बालासोर रेल दुर्घटना की सुरक्षा आयोग जांच रपट नही होगी सार्वजनिक, सीबीआई जांच जारी

 

Railways Says CRS Report On Odisha Train Accident Won’t Be Made Public To Avoid Influencing CBI Probe
दुर्घटना की CRS जांच रिपोर्ट नहीं होगी सार्वजनिक; दक्षिण-पूर्व रेलवे की GM अर्चना जोशी पद से हटाई गईं

भुवनेश्वर 30 जून।  सूत्रों ने बताया कि रेलवे सुरक्षा आयोग (सीआरएस) ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि यह दुर्घटना सिग्नलिंग और दूरसंचार विभाग के साथ-साथ यातायात में ऑन-ड्यूटी अधिकारियों की मानवीय गलती के कारण हुई। सूत्रों के मुताबिक, अधिकारी ट्रेन परिचालन के लिए निर्धारित मानक संचालन प्रक्रिया का पालन करने में विफल रहे।

ओडिशा ट्रेन दुर्घटना 

इस महीने की शुरुआत में ओडिशा के बालासोर जिले में हुए ट्रेन दुर्घटना को लेकर अब एक बड़ी खबर सामने आई है। रेलवे ने इस दुर्घटना की जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक करने से इनकार कर दिया है। दरअसल, दुर्घटना की जांच कर रहे रेलवे सुरक्षा आयोग (सीआरएस) ने रेलवे बोर्ड को अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी। जिसके बाद आज यानी शुक्रवार को रेलवे ने साफ किया है कि वह तिहरी ट्रेन दुर्घटना पर सीआरएस की जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं करेगा। रेलवे ने इसके पीछे का कारण भी बताया है। विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि ऐसा इसलिए किया गया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि मामले में चल रही सीबीआई की जांच पर कोई हस्तक्षेप न हो। वहीं, दूसरी ओर बालासोर में हुए हादसे को लेकर दक्षिण पूर्व रेलवे की जीएम अर्चना जोशी के ऊपर बड़ी कार्रवाई हुई है। उन्हें पद से हटाकर अनिल कुमार मिश्रा को दक्षिण पूर्व रेलवे का नया जीएम बनाया गया है। कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने इसे मंजूरी दी।

हालांकि इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन कुछ सूत्रों ने बताया कि रेलवे सुरक्षा आयोग (सीआरएस) ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि यह दुर्घटना सिग्नलिंग और दूरसंचार विभाग के साथ-साथ यातायात में ऑन-ड्यूटी अधिकारियों की मानवीय गलती के कारण हुई। सूत्रों के मुताबिक, अधिकारी ट्रेन परिचालन के लिए निर्धारित मानक संचालन प्रक्रिया का पालन करने में विफल रहे।

वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, हम सीआरएस रिपोर्ट पर कुछ भी खुलासा नहीं करेंगे, क्योंकि एक और स्वतंत्र सीबीआई जांच चल रही है। हमें सुनिश्चित करना है कि यह रिपोर्ट किसी भी तरह से अन्य रिपोर्ट को प्रभावित या उसमें हस्तक्षेप न करे। हम दोनों रिपोर्ट का संज्ञान लेंगे और घटना का समग्र मूल्यांकन करेंगे और फिर जो भी आवश्यक कदम होंगे, उठाएंगे। दुर्घटना की जांच कर रहे दक्षिण पूर्वी क्षेत्र के सीआरएस एएम चौधरी ने बृहस्पतिवार को अपनी रिपोर्ट रेलवे बोर्ड को सौंपी। शुक्रवार को बोर्ड के शीर्ष अधिकारियों ने रिपोर्ट पर टिप्पणी करने से इन्कार कर दिया।

दो जून को, बालासोर जिले में तीन ट्रेनों के आपस में टकराने से हुए भीषण में दुर्घटना में मृतकों की संख्या बढ़कर 293 पहुंच गई है। बाहानगा बाजार रेलवे स्टेशन के पास कोरोमंडल एक्सप्रेस मुख्य लाइन के बजाय पासिंग लूप में घुस गई और एक खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई। इसके बाद बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस भी पटरी पर पलटे डिब्बों से टकरा गई थी। सीआरएस जांच के अलावा, सीबीआई भी इस रेल दुर्घटना की जांच कर रही है। दुर्घटना के बाद रेलवे ने दक्षिण पूर्व रेलवे के कई शीर्ष अधिकारियों को स्थानांतरित कर दिया है। प्रारंभिक जांच में रेल दुर्घटना के संभावित कारण के रूप में लापरवाही से या इरादे से सिग्नल से हस्तक्षेप की बात सामने आई थी।

कल हो गई थी एक और घायल की मौत

बालासोर ट्रेन दुर्घटना में घायल 24 वर्षीय मनीष कुमार ने गुरुवार को कटक के एससीबी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था। इसके बाद हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़कर 293 हो गई। मनीष बिहार के पूर्वी चंपारण जिले का रहने वाला था। उसका अस्पताल के सेंट्रल आईसीयू में इलाज चल रहा था, गुरुवार दोपहर करीब 1.30 बजे मनीष की मौत हो गई। मनीष को गंभीर चोटों के कारण तीन जून को अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

22 अन्य लोगों का भी चल रहा है इलाज

अस्पताल के सूत्रों ने बताया कि 22 अन्य घायल यात्रियों का सरकारी एससीबीएमसीएच में इलाज चल रहा है, जिनमें से पांच आईसीयू में हैं और 17 विभिन्न वार्डों में भर्ती हैं। वहीं, अभी 81 शवों को उनके परिवार के सदस्यों को सौंपा जाना बाकी है, इन शवों को एम्स भुवनेश्वर में संरक्षित किया गया है। फिलहाल शवों की पहचान के लिए डीएनए जांच की प्रक्रिया चल रही है।

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