पशु तस्कर इनामुल हक फिर 10 अरब के हवाला कारोबार में बंदी

सीमा पर पशु तस्कर मामले में ED की बड़ी कार्रवाई, 1000 करोड़ से ज्यादा का हवाला कारोबारी इनामुल हक गिरफ्तार

सूत्रों के मुताबिक पश्चिम बंगाल से बांग्लादेश में मवेशी व्यापार का हर महीने करोड़ों रुपए का अवैध कारोबार का मामला बेहद गंभीर है.
सूत्रों के मुताबिक पश्चिम बंगाल से बांग्लादेश में मवेशी व्यापार का हर महीने करोड़ों रुपए का अवैध कारोबार का मामला बेहद गंभीर है.
Cross-border Cattle Smuggling Case: जांच एजेंसी के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक इस मामले में कुछ राजनीतिक शह पर कई बड़े हवाला कारोबारियों, पशु तस्करों का कनेक्शन सामने आ सकता है. इसके साथ ही इसकी मदद करने वाले कई पुलिस अधिकारी अज्ञात आरोपियों के खिलाफ तफ्तीश की जा रही है

शंकर आनंद
नई दिल्ली 19 फरवरी. केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए पश्चिम बंगाल के पशु तस्करी और हवाला कनेक्शन से जुड़े मामले में अवैध मवेशी व्यापार का मास्टरमाइंड मोहम्मद इनामुल हक (Hawala Operator Inamul Haq) को गिरफ्तार कर लिया है. जांच एजेंसी के सूत्रों के मुताबिक दिल्ली स्थित मुख्यालय में कल पूछताछ के लिए इनामुल को बुलाया गया था. पूछताछ के बाद तमाम सबूतों और बयान के मुताबिक मिले महत्वपूर्ण सुराग के आधार पर उसे गिरफ्तार कर लिया गया.

गिरफ्तारी के बाद इनामुल के परिजनों को औपचारिक तौर पर सूचित किया गया. शनिवार को ईडी की टीम आरोपी को दिल्ली स्थित रॉऊज एवेन्यू कोर्ट में पेश करके ,कोर्ट से उसकी रिमांड मांगेगी और हिरासत में लेने के बाद आगे विस्तार से पूछताछ की जाएगी. जांच एजेंसी के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक इस मामले में कुछ राजनीतिक शह पर कई बड़े हवाला कारोबारियों, पशु तस्करों का कनेक्शन सामने आ सकता है. इसके साथ ही इसकी मदद करने वाले कई पुलिस अधिकारी अज्ञात आरोपितों के खिलाफ खोजबीन की जा रही है।

मास्टरमाइंड की राजनीतिक गलियारों में भी रही है पकड़

सूत्रों के मुताबिक पश्चिम बंगाल से बांग्लादेश में मवेशी व्यापार का हर महीने करोड़ों रुपए का अवैध कारोबार का मामला बेहद गंभीर है. केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने साल 2020 में एक एफआईआर दर्ज करके कई आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई की थी, बाद में उसी मामले को आधार बनाते हुए ईडी ने मामला दर्ज किया था. ईडी के अनुसंधान में पता चला कि अवैध मवेशी व्यापार का मास्टरमाइंड मोहम्मद इनामुल हक है जो तकरीबन 1000 करोड़ से भी ज्यादा का हवाला कारोबार कर चुुुुका है। यह करोड़ो रुपये हवाला के मार्फत उन सरकारी अधिकारियों और उसके कनेक्शन से जुड़े लोगों को देता है ,जो उसके इस काला धंधा को आगे बढ़ाने में मदद करता रहा है. इस काले धंधे के लिए भारत-बांग्लादेश के बॉर्डर इलाके में तैनात सीमा सुरक्षा बल (BSF ) के कुछ जवानों और अधिकारियों के साथ सांठगांठ करके अवैध तौर पर पशुुुधन की तस्करी की जाती रही है. इस तस्करी के धंधे को गुलाम मुस्तफा , अनारूल प्रमुख तौर पर सहयोगी हैं.

पिछले कई सालों से पशुओं का अवैध धंधा कर रहा है इनामुल हक

ईडी मुख्यालय की टीम द्वारा अवैध मवेशी व्यापार का मास्टरमाइंड मोहम्मद इनामुल हक को शुक्रवार को पूछताछ के लिए बुलाया गया था ,जो पिछले कई सालों से कई भ्रस्ट अधिकारी और हवाला कारोबारियों की मदद से इसे चलाया जा रहा था ,पूछताछ के दौरान उससे उसके पश्चिम बंगाल के सीमावर्ती जिला जैसे मालदा , नदिया ,मुर्शिदाबाद , उत्तर 24 परगना सहित अन्य इलाकों में कौन -कौन उसके सहयोगी हैं ,किस-किस सरकारी अधिकारियों, कर्मचारियों , अर्धसैनिक बल के जवानों के साथ उसके कनेक्शन हैं इस मामले में विस्तार से पूछताछ की गई, इसके साथ ही कौन कौन उसे मदद करता है ,उसके बारे में भी पूछताछ की गई.

ईडी की तफ़्तीश के दौरान मोहम्मद इनामुल हक की तीन कंपनियों के बारे में भी और उससे जुड़े तमाम संदिग्ध बैंकिंग लेनदेन के बारे में पूछताछ की गई. ईडी की टीम द्वारा हक़ इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड , ईएम ट्रेडर्स प्राइवेट लिमिटेड के बारे में पूछताछ की गई थी. इन तीनों कंपनियों का निदेशक खुद इनामुल है.

अंतरराष्ट्रीय तस्कर मोहम्मद इनामुल हक को सुप्रीम कोर्ट से मिली थी जमानत: करोड़ों के अवैध पशु तस्करी मामले में है मुख्य आरोपित

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (24 जनवरी 2022) को करोड़ों के पशु तस्करी मामले के मास्टरमाइंड मोहम्मद इनामुल हक (Mohammed Enamul Haque) को जमानत दे दी थी। पश्चिम बंगाल में पशुओं की अंतरराष्ट्रीय तस्करी करने वाले इनामुल पर भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम (एमडी इनामुल हक बनाम सीबीआई) से संबंधित कई धाराओं में आरोप लगाए गए थे।

जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और दिनेश माहेश्वरी की बेंच ने कलकत्ता हाई कोर्ट के नवंबर 2021 के आदेश के खिलाफ फैसला सुनाया है, जिसमें हक की जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी। कोर्ट ने कहा कि अब इस मामले में आरोपित को जेल में बंद रखना जरूरी नहीं है। कोच्चि में दर्ज मामले में उसे कानूनन जमानत मिल ही गई थी। वह नवंबर 2020 से जेल में ही था, जबकि चार्जशीट 2021 में दाखिल हुई थी। इस तरह अब चार्जशीट दाखिल होने के बाद उसे जमानत पर जेल से बाहर निकाला जा सकता है। इसमें कोई दिक्कत नहीं है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस मामले की जाँच में पाया गया है कि पश्चिम बंगाल के रोशनबाग में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की एक बटालियन के पूर्व कमांडेंट ने भारत-बांग्लादेश बॉर्डर के पास पशु तस्करों से रिश्वत ली थी। जब बाद में उन्हें केरल के एलेप्पी रेलवे स्टेशन पर अधिकारियों ने पकड़ा, तो उनके पास से 43 लाख रुपए बरामद हुए थे। वो भी जमानत पर रिहा हो चुके हैं। हक पर कमांडेंट को रिश्वत देने का आरोप लगाया गया था।

तस्करी के आरोपित हक की पैरवी करते हुए सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने अदालत में कहा कि उनका मुवक्किल 6 नवंबर, 2021 से जेल में है, जबकि बीएसएफ कमांडेंट सहित अन्य सभी आरोपितों को जमानत पर छोड़ दिया गया है। रोहतगी ने बताया कि जिन अपराधों के लिए हक पर आरोप लगाया गया है, उनमें अधिकतम सात साल कैद की सजा हो सकती है। उन्होंने कहा कि आरोपों की जाँच सीबीआई की सौंपी गई है, जबकि राज्य ने सीबीआई को जाँच के लिए मना कर रखा है।

बता दें कि सीबीआई जाँच में सामने आया था कि अवैध मवेशी व्यापार का मास्टरमाइंड मोहम्मद इनामुल हक 1000 करोड़ रुपए के अधिक का हवाला नेटवर्क चलाता था। वह पशु तस्करों के लिए अवैध रूप से धन का लेन-देन करता था। हक अवैध पशु तस्करी वह अपने साथी गुलाम मुस्तफा और अनारूल शेख के साथ मिलकर चलाता था। इस मामले में सीबीआई ने 36वें बटालिएन के बीएसएफ कमांडेंट सतीश कुमार को भी सितंबर 2021 में गिरफ्तार किया था।

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