फिर चौकाया: डॉ. मोहन यादव मप्र के मुख्यमंत्री, भाजपा ने साधा उप्र और बिहार

मोहन यादव: जिस नाम की कोई चर्चा नहीं वो बनेंगे मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री
मोहन यादव

भाजपा ने चौंकाने वाले फैसलों के क्रम में डॉक्टर मोहन यादव को मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाने की घोषणा की है. मोहन यादव को पार्टी विधायक दल का नेता चुना गया है. इसके बाद उन्हें मुख्यमंत्री बनाने की घोषणा कर दी गई.

राज्य में जगदीश देवड़ा,राजेंद्र शुक्ला दो उपमुख्यमंत्री भी होंगे. जबकि पूर्व केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर विधानसभा अध्यक्ष होंगे.

डॉक्टर मोहन यादव तीसरी बार विधायक बने हैं. वो शिवराज सिंह चौहान सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री थे. डॉक्टर मोहन यादव के नाम की घोषणा के साथ शिवराज सिंह चौहान की विदाई तय हो गई.

भारतीय जनता पार्टी ने हालिया विधानसभा चुनाव में राज्य की 230 विधानसभा सीटों में से 163 जीती हैं. भाजपा ने चुनाव से पहले मुख्यमंत्री के तौर पर किसी नेता का नाम सामने नहीं रखा था.
डॉक्टर मोहन यादव 2013 में पहली बार विधायक बने थे. उन्हें आरएसएस का करीबी बताते हैं.मोहन यादव अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से भी जुड़े रहे हैं.वो मध्य प्रदेश कुश्ती एसोसिएशन के अध्यक्ष हैं.

बहन ने बताया, नाम चल रहा था
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इस बैठक से पहले राष्ट्रीय स्तर पर मोहन यादव का नाम भावी मुख्यमंत्री के रुप में शायद ही किसी ने सुना हो लेकिन उनकी बहन का दावा है कि स्थानीय स्तर पर उनके नाम की चर्चा थी. मोहन यादव की बहन ने कहा, “चल रहा था नाम. लेकिन पूरा पता नहीं था.”
मोहन यादव की बहन ने कहा कि उनके भाई को मेहनत का फल मिला है.

बीते आठ दिनों में, मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री के रूप में, कई लोगों के नाम का अनुमान लगाया गया.

डॉक्टर मोहन यादव इन अनुमानों में भी शामिल नहीं थे. विधायक दल में नेता चुने जाते ही अचानक डॉक्टर मोहन यादव का नाम टीवी स्क्रीनों पर फ्लैश हुआ और इसी के साथ ये भी तय हो गया कि डॉक्टर मोहन यादव मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री होंगे.

डॉक्टर मोहन यादव का राजनीतिक सफ़र
डॉक्टर मोहन यादव

डॉक्टर मोहन यादव अरसे से संघ से जुड़े रहे हैं.वो काफी पहले से संघ के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े गए थे.

1982 में वो माधव विज्ञान महाविद्यालय छात्र संघ के सह सचिव और 1984 में इसके अध्यक्ष बने. वो 1984 में उज्जैन की अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नगर मंत्री बने और 1986 में इसके विभाग प्रमुख.

2002-2003 में भाजपा के नगर जिला महामंत्री बने और 2004 में भाजपा की प्रदेश कार्य समिति के सदस्य बने.
2004 में उन्हें सिंहस्थ मध्य प्रदेश की केंद्रीय समिति का अध्यक्ष बनाया गया.समिति के अध्यक्ष को राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त था.उन्हें 2011 में मध्य प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम का अध्यक्ष बनाया गया.ये कैबिनेट मंत्री दर्जे का था.2018 में वो दूसरी बार विधायक बने. उन्हें 2020 में राज्य का उच्च शिक्षा मंत्री बनाया गया.

डॉक्टर मोहन यादव बीएसएसी,एलएलबी और राजनीति विज्ञान से एमए हैं.इसके अलावा उन्होंने एमबीए और पीएचडी भी की है.

पूनम चंद यादव के बेटे डॉक्टर मोहन यादव का जन्म 1965 में हुआ.
डॉक्टर मोहन यादव विवाहित हैं और उनकी पत्नी का नाम है सीमा यादव हैं. उनके दो बेटे और एक बेटी हैं.

शिवराज ने रखा था प्रस्ताव

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मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक विधायकों की बैठक में निवर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने डॉक्टर मोहन यादव के नाम का प्रस्ताव रखा और फिर उस पर मुहर लग गई.

मीडिया की ओर से मौजूदा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से सवाल पूछने की कोशिश की गयी.लेकिन उन्होंने स्पष्ट तौर पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया.इस घोषणा से पहले तक मुख्यमंत्री पद की रेस में शिवराज सिंह के साथ-साथ नरेंद्र तोमर और प्रह्लाद पटेल जैसे भाजपा नेताओं का नाम शामिल बताया जा रहा था.
मध्य प्रदेश में नतीजों की घोषणा तीन दिसंबर को हुई थी. आज हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर समेत तीन पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में नए विधायकों की बैठक हुई. इसमें डॉक्टर मोहन यादव को नेता चुना गया.

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में सोमवार को विधायक दल की बैठक में उनके नाम पर मुहर लगी. बैठक में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अगुवाई में तीन केंद्रीय पर्यवेक्षक भी मौजूद थे.

”मैं छोटा सा कार्यकर्ता, पूरे करूंगा मोदी के सपने”

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तमाम राजनीतिक पंडितों को चौंकाते हुए मुख्यमंत्री पद तक पहुंचने वाले उज्जैन के विधायक डॉ मोहन यादव ने प्रदेश के राज्यपाल मंगूभाई पटेल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया.

इसके पहले शिवराज सिंह चौहान ने राज्यपाल को अपना त्यागपत्र सौंप दिया.

नेता चुने जाने के बाद डॉक्टर मोहन यादव ने कहा, “मेरे जैसे छोटे नेता को इस तरह की ज़िम्मेदारी देने को केंद्र और राज्य नेतृत्व का शुक्रिया. ये होती है भारतीय जनता पार्टी. यद्यपि मैं इस लायक नहीं हूं लेकिन आप सबका प्रेम, आपका आशीर्वाद और आपका सहयोग मिलेगा तो निश्चित रूप से मैं कोशिश करूंगा.एक बार फिर आप सबका आभार और धन्यवाद.”

उन्होंने कहा, “हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकास के सपने को लेकर आगे चलेंगे.”

डॉक्टर मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाने की घोषणा करते हुए मध्य प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बीडी शर्मा ने कहा कि इनका नाम विधायक दल के नेता के नाम को प्रस्तावित किया गया. चर्चा में सभी वरिष्ठ नेता नरेंद्र सिंह तोमर,कैलाश विजयवर्गीय और प्रहलाद पटेल भी मौजूद थे.

मोहन यादव पर दांव खेलने का फ़ायदा?

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राजनीतिक जानकारों का कहना है कि भाजपा ने डॉक्टर मोहन यादव को मुख्यमंत्री चुनकर कई हित साधने की कोशिश की है.

बिहार में जातिगत सर्वे के नतीजे सामने आने के बाद से विपक्षी दलों का गठबंधन ‘इंडिया’ और कांग्रेस पार्टी अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) जातियों की हिस्सेदारी का मुद्दा उठा रही है.

शिवराज सिंह चौहान ओबीसी से हैं और उनकी जगह लेने वाले मोहन यादव भी ओबीसी से ही आते हैं. जानकारों का कहना है कि उनकी नियुक्ति से भाजपा की नज़र बिहार और उत्तर प्रदेश पर भी है.

जानकारों का कहना है कि शिवराज सिंह चौहान के लगातार मुख्यमंत्री रहने से सरकार के ख़िलाफ़ जो एंटी इन्क्बैंसी बनी, नया चेहरा लाकर भाजपा उसे थामने की कोशिश में है.

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