सोमवार से सुको में मोदी की सुरक्षा पर सुनवाई, किसानों और पन्नू की एनीमेटेड फिल्मों का जिक्र
PM Modi Security Lapse : सीमा पार से पीएम मोदी को खतरा! सुरक्षा में चूक पर क्या बता रहीं खुफिया रिपोर्ट्स
पीएम नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक की जांच के लिए केंद्र सरकार ने कमिटी बनाई है। इस बीच, एक खुफिया रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रधानमंत्री को सीमा पार से खतरा हो सकता है।
हाइलाइट्स
+पिछले दिनों पंजाब में हुई थी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक
+सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा मामला, सभी रिकॉर्ड सुरक्षित रखने के आदेश
+खुफिया रिपोर्ट में कहा गया, पीएम की जान को सीमा पार से है खतरा
+पीएम की सुरक्षा में चूक की जांच के लिए केंद्र सरकार ने बनाई कमिटी
नई दिल्ली 07 जनवरी।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक पर पंजाब ने केंद्र सरकार को भेजी रिपोर्ट में कहा है कि रास्ते में किसान प्रदर्शन ‘अचानक’ हुआ। केंद्र सरकार ने मामले की जांच को समिति गठित की है। पीएम की सुरक्षा में चूक का मसला सुप्रीम कोर्ट में भी उठा। अदालत ने पंजाब हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को पीएम की यात्रा से जुड़े सभी रिकॉर्ड सुरक्षित रखने का निर्देश दिया है। लेकिन सबको पता है कि अब फैसला जनता के बीच ही होगा। इसलिए सभी पक्ष अपने पक्ष में धारणा गढ़ने में जुट गए हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब HC को पीएम मोदी की यात्रा रिकॉर्ड संरक्षित करने का दिया निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल को पीएम मोदी की पंजाब यात्रा के रिकॉर्ड सुरक्षित और संरक्षित करने का निर्देश दिया।
शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल को पीएम मोदी की पंजाब यात्रा रिकॉर्ड सुरक्षित और संरक्षित करने का निर्देश दिया। CJI एनवी रमना, जस्टिस हिमा कोहली और सूर्य कांत की सुप्रीम कोर्ट की बेंच ‘वकील की आवाज’ संगठन की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें पीएम मोदी के सुरक्षा उल्लंघन की न्यायिक जांच की मांग की गई थी।
उन्होंने कहा कि सुरक्षा में चूक चरणजीत सिंह चन्नी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने जानबूझकर की थी, उन्होंने मामले की स्वतंत्र जांच और पंजाब के मुख्य सचिव अनिरुद्ध तिवारी और डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय को निलंबित करने की मांग की।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “हम पंजाब पुलिस अधिकारियों, एसपीजी, अन्य केंद्रीय और राज्य एजेंसियों को सहयोग करने और रजिस्ट्रार जनरल को आवश्यक सहायता प्रदान करने का निर्देश देते हैं। हम रजिस्ट्रार जनरल को सभी रिकॉर्ड सुरक्षित रखने का निर्देश देते हैं।” कोर्ट ने रजिस्ट्रार जनरल की सहायता को चंडीगढ़ के डीजी और एक एनआईए अधिकारी को नोडल अधिकारी नियुक्त किया। इसके अलावा, शीर्ष अदालत ने जोर देकर कहा कि पंजाब सरकार और एमएचए द्वारा सुरक्षा चूक की जांच को नियुक्त समितियों का कामकाज सोमवार, 10 जनवरी को अगली सुनवाई तक रोक दिया जाएगा। उधर, सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय से जांच और सुनवाई में एन आई ऐ को भी शामिल करने का अनुरोध किया है।
सुनवाई का विवरण
याचिकाकर्ता के वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह ने एसपीजी अधिनियम के हवाला से कहा कि यदि प्रधानमंत्री चाहें तो खुद अपना सुरक्षा कवर कम नहीं कर सकते। वकील मनिंदर सिंह ने टिप्पणी की, ” अधिनियम में, यह राज्य कानून और व्यवस्था का विषय नहीं , एक राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा है। साथ ही, तथ्य यह है कि इस यात्रा पर, जब पीएम मोदी को फिरोजपुर जाना था, वहां 20 मिनट का अपरिहार्य ठहराव! ऐसा दोबारा नहीं होना चाहिए।”
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को इसकी जांच करने की अनुमति नहीं दी जा सकती। राज्य सरकार की उच्चाधिकार प्राप्त समिति का सदस्य गृह सचिव तो खुद आरोपित है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने “दुर्लभ से दुर्लभ मुद्दों में से एक” का संज्ञान लेने के लिए अदालत का आभार व्यक्त किया, जिसमें अंतरराष्ट्रीय शर्मिंदगी पैदा करने की क्षमता थी। आतंकी संगठन सिख फॉर जस्टिस संस्थापक गुरपतवंत सिंह पन्नू के वीडियो का जिक्र करते हुए, जिन्होंने पीएम मोदी की रैली को रोकने को $ 1,00,000 के इनाम की घोषणा की, मेहता ने सीमा पार आतंकवाद की साजिश की संभावना का संकेत दिया।
Gurpatwant Singh Pannu, the leader of the terrorist group Sikhs For Justice, has released yet another incendiary video in which he threatened Prime Minister Narendra Modi, claiming that Khalistanis are ready to secede Punjab from India.#NarendraModi #PMSecurityLapse
#SFJ pic.twitter.com/GgwHsviyBt
— Organiser Weekly (@eOrganiser) January 6, 2022
एसजी तुषार मेहता ने कहा, “जब पीएम का काफिला चलता है, तो पहले राज्य डीजी से सलाह से ही पीएम के काफिले का रास्ता सुरक्षित माना जाता हैं। डीजी ने कोई रुकावट नहीं बताई। उल्टा स्थानीय पुलिस वहां चाय की चुस्कियां ले रही थी।” याचिकाकर्ता की जांच की मांग का समर्थन करते हुए उन्होंने सुझाव दिया कि एनआईए इसमें मदद कर सकता है।
2 दिन पहले यह वीडियो सिख फॉर जस्टिस ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से डाला था
और आज यह घटना हुई
क्या आप लोगों को यह किसान आंदोलन लगता है@PMOIndia pic.twitter.com/dmjlJoaxDr— 🇮🇳®️𝐒𝐢𝐧𝐠𝐡 🇮🇳 (@singh55_) January 5, 2022
पंजाब के महाधिवक्ता डीएस पटवालिया ने जोर दिया कि राज्य सरकार इस मुद्दे को हल्के में नहीं ले रही। जांच को सहमति देते हुए, उन्होंने एसपीजी आईजी एस सुरेश को एमएचए समिति का हिस्सा होने पर आपत्ति जताई कि वह पीएम मोदी की समग्र सुरक्षा को जिम्मेदार थे। उधर दिन में, एमएचए समिति ने घटनास्थल देखा और मोगा, फरीदकोट, बठिंडा और फिरोजपुर के पुलिस अधिकारियों को तलब किया।
पीएम की सुरक्षा का जिम्मेदार फोर्स, स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) अपने स्तर पर मामले की जांच कर रही है। इस बीच, हमारे हाथ लगी खुफिया रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रधानमंत्री को सीमा पार से कई खतरे हैं।
खुफिया रिपोर्ट में क्या है?
इंटेल नोट के अनुसार, पंजाब सरकार को खतरे के बारे में पता था मगर कोई ऐक्शन नहीं लिया गया। नोट के मुताबिक, पंजाब सरकार को फिरोजपुर में होती स्मगलिंग के बारे में जानकारी देते हुए बताया गया था कि उनसे पीएम मोदी को कैसा खतरा है। नोट में कहा गया कि चूंकि भारत-पाक सीमा से मुख्य कार्यक्रम स्थल की दूरी 14-15 किलोमीटर है, ऐसे में मोदी को ‘ऑपरेशनल और पोजिशनल’, दोनों तरह के खतरे हैं। नोट के अनुसार उस इलाके में जमीन और हवा के जरिए नारकोटिक्स, आर्म्स और अम्युनिशंस की स्मगलिंग खूब होती है।
पंजाब ने केंद्र को भेजी रिपोर्ट
गृह मंत्रालय की पीएम की सुरक्षा में चूक पर मांगी रिपोर्ट में मुख्य सचिव अनिरुद्ध तिवारी ने कहा है कि जिस प्रदर्शन से इंतजाम बिगड़े, वह ‘अचानक और सहज’ था। प्रधानमंत्री का रूट ‘क्लियर’ था। नौ किसान संगठनों के प्रदर्शन को अधिक संख्या में सुरक्षा कर्मी तैनात किए गए थे। हालांकि प्रदर्शनकारी अचानक मौके पर पहुंच गए जिससे घटना हुई।
गृह मंत्रालय ने जांच को बनाई कमिटी
चूक की जांच को केंद्र ने कमिटी का गठन किया है। सोशल मीडिया पोस्ट में, गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि ‘गृह मंत्रालय (MHA) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 5 जनवरी को पंजाब के फिरोजपुर यात्रा के दौरान सुरक्षा व्यवस्था में गंभीर चूक की जांच को समिति बनाई है। इस चूक से वीवीआईपी को गंभीर सुरक्षा जोखिम हुई।
मसले पर बंटी दिख रही कांग्रेस
प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक के मुद्दे पर कांग्रेस बंटी हुई है। पूूूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ के प्रकरण पर सार्वजनिक नाराज़गी दर्शाने के बाद पंजाब से पार्टी सांसद मनीष तिवारी ने शुक्रवार को केंद्र और राज्य की दो अलग-अलग जांचों की बजाय सिर्फ एक जांच कमिटी की मांग की। उन्होंने ट्वीट किया, ‘पीएम की सुरक्षा संबंधित संवेदनशील मुद्दे पर भी, पंजाब सरकार और GOI ने 2 अलग-अलग जांच के आदेश दिए है। दोनों जांचों का विलय हो और एचसी-एससी न्यायाधीश एक ही जांच करें।’
सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब HC के रजिस्ट्रार जनरल को दिया निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल को पीएम की पंजाब यात्रा से जुड़े सभी रिकॉर्ड सुरक्षित करने का निर्देश दिया। राज्य और केंद्रीय समितियों से सोमवार को कोर्ट में मामले की सुनवाई तक जांच से विरत रहने को कहा। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इस घटना को ‘दुर्लभ से दुर्लभतम मुद्दा’ बताया।
PM की सुरक्षा में पहले भी दिखी दरार
2014: पटना में सार्वजनिक रैली में मुस्लिम आतंकियों के विस्फोट में मोदी ने गजब की सूझबूझ और धीरज दिखा भगदड़ से भारी संख्या में मौतें बचाई थी।
2 फरवरी 2019: सुरक्षा में सेंध के बाद छोटा किया भाषण
पश्चिम बंगाल के अशोकनगर में PM मोदी रैली संबोधित कर रहे थे। रैली के बीच हलचल मचने से भगदड़ हो गई। बैरिकेड्स तोड़कर भीड़ स्टेज की तरफ बढ़ने लगी। मोदी ने अपना भाषण 20 मिनट में ही खत्म किया और SPG ने उन्हें वहां से सुरक्षित बाहर निकाला।
26 मई 2018: PM तक पहुंच गया एक शख्स
विश्व भारती में दीक्षांत समारोह में नादिया का एक युवक SPG सिक्योरिटी से गुजरते हुए सीधे मोदी के पास पहुंच गया। जब तक गार्ड्स उसे पकड़ते, उसने मोदी के पैर छू लिए।
25 दिसंबर 2017: नोएडा में काफिले की दिशा गड़बड़ाई
नोएडा दौर पर पीएम काफिले में आगे चलते दो पुलिसकर्मियों वालों ने गलत मोड़ ले लिया। इससे PM मोदी का काफिला महामाया फ्लाई ओवर के ट्रैफिक में दो मिनट फंसा रहा। तब मोदी बॉटैनिकल गार्डेन- कालकाजी मेट्रो लाइन का उद्घाटन करने गए थे।
7 नवंबर 2014: PM तक पहुंचा शख्स
महाराष्ट्र के वानखेडे स्टेडियम में देवेंद्र फडणवीस का शपथ ग्रहण में मोदी, अमित शाह समेत कई VVIP मौजूद थे। तभी एक शख्स मोदी के पास मंच तक पहुंच गया। उसके पास न पहचान पत्र था और न कोई पास। उसने शाह, फडणवीस और उद्धव ठाकरे के साथ सेल्फी भी ली
PM खुद भी कई बार तोड़ चुके प्रोटोकॉल
PM मोदी खुद भी कई बार सिक्योरिटी प्रोटोकॉल तोड़कर लोगों से मिलते-जुलते रहते हैं। हाल ही में विश्वनाथ कॉरिडोर के लोकार्पण को वाराणसी पहुंचे PM मोदी ने कई जगह प्रोटोकॉल तोड़ा। विदेशी मेहमानों के स्वागत में भी PM मोदी कई बार प्रोटोकॉल तोड़ चुके हैं