रामपाल का आश्रम सील,भवन और गतिविधियां दोनों थी आपत्तिजनक
Baba Rampal Satlok Ashram located in Dahriya Haldwani sealed
बाबा रामपाल का संतलोक आश्रम सील, भारी फोर्स की मौजूदगी में कार्रवाई; ऐसे हो रहा था संचालित
हल्द्वानी 14 मई 2025 । डहरिया स्थित बाबा रामपाल के संतलोक आश्रम को सील कर दिया। उक्त भवन का मानचित्र आवासीय श्रेणी में स्वीकृत था लेकिन आश्रम संचालकों ने स्वीकृत भवन मानचित्र के विपरीत यहां नियम विरुद्ध निर्माण कार्य कराया था।
बाबा रामपाल का संतलोक आश्रम सील
जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण की टीम ने यहां धान मिल तिराहे के समीप डहरिया में मुनिंदर धर्मार्थ ट्रस्ट की ओर से संचालित बाबा रामपाल के संतलोक आश्रम को सील कर दिया। उक्त भवन का मानचित्र आवासीय श्रेणी में स्वीकृत था लेकिन आश्रम संचालकों ने स्वीकृत भवन मानचित्र के विपरीत यहां नियम विरुद्ध निर्माण कार्य कराया था। इस दौरान मौके पर भारी संख्या में पुलिस और अर्धसैनिक बलों के जवान मौजूद थे.
बुधवार को प्राधिकरण के संयुक्त सचिव और सिटी मजिस्ट्रेट एपी बाजपेयी के नेतृत्व में प्राधिकरण की टीम बाबा रामपाल के आश्रम में पहुंची। टीम ने आश्रम में मौजूद लोगों को आश्रम खाली करने को कहा। जिसके बाद वहां मौजूद लोगों ने अलग अलग कमरों से जरूरी सामान बाहर निकाला। सामान बाहर निकालने के बाद टीम ने एक के बाद एक आश्रम के सभी कमरों को सील करने की कार्रवाई की। अंत में आश्रम के मुख्य गेट को भी सील कर दिया गया।
संयुक्त सचिव बाजपेयी ने बताया कि उक्त भवन का नक्शा आवासीय श्रेणी में स्वीकृत था, लेकिन आश्रम संचालकों ने मौके पर भूतल, प्रथम तल व आंशिक द्वितीय तल पर सैट बैक को प्रभावित कर अवैध रूप से अतिरिक्त निर्माण कार्य कराया था। विभागीय जांच में यह शिकायत सही पाई गई थी जिसके बाद आश्रम संचालकों को नोटिस जारी कर उनका चालान भी किया गया था। बताया कि यह मामला संयुक्त सचिव की कोर्ट में विचाराधीन था। बुधवार को कोर्ट ने उत्तराखंड नगर एवं ग्राम नियोजन तथा विकास अधिनियम 1973 की धारा 15 के उल्लंघन व नियम विरुद्ध किए गए निर्माण कार्यों को देखते हुए उक्त भवन को सील करने के आदेश पारित किए। कोर्ट के आदेश में यह भी कहा गया कि चूंकि आश्रम में अत्यधिक लोगों का आना जाना लगा रहता है, ऐसे में यहां कभी भी शांति भंग और जनहानि हो सकती है। इस दौरान मौके पर एसपी सिटी प्रकाश चंद्र, सीओ नितिन लोहनी, कोतवाल राजेश कुमार समेत कई लोग मौजूद रहे।
29 अप्रैल को आश्रम में जुटे थे 500 से अधिक लोग
अधिकारियों के मुताबिक डहरिया में जब से बाबा रामपाल का आश्रम स्थापित हुआ है तभी से रोजाना वहां बाहरी लोगों का आना जाना लगा रहता था। इसी साल 29 अप्रैल को इस आश्रम में पांच सौ से अधिक लोग एकत्र हुए थे। उक्त भवन का उपयोग आश्रम व सत्संग भवन के रूप में किया जा रहा था।
आश्रम की गतिविधियों पर स्थानीय लोगों ने जताया था संदेह
इसी साल तीन मई को डहरिया क्षेत्र के कई लोगों ने नगर मजिस्ट्रेट को ज्ञापन देकर बाबा रामपाल के आश्रम में संचालित गतिविधियों पर संदेह जताते हुए जांच की मांग की थी। लोगों का कहना था कि अक्सर आश्रम में बाहरी क्षेत्रों से देर रात कई महिलाएं और पुरुष आते हैं जो सुबह होने से पहले ही वहां से चले जाते हैं। बताया गया था कि हर रविवार को यहां 100-200 बाहरी लोग भी पहुंचते हैं। इसके अलावा पूर्व में कुछ हिंदूवादी संगठनों ने आश्रम की गतिविधियों को लेकर प्रशासन के पास शिकायत की थी।
धर्म विरोधी पुस्तकें बांटने का मामला भी आया था चर्चा में
जुलाई 2023 में देवलचौड़ चौराहे में कुछ लोगों द्वारा धर्म विरोधी पुस्तकें बांटने का भी आरोप लगा था। इस मामले में विहिप के जिला मंत्री गिरीश चंद्र पांडे ने कोतवाली में रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी। कहा गया था कि कुछ लोग ऐसी किताबें बांट रहे हैं जिसमें हिंदू समाज और देवी देवताओं के लिए अपमानजक बातें लिखी गई हैं। इन किताबों का ताल्लुक भी बाबा रामपाल के आश्रम से बताया गया था।
पूरी तैयारी के साथ निकली थी प्राधिकरण की टीम
बाबा रामपाल के आश्रम को सील करने से पहले प्राधिकरण की टीम पूरी तैयारी के साथ निकली थी। आशंका थी कि सीलिंग के दौरान बाबा के अनुयायी शांति भंग कर सकते हैं। इसे देखते हुए ही प्राधिकरण के अधिकारियों ने भारी संख्या में पुलिस और अर्धसैनिक बलों के जवानों को साथ लिया था, हालांकि मौके पर ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। आश्रम में मौजूद तीन चार कर्मचारियों ने आश्रम को सील करने से पहले जरूरी सामान बाहर निकाल लिया था।