फैसला है, जो इससे पहले भी केंद्र सरकार के कथित हस्तक्षेप को रोकने के लिए कुछ राज्य ले चुके हैं। तो क्या असर होगा महाराष्ट्र सरकार के फैसले का? क्या सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले की CBI जांच प्रभावित होगी? आइए जानते हैं कि इस पर कानून क्या कहता है…

महाराष्ट्र सरकार का क्या फैसला है?

महाराष्ट्र सरकार ने 21 अक्टूबर को जारी आदेश में कहा है कि वह दिल्ली स्पेशल पुलिस एस्टेब्लिशमेंट (DSPE) एक्ट के सेक्शन 6 में मिले अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए CBI को दी गई जनरल कंसेंट वापस लेती है।
यह कोई नया मामला नहीं है। इस समय महाराष्ट्र के अलावा, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल में भी राज्य सरकारों ने जनरल कंसेंट वापस ले रखी है। आंध्र प्रदेश में चंद्रबाबू नायडू की सरकार थी तो उसने जनरल कंसेंट वापस ली थी। लेकिन, जगन मोहन के नेतृत्व में सरकार बनी तो उसने फिर CBI को जनरल कंसेंट दे दी।
CBI के लिए जनरल कंसेंट का क्या मतलब है?

दरअसल, CBI एक केंद्रीय एजेंसी है और कानून-व्यवस्था का मामला राज्य सरकारों के अधिकार क्षेत्र में आता है। CBI अपनी जांच DPSE एक्ट के तहत करती है और किसी भी राज्य में बिना इजाजत के जांच नहीं कर सकती।
CBI तभी जांच शुरू करती है जब कोई राज्य सरकार उससे ऐसा करने के लिए कहती है या हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट उसे ऐसा करने के आदेश देते हैं। चूंकि, हर केस में इजाजत की जरूरत न पड़े, इसके लिए सभी राज्यों ने CBI को इजाजत दे रखी है, जिसे जनरल कंसेंट कहते हैं।
सुशांत केस में महाराष्ट्र सरकार के फैसले का क्या असर होगा?

सीबीआई के पूर्व सीनियर लॉ ऑफिसर वीके शर्मा का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि जिस मामले में जांच के आदेश उसने या हाईकोर्ट ने दिए हैं, उसमें राज्य सरकार की इजाजत की जरूरत नहीं होगी।
इससे यह स्पष्ट है कि सुशांत केस में सीबीआई जांच पर महाराष्ट्र सरकार के फैसले का कोई असर नहीं होगा। सुशांत ही नहीं, जिन मामलों में जांच शुरू हो चुकी है, उन पर भी इस आदेश का असर नहीं पड़ने वाला। महाराष्ट्र सरकार का फैसला रेस्ट्रोस्पेक्टिव नहीं है। यानी पुराने केस पर बेअसर होगा।
…तो क्यों जारी किया है महाराष्ट्र सरकार ने यह आदेश?

दरअसल, सुशांत केस में महाराष्ट्र सरकार सीबीआई जांच नहीं चाहती थी। उसने सुप्रीम कोर्ट में इसका विरोध भी किया था। हाल ही में जब TRP स्कैम की जांच मुंबई पुलिस ने शुरू की तो एक FIR यूपी में दर्ज हुई और राज्य सरकार ने जांच CBI को दे दी।
रिपोर्ट्स के अनुसार महाराष्ट्र सरकार को डर है कि TRP स्कैम की जांच CBI को सौंपने के पीछे रिपब्लिक टीवी के अर्णब गोस्वामी को बचाने की कोशिश हो रही है। इस वजह से उसने जनरल कंसेंट वापस ले ली ताकि मुंबई पुलिस इस मामले की जांच करती रहे।

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